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Hindi News भारत राष्ट्रीय भर्तियों में ‘विलंब’ और बेरोजगारी को लेकर कांग्रेस ने बीजेपी पर निशाना साधा

भर्तियों में ‘विलंब’ और बेरोजगारी को लेकर कांग्रेस ने बीजेपी पर निशाना साधा

कांग्रेस ने रेलवे समेत कई सरकारी विभागों में भर्तियों में ‘विलंब’ और बेरोजगारी की स्थिति को लेकर शुक्रवार को सरकार पर निशाना साधते हुए सवाल किया कि जब लोगों को भर्ती ही नहीं किया जाना था तो फिर लोकसभा चुनाव से कुछ महीने पहले हजारों रिक्तियों की अधिसू

Congress attacks govt over alleged rise in unemployment- India TV Hindi Image Source : PTI Congress attacks govt over alleged rise in unemployment

नयी दिल्ली: कांग्रेस ने रेलवे समेत कई सरकारी विभागों में भर्तियों में ‘विलंब’ और बेरोजगारी की स्थिति को लेकर शुक्रवार को सरकार पर निशाना साधते हुए सवाल किया कि जब लोगों को भर्ती ही नहीं किया जाना था तो फिर लोकसभा चुनाव से कुछ महीने पहले हजारों रिक्तियों की अधिसूचना क्यों जारी की गई? पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) की हालिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए दावा किया कि देश के 40 करोड़ लोगों को गरीबी की गर्त में धकेला जा रहा है और यह सरकार ‘गरीब विरोधी’ है। 

कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव से तीन महीने पहले रेलवे में हजारों रिक्तियों की अधिसूचना जारी की गई, लेकिन अब तक भर्ती नहीं की गई जिससे देश के युवाओं में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। सुरजेवाला ने एक वीडियो जारी कर कहा, ‘‘अब सोचने का समय है कि हार्ड वर्क और फ्रॉड वर्क में क्या फर्क है – फ्रॉर्ड वर्क हमने 6 साल के दौरान देखा जहां केवल मुठ्ठी भर उद्योगपतियों ने पैसा कमाया। अगर लॉकडाउन की ही बात करें तो कुछ उद्योगपतियों की आय तो लगभग 35 प्रतिशत बढ़ गई, परंतु जीडीपी, जिससे आय बढ़ती है, वो 24 प्रतिशत कम हो गई।’’ 

सुरजेवाला ने कहा, ‘‘हार्ड वर्क और फ्रॉड वर्क का अंतर समझना है, तो सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह की तत्कालीन सरकार से समझिए। 2004 में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार आई तो तो देश में गरीबी रेखा का आंकड़ा 38 प्रतिशत था। 10 साल बाद जब कांग्रेस ने 2014 में सरकार छोड़ी, तो देश में गरीबी 21.9 प्रतिशत रह गई। यानी 14 करोड़ हमारे गरीब भाई-बहन गरीबी रेखा से ऊपर उठ पाए।’’ 

वल्लभ ने बातचीत में दावा किया, ‘‘अप्रैल से जुलाई के बीच में 1.89 करोड़ वेतनभोगी लोगों ने अपनी नौकरी गंवा दी। देश में इस समय कुल 3.60 करोड़ लोगों के पास रोजगार नहीं है। यह सीएमआईई का आंकड़ा है।’’ उनके मुताबिक, रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) के ग्रुप डी के लिए 23 फरवरी 2019 को एक अधिसूचना जारी की गई थी। 18 महीने के बाद भी परीक्षा तिथि के बारे में कोई स्पष्टता नहीं है। 

वल्लभ ने कहा, ‘‘आरआरबी एनटीपीसी की परीक्षा के लिए अधिसूचना 28 फरवरी 2019 को जारी की गई थी। यहां भी 18 महीने के बाद परीक्षा तिथि को लेकर कोई स्पष्टता नहीं है। 35,277 रिक्तियों के लिए लगभग 1.26 करोड़ आवेदन आए और परीक्षा शुल्क से 500 करोड़ रुपये से अधिक राशि एकत्र की गई।’’ 

कांग्रेस प्रवक्ता ने सवाल किया, ‘‘चुनाव से 3 महीने पहले इन अधिसूचनाओं को जारी क्यों किया गया? क्या ये नौकरियां वास्तव में मौजूद हैं या मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए हर किसी के खाते में 15 लाख डालने के झूठे वादे की तरह यह भी सिर्फ एक राजनीतिक नौटंकी थी?’’ उन्होंने यह भी पूछा, ‘‘जब भारतीय रेलवे में नए लोगों को शामिल करने की समयावधि लंबी है, तो इस वर्ष निकली अन्य रिक्तियों का क्या होगा? क्या इसमें भी अब लंबा समय लगेगा और सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए क्या कर रही है कि यह सब दोहराया न जाए?’’

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