A
Hindi News भारत राष्ट्रीय भारत में एक हफ्ते में कोरोना वायरस के मामले 61,000 बढ़े, विशेषज्ञों ने जताई गहरी चिंता

भारत में एक हफ्ते में कोरोना वायरस के मामले 61,000 बढ़े, विशेषज्ञों ने जताई गहरी चिंता

देश में अनेक क्षेत्र खुलने के बीच कोविड-19 के संक्रमण के मामलों में तेजी से इजाफा हो रहा है और पिछले एक सप्ताह में करीब 61,000 मामलों का उछाल आया है।

Coronavirus- India TV Hindi Image Source : AP Representational Image

नयी दिल्ली: देश में अनेक क्षेत्र खुलने के बीच कोविड-19 के संक्रमण के मामलों में तेजी से इजाफा हो रहा है और पिछले एक सप्ताह में करीब 61,000 मामलों का उछाल आया है जिसके बाद चिकित्सा क्षेत्र के विशेषज्ञों को लगता है कि अगर हालात नियंत्रण से बाहर हुए तो लॉकडाउन फिर लगाना पड़ सकता है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, भारत में शुक्रवार को संक्रमण के एक दिन में रिकॉर्ड 9,851 मामले सामने आए वहीं 273 लोगों की मौत हो गयी। इसके बाद देश में संक्रमण के कुल मामलों की संख्या जहां 2,26,770 पर पहुंच गयी है वहीं मौत का आंकड़ा 6,348 पर पहुंच गया है। लगातार तीन दिन से मामलों में अत्यधिक वृद्धि दर्ज की जा रही है। 

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्विटर पर कुछ आंकड़े साझा किये हैं जिनके अनुसार स्पेन, जर्मनी, इटली और ब्रिटेन जैसे अधिकतर देशों ने अपने-अपने यहां लॉकडाउन तथा पाबंदियों को तब हटाया जब उनका कोविड-19 का ग्राफ या तो समतल हो गया या नीचे की ओर जाने लगा। भारत में कोविड-19 का ग्राफ लॉकडाउन की अवधि में भी लगातार बढ़ता रहा जहां 31 मई को समाप्त हुए बंद के चौथे चरण में और उसके बाद संक्रमण के मामलों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। 

इस समय भारत संक्रमण के मामलों की संख्या के लिहाज से दुनिया का सातवां सबसे प्रभावित देश है। उससे पहले अमेरिका, ब्राजील, रूस, ब्रिटेन, स्पेन और इटली आते हैं। शालीमार बाग स्थित फोर्टिस अस्पताल के फेफड़ा रोग विभाग के निदेशक डॉ विकास मौर्य ने कहा, ‘‘जब चरणों में लॉकडाउन खोला जाएगा तो मामलों में इजाफा होगा। बुनियादी रूप से लॉकडाउन का इस्तेमाल महामारी से निपटने और उसके प्रकोप को रोकने की तैयारी के लिए किया जाता है।’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘जब चरणों में लॉकडाउन खोला जाएगा तो मामले बढ़ेंगे, लेकिन महत्वपूर्ण इस बात का ध्यान रखना है कि हालात बेकाबू नहीं हों और अगर ऐसा होता है तो लॉकडाउन दोबारा लगाना पड़ेगा।’’ जानेमाने फेफड़ा रोग विशेषज्ञ डॉ अरविंद कुमार ने कहा कि यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि लोग स्वत: लॉकडाउन का पालन करते रहें और इन चार महत्वपूर्ण सिद्धांतों को अमल में लाएं कि अत्यावश्यक नहीं हो तो बाहर नहीं जाएंगे, हमेशा मास्क पहनेंगे, दूरी बनाकर रखेंगे और हाथ धोते रहेंगे। 

उन्होंने कहा, ‘‘फिलहाल तो हालात पुन: लॉकडाउन लगाने के नहीं हैं, लेकिन अगर परिस्थिति बेकाबू हो गयी तो फिर से बंद की ओर लौटना पड़ सकता है।’’ सर गंगा राम अस्पताल से जुड़े डॉ कुमार ने इस बात पर भी जोर दिया कि धर्मस्थलों और मॉल्स को खोलने की अनुमति देना जल्दबाजी वाला फैसला है क्योंकि यह सुनिश्चित करना बहुत मुश्किल होगा कि लोग नियमों का उल्लंघन नहीं करें। फोर्टिस अस्पताल, वसंत कुंज के फेफड़ा रोग विभाग के निदेशक डॉ विवेक नांगिया ने भी कहा कि मामलों का तेजी से बढ़ना चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि मॉल्स और धर्मस्थलों को खोलना अभी जल्दबाजी है क्योंकि लोगों का जमा होना शुरू हो जाएगा और चीजें नियंत्रण से बाहर हो जाएंगी। 

Latest India News