A
Hindi News भारत राष्ट्रीय Corona के मरीजों को नहीं होगी सांस लेने में दिक्कत, भारतीय वैज्ञानिकों ने बनाई खास डिवाइस

Corona के मरीजों को नहीं होगी सांस लेने में दिक्कत, भारतीय वैज्ञानिकों ने बनाई खास डिवाइस

कोविड 19 के प्रमुख लक्षणों में सांस फूलने की भी समस्या है। ऐसे में इस डिवाइस का इस्तेमाल उन मरीजों के लिए किया जा सकता है, जिन्हें गहन देखभाल इकाइयों (आईसीयू) से डिस्चार्ज कर दिया गया है।

Coronavirus- India TV Hindi Image Source : AP Representational Image

नई दिल्ली. कोरोनावायरस के मरीजों के उपचार के लिए भारतीय वैज्ञानिकों ने एक खास डिवाइस बनाई है। यह डिवाइस ऑक्सीजन से भरपूर हवा की आपूर्ति करेगा। यह डिवाइस उन मरीजों के लिए मददगार होगी, जिन्हें कोरोना के कारण सांस लेने में तकलीफ होती है। पूरी तरह स्वदेशी इस डिवाइस को विज्ञान एवं प्रौद्यौगिकी विभाग(डीएसटी) से मिली आर्थिक मदद पर जेनरिच मेम्ब्रेन्स नामक कंपनी ने बनाया है।

जेनरिच मेम्ब्रेन्स ने कोविड-19 के मरीजों के उपचार में काम आने वाले इस मशीन को 'मेम्ब्रेन ऑक्सीजनेटर इक्विपमेंट' नाम दिया है। नई और स्वदेशी हॉलो-फाइबर मेम्ब्रेन प्रौद्योगिकी पर आधारित यह मशीन 35 प्रतिशत तक ऑक्सीजन बढ़ाती है। यह डिवाइस सुरक्षित है। इसे चलाने के लिए ट्रेंड स्टाफ की भी जरूरत नहीं होती। इसकी देखरेख में भी ज्यादा सावधानी नहीं बरतनी होती। यह पोर्टेबल होता है यानी इसे कहीं भी लगाकर चला सकते हैं। खास बात है कि यह किसी भी जगह तेजी से भरपूर ऑक्सीजन से युक्त हवा उपलब्ध कराती है।

इस उपकरण में मेम्ब्रेन काटिर्र्ज, तेल मुक्त कम्प्रेशर, आउटपुट फ्लोमीटर, ह्युमिडिफायर बोतल, नासल कैनुला और ट्यूबिंग व फिटिंग्स शामिल हैं। साफ हवा को मेम्ब्रेन काटिर्र्ज में भरा जाता है, जो भारी दबाव के साथ नाइट्रोजन की तुलना में ऑक्सीजन की प्रचुर मात्रा वाली ऑक्सीजन की सप्लाई करता है। मेम्ब्रेन काटिर्र्ज कुल मिलाकर ऑक्सीजन और नाइट्रोजन में अंतर करने में सक्षम है, जो वायरस, बैक्टीरिया और कणयुक्त तत्वों को गुजरने से रोकता है।

डीएसटी सचिव प्रोफेसर आशुतोष शर्मा के मुताबिक, "कोविड-19 सहित अन्य मरीजों के लिए चिकित्सा ग्रेड से ऑक्सीजनयुक्त हवा की जरूरत होती है। वैश्विक अनुभव से सामने आया है कि लगभग 14 प्रतिशत संक्रमण के मामले में ही ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत होती है और जिसमें 4 प्रतिशत को ही आईसीयू आधारित वेंटिलेटरों की जरूरत होती है। इस डिवाइस के जरिए संक्रमित मरीजों की सांस से जुड़ी समस्याओं का बेहतर इलाज किया जा सकता है।"

कोविड 19 के प्रमुख लक्षणों में सांस फूलने की भी समस्या है। ऐसे में इस डिवाइस का इस्तेमाल उन मरीजों के लिए किया जा सकता है, जिन्हें गहन देखभाल इकाइयों (आईसीयू) से डिस्चार्ज कर दिया गया है। यह डिवाइस क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिसीज (सीओपीडी), अस्थमा, इंटर्सटिशियल लंग डिसीज (आईएलडी), समय पूर्व जन्मे बच्चों, सांप काटने जैसी बीमारियों से प्रभावित मरीजों के लिए भी खासी मददगार हो सकती है। खास बात है कि इस डिवाइस का परीक्षण और इसे मान्यता देने का काम पूरा हो गया है।

Latest India News