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Hindi News भारत राष्ट्रीय दिल्ली की वायु गुणवत्ता ‘खराब’, बुधवार को इसमें और गिरावट के आसार

दिल्ली की वायु गुणवत्ता ‘खराब’, बुधवार को इसमें और गिरावट के आसार

राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता सोमवार सुबह ‘खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई, वहीं सरकारी एजेंसियों ने कहा कि अगले कुछ दिन में हवा की दिशा में बदलाव और गति में कमी की वजह से इसमें और गिरावट से वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आ सकता है।

Delhi's air quality 'poor'; likely to worsen by Wednesday- India TV Hindi Image Source : PTI Delhi's air quality 'poor'; likely to worsen by Wednesday

नयी दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता सोमवार सुबह ‘खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई, वहीं सरकारी एजेंसियों ने कहा कि अगले कुछ दिन में हवा की दिशा में बदलाव और गति में कमी की वजह से इसमें और गिरावट से वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आ सकता है। दिल्ली में एक्यूआई का 24 घंटे का औसत 244 दर्ज किया गया। रविवार को यह 254, शनिवार को 287, शुक्रवार को 239 और बृहस्पतिवार को 315 दर्ज किया गया, जो 12 फरवरी (एक्यूआई 320) के बाद से सबसे खराब था। 

वायु गुणवत्ता शून्य से 50 के बीच ‘अच्छी’, 51 से 100 तक ‘संतोषजनक’, 101 से 200 तक ‘मध्यम’, 201 से 300 तक ‘खराब’, 301 से 400 तक ‘बेहद खराब’ और 401 से 500 के बीच ‘गंभीर’ मानी जाती है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के वायु गुणवत्ता निगरानी कर्ता ‘सफर’ ने कहा कि हवा की दिशा में बदलाव और हवा की रफ्तार में कमी आने की वजह से बुधवार को एक्यूआई ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आ सकता है। 

पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) ने आने वाले दिनों में वायु गुणवत्ता के और खराब होने का अनुमान जताते हुए सोमवार को उत्तर प्रदेश और हरियाणा की सरकारों से ऐसे तापीय ऊर्जा संयंत्रों को बंद करने के लिये तैयार रहने को कहा है जो 2015 में तैयार मानकों पर खरे नहीं उतरते हैं। प्राधिकरण के प्रमुख भूरे लाल ने दो अलग-अलग पत्रों में दोनों राज्यों की सरकारों से थर्मल पावर संयंत्रों को बंद करने की तैयारियों की समीक्षा करने और इसकी जानकारी ईपीसीए को देने के लिये कहा। 

इसके अलावा प्राधिकरण ने दोनों राज्यों को कड़ाके की सर्दियों के दौरान आवश्यक बंद का पालन सुनिश्चित करने के लिये उठाए जाने वाले कदमों की भी जानकारी देने को कहा है। लाल ने कहा, ''आने वाले दिनों में वायु गुणवत्ता और खराब हो सकती है, लिहाजा इस पत्र के जरिये मैं यह बताना चाहता हूं कि हमें 2015 में स्थापित मानकों पर खरे नहीं उतरने वाले थर्मल ऊर्जा संयंत्रों को बंद करने का निर्देश देने पड़ सकते हैं।'' 

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने वायु प्रदूषण पर काबू के लिए सोमवार को केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्रियों के साथ मासिक बैठकें करने का अनुरोध किया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस मुद्दे के हल के लिए राज्यों के स्तर पर राजनीतिक इच्छाशक्ति का अभाव है। केजरीवाल ने एक डिजिटल संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पराली जलाने पर रोक और वायु प्रदूषण पर काबू के लिए प्रभावित राज्य किसी समाधान पर नहीं पहुंच सके हैं। 

उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना ​​है कि पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण पर बहुत कम समय में काबू पाया जा सकता है। लेकिन ऐसा करने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी दिखाई देती है।’’ पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि प्रदूषण के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए शहर में 2,500 पर्यावरण मार्शल तैनात किये जायेंगे। ये मार्शल दिल्ली के 11 जिलों में 100 यातायात सिग्नल पर तैनात होंगे। 

राय ने कहा कि प्रदूषण और पराली जलाने के मुद्दे पर चर्चा के लिये केंद्र के साथ दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के पर्यावरण मंत्रियों की एक बैठक अनिवार्य रूप से प्रत्येक 15 दिनों में होनी चाहिए। संवाददाता सम्मेलन के दौरान पूछे गए सवाल के जवाब में दिल्ली के पर्यावरण मंत्री ने कहा कि ऐसी बैठकों से राज्यों के बीच समन्वय सुधारने में मदद मिलेगी। 

‘सफर’ ने कहा कि दिल्ली में पीएम 2.5 तत्वों में खेतों में पराली जलाने की हिस्सेदारी सोमवार को 10 प्रतिशत रही जहां हरियाणा, पंजाब और पड़ोसी क्षेत्रों में पराली जलाने की 1,090 घटनाएं दर्ज की गयीं। पीएम 2.5 प्रदूषक कणों में पराली जलाने की हिस्सेदारी रविवार को 17 फीसदी थी। शनिवार को यह 19 फीसदी थी, शुक्रवार को 18 फीसदी, बुधवार को करीब एक फीसदी और मंगलवार, सोमवार और रविवार को करीब तीन फीसदी थी। 

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