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Hindi News भारत राष्ट्रीय गर्भपात के लिये समय-सीमा बढ़ाने संबंधी याचिका पर मंगलवार को सुनवाई करेगी अदालत

गर्भपात के लिये समय-सीमा बढ़ाने संबंधी याचिका पर मंगलवार को सुनवाई करेगी अदालत

याचिका में यह अनुरोध किया गया है कि अविवाहित महिलाओं और विधवाओं को भी कानून के तहत वैधानिक गर्भपात की अनुमति मिलनी चाहिए।

Delhi HC to hear plea about increasing time limit to terminate pregnancy- India TV Hindi Delhi HC to hear plea about increasing time limit to terminate pregnancy

नयी दिल्ली: किसी गर्भवती महिला या उसके गर्भ में पल रहे शिशु के स्वास्थ्य को कोई खतरा होने की स्थिति में गर्भपात कराने की समय-सीमा बढ़ाकर 24 या 26 हफ्ते करने की अनुमति से संबंधित याचिका पर दिल्ली उच्च न्यायालय मंगलवार को सुनवाई करने के लिये सहमत हो गया है। फिलहाल गर्भपात कराने की समय-सीमा 20 सप्ताह है। 

याचिका में यह अनुरोध किया गया है कि अविवाहित महिलाओं और विधवाओं को भी कानून के तहत वैधानिक गर्भपात की अनुमति मिलनी चाहिए। मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन एवं न्यायमूर्ति बृजेश सेठी के समक्ष याचिका आने पर उन्होंने इस संबंध में सुनवाई के लिये मंगलवार का दिन तय किया। 

सामाजिक कार्यकर्ता एवं वकील अमित साहनी की ओर से दायर याचिका में स्वास्थ्य मंत्रालय एवं कानून मंत्रालय को इस संबंध में निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। याचिका में दोनों मंत्रालयों को अदालत को यह बताने का निर्देश देने की मांग की गई है कि 2014 के मसौदा संशोधन के प्रस्ताव के संदर्भ में ‘गर्भ का चिकित्सकीय समापन अधिनियम, 1971’ के प्रावधानों में कब बदलाव किया जायेगा। मौजूदा कानून के मुताबिक 20 सप्ताह से अधिक के गर्भ के समापन की अनुमति नहीं है। 

इसमें यह भी अनुरोध किया गया है कि गर्भपात के लिये 20 सप्ताह की सीमा को कानून में समुचित संशोधन कर 24 से 26 सप्ताह कर दिया जाये। गर्भ का चिकित्सकीय समापन अधिनियम, 1971 की धारा 3 (2) (बी) 20 सप्ताह के गर्भावस्था के बाद भ्रूण के गर्भपात से रोकता है।

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