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Hindi News भारत राष्ट्रीय नए ‘श्रमिक विरोधी’ नियमों से बनेगी ‘आर्थिक गुलामी’ की स्थिति, फिर सोचे सरकार: कांग्रेस

नए ‘श्रमिक विरोधी’ नियमों से बनेगी ‘आर्थिक गुलामी’ की स्थिति, फिर सोचे सरकार: कांग्रेस

कांग्रेस ने ‘पेशेवर सुरक्षा, स्वास्थ्य व काम करने की स्थिति (ओएसएच) संहिता- 2020’ से संबंधित प्रस्तावित नए नियमों को ‘श्रमिक विरोधी’ करार देते हुए सोमवार को कहा कि सरकार को इनपर पुनर्विचार करना चाहिए तथा सभी श्रमिक संगठनों के साथ विचार-विमर्श करना चाहिए।

रणदीप सुरजेवाला- India TV Hindi Image Source : PTI/FILE रणदीप सुरजेवाला

नई दिल्ली: कांग्रेस ने ‘पेशेवर सुरक्षा, स्वास्थ्य व काम करने की स्थिति (ओएसएच) संहिता- 2020’ से संबंधित प्रस्तावित नए नियमों को ‘श्रमिक विरोधी’ करार देते हुए सोमवार को कहा कि सरकार को इनपर पुनर्विचार करना चाहिए तथा सभी श्रमिक संगठनों के साथ विचार-विमर्श करना चाहिए। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह दावा भी किया कि इन नियमों के लागू होने से ‘आर्थिक गुलामी’ की व्यवस्था बन जाएगी और इससे संगठित क्षेत्र में करीब 41 लाख लोगों को अपनी नौकरियों से हाथ धोना पड़ेगा। 

सुरजेवाला ने एक बयान में कहा, ‘‘पेशेवर सुरक्षा, स्वास्थ्य व काम करने की स्थिति से संबंधित नए नियमों से संगठित क्षेत्र में 41 लाख नौकरियां खत्म हो जाएंगी। भारत ने दास प्रथा को सदियों पहले खत्म कर दिया था, लेकिन मोदी सरकार ने आर्थिक गुलामी की नयी व्यवस्था लागू कर दी है।’’ उनके मुताबिक, इन ‘श्रमिक विरोधी’ नए नियमों से सिर्फ पूंजीपतियों का फायदा होगा और मजदूरों और कामकाजी तबके का शोषण होगा। 

कांग्रेस नेता ने दावा किया, ‘‘भाजपा सरकार ने गरीबों और कमजोरों के शोषण को कम करने के बजाय उनके दमन का खुला लाइसेंस दे दिया है। नए नियमों में नियम-28 में यह प्रावधान किया गया है कि कारखानों में काम करने वालों से एक दिन में 12 घंटे तक काम लिया जाएगा।’’ सुरजेवाला ने कहा कि ऐसे कदम से भारत के मजदूरों और कामकाजी तबके की शारीरिक और मानसिक स्थिति पर बहुत बुरा असर होगा। 

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने भारत के कामगारों की जीविका, सेहत और कामकाजी जिंदगी पर कानूनी हमला बोलने के लिए एक बार फिर स्वीकृति प्रदान की है। सुरजेवाला ने कहा, ‘‘हमारी मांग है कि इन नियमों पर पुनर्विचार किया जाए और सभी श्रमिक संगठनों एवं संबंधित पक्षों से बातचीत की जाए। तब तक के लिए इन नियमों को लागू नहीं किया जाए।’’ 

खबरों के मुताबिक, केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने एक दिन में कामकाज के अधिकतम घंटों को बढ़ाकर 12 करने का प्रस्ताव पेश किया है। पेशेवर सुरक्षा, स्वास्थ्य व काम करने की स्थिति (ओएसएच) संहिता 2020 के तहत तैयार नियमों के मसौदे में यह प्रावधान रखा गया है। ओएसएच संहिता को इसी साल संसद ने मंजूरी दी थी और उसमें कामकाज के अधिकतम 8 घंटे तय किए गए थे।

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