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Hindi News भारत राष्ट्रीय नई शिक्षा नीति का कांग्रेस नेता खुशबू सुंदर ने किया समर्थन, राहुल गांधी से मांगी माफी

नई शिक्षा नीति का कांग्रेस नेता खुशबू सुंदर ने किया समर्थन, राहुल गांधी से मांगी माफी

भारतीय जनता पार्टी द्वारा लाई गई नई शिक्षा नीति का कांग्रेस नेता खुशबू सुंदर ने समर्थन किया है। हालांकि ऐसा करने के लिए खुशबू सुंदर ने ट्वीट कर कांग्रेस नेता राहुल गांधी से पार्टी लाइन के इतर जाने पर माफी भी मांगी है।

Congress leader Khushbu Sundar- India TV Hindi Image Source : FILE Congress leader Khushbu Sundar

नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी द्वारा लाई गई नई शिक्षा नीति का कांग्रेस नेता खुशबू सुंदर ने समर्थन किया है। हालांकि ऐसा करने के लिए खुशबू सुंदर ने ट्वीट कर कांग्रेस नेता राहुल गांधी से पार्टी लाइन के इतर जाने पर माफी भी मांगी है। खुशबू सुंदर शिक्षा नीति के समर्थन में ट्वीट कर कहा कि नई शिक्षा नीति 2020 पर मेरा स्टैंड मेरी पार्टी से अलग है और मैं इसके लिए राहुल गांधी से माफी मांगती हूं। लेकिन मैं कठपुतली या रोबोट की तरह सिर हिलाने के बजाए तथ्यों पर बात करती हूं। अपने नेता से हम हर चीज पर सहमत नहीं हो सकते, लेकिन बतौर नागरिक बहादुरी से अपनी राय या विचार रख सकते हैं।

खुशबू सुंदर ने ट्वीट में कहा कि राजनीति महज शोर मचाने के लिए नहीं है, इसके बारे में मिलकर साथ काम करना है। और भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री कार्यालय को इसे समझना होगा। बतौर विपक्ष, हम इस पर विस्तार से देखेंगे और खामियों को इंगित करेंगे। भारत सरकार को नई शिक्षा नीति से जुड़ी खामियों को लेकर हर किसी को विश्वास में लेना चाहिए।

नयी शिक्षा नीति में स्कूली शिक्षा में आमूलचूल सुधार का खाका तैयार किया गया है जिसमें बोर्ड परीक्षा को सरल बनाने, पाठ्यक्रम का बोझ कम करने के साथ ही बचपन की देखभाल और शिक्षा पर जोर देते हुए स्कूल पाठ्यक्रम के 10 + 2 ढांचे की जगह 5 + 3 + 3 + 4 की नयी पाठयक्रम संरचना लागू की जाएगी । नयी नीति में विद्यार्थियों को कौशल या व्‍यावहारिक जानकारियां देने तथा पांचवी कक्षा तक मातृभाषा में शिक्षा पर जोर दिया गया है। 

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को नयी शिक्षा नीति को मंजूरी दे दी थी। बैठक के बाद स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता सचिव अनिता करवल ने संवाददाताओं को बताया कि ग्रेड 10 एवं 12 के लिए बोर्ड परीक्षाएं जारी रखी जाएंगी, लेकिन समग्र विकास के लक्ष्‍य को ध्‍यान में रखते हुए इन्‍हें नया स्वरूप दिया जाएगा ताकि छात्रों को कोचिंग क्लास की जरूरत नहीं पड़े ।’’ 

नयी नीति में बचपन की देखभाल और शिक्षा पर जोर देते कहा गया है कि स्कूल पाठ्यक्रम के 10 + 2 ढांचे की जगह 5 + 3 + 3 + 4 की नयी पाठयक्रम संरचना लागू की जाएगी जो क्रमशः 3-8, 8-11, 11-14, और 14-18 साल की उम्र के बच्चों के लिए होगी। इसमें अब तक दूर रखे गए 3-6 साल के बच्चों को स्कूली पाठ्यक्रम के तहत लाने का प्रावधान है, जिसे विश्व स्तर पर बच्चे के मानसिक विकास के लिए महत्वपूर्ण चरण के रूप में मान्यता दी गई है। नई प्रणाली में तीन साल की आंगनवाड़ी / प्री स्कूलिंग के साथ 12 साल की स्कूली शिक्षा होगी। 

एनसीईआरटी 8 ​​वर्ष की आयु तक के बच्चों के लिए प्रारंभिक बचपन देखभाल और शिक्षा (एनसीपीएफईसीसीई) के लिए एक राष्ट्रीय पाठ्यक्रम और शैक्षणिक ढांचा विकसित करेगा। एक विस्तृत और मजबूत संस्थान प्रणाली के माध्यम से प्रारंभिक बचपन देखभाल और शिक्षा (ईसीसीई) मुहैया कराई जाएगी। इसमें आंगनवाडी और प्री-स्कूल भी शामिल होंगे । बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मक ज्ञान की प्राप्ति को सही ढंग से सीखने के लिए अत्‍यंत जरूरी एवं पहली आवश्यकता मानते हुए ‘एनईपी 2020’ में मंत्रालय द्वारा ‘बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मक ज्ञान पर एक राष्ट्रीय मिशन’’ की स्थापना किए जाने पर विशेष जोर दिया गया है। 

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