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चाणक्य नीतिः हर स्त्री में होती हैं ये पांच बड़ी बीमारियां

नई दिल्ली: स्त्रियों के बारे में बड़े बुजुर्गों से अक्सर सुना जाता है कि स्त्रियों को तो ब्रह्मा भी नहीं समझा सकते हैं। आम मानवीय गुणों के चलते महिलाएं भी ऐसी कुछ बीमारियों या यूं

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नई दिल्ली: स्त्रियों के बारे में बड़े बुजुर्गों से अक्सर सुना जाता है कि स्त्रियों को तो ब्रह्मा भी नहीं समझा सकते हैं। आम मानवीय गुणों के चलते महिलाएं भी ऐसी कुछ बीमारियों या यूं कहें कमजोरियों से ग्रसित होती है जो उनका अहित करवाने के लिए काफी होती हैं। धर्मनीती और कूटनीति का पाठ पढ़ाने वाले महान राजनीतिज्ञ आचार्य चाणक्य भी स्त्रियों के बारे में कुछ ऐसे ही विचार रखते थे।

अर्थशास्त्र के ज्ञाता कौटिल्य जिन्हें दुनिया चाणक्य के नाम से भी जानती है, का कहना था कि महिलाओं के अंदर कुछ ऐसे अनचाहे गुण होते हैं जो उन्हें किसी भी वक्त मुश्किल में डाल सकते हैं। आज हम अपनी खबर में आपको स्त्रियों के कुछ ऐसे ही गुणों से परिचित करवाएंगे। जानिए आचार्य चाणक्य ने सदियों पहले महिलाओं के किन गुणों का उल्लेख किया था जिनके कारण वो अक्सर मुश्किल में फंस जाती हैं। चाणक्य ने महिलाओं के इन दोषों के बारे में एक श्लोक कहा है-

अनृतं साहसं माया मूर्खत्वमतिलोभिता।

अशौचत्वं निर्दयत्वं स्त्रीणां दोषा: स्वभावजा:।।

झूठ बोलना-

महिलाओं में झूठ बोलने की बहुत बड़ी बीमारी होती है। महिलाएं एक झूठ को छिपाने के लिए 100 झूठ तक बोलने से गुरेंज नहीं करती हैं, लेकिन जब सच सामने आता है तो उन्हें काफी जलालत का सामना करना पड़ता है। महिलाएं इस बीमारी की चपेट में कभी न कभी आ ही जाती हैं। आचार्य चाणक्य का कहना था कि महिलाओं का यह स्वाभाविक गुण कभी कभार उनका इतना अहित करवा देता है कि उनको इसका अंदाजा भी नहीं लग पाता।

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