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Hindi News भारत राष्ट्रीय निर्भया केस: तिहाड़ जेल में पवन जल्लाद ने किया दोषियों की फांसी का डमी ट्रायल

निर्भया केस: तिहाड़ जेल में पवन जल्लाद ने किया दोषियों की फांसी का डमी ट्रायल

तिहाड़ जेल में निर्भया के दोषियों की फांसी का डमी ट्रायल किया गया। पवन जल्लाद ने दोषियों की फांसी की तारीख से एक दिन पहले सोमवार को डमी को फांसी लगाकर ट्रायल किया।

तिहाड़ जेल में पवन जल्लाद ने किया फांसी का डमी ट्रायल- India TV Hindi Image Source : PTI तिहाड़ जेल में पवन जल्लाद ने किया फांसी का डमी ट्रायल

नई दिल्ली: तिहाड़ जेल में निर्भया के दोषियों की फांसी का डमी ट्रायल किया गया। पवन जल्लाद ने दोषियों की फांसी की तारीख से एक दिन पहले सोमवार को डमी को फांसी लगाकर ट्रायल किया। तिहाड़ जेल के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि "पवन जल्लाद ने आज (सोमवार) 2012 दिल्ली गैंग रेप के दोषियों की डमी को फांसी लगाई। बता दें कि दोषियों को तीन मार्च (मंगलवार) की सुबह 6 बजे फांसी लगाने का आदेश था लेकिन फिलहाल वह टल गया है।

टल गई फांसी

निर्भया हत्या और बलात्कार मामले में चार दोषियों में से एक पवन ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को दया याचिका भेजी थी, जिसे राष्ट्रपति ने सोमवार को खारिज कर दिया। इसीलिए, अब दया याचिक खारिज होने के बाद नया डेथ वारेंट जारी किया जाएगा। इसका मतलब है कि तीन मार्च (मंगलवार) की सुबह 6 बजे होने वाली फांसी अब टल गई है। कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई कर अगले आदेश तक के लिए फांसी टाल दी है।

दया याचिका खारिज होने के बाद क्या?

दरअसल, जेल मैन्युअल में लिखा गया है कि सारी लीगल रैमेडीज खत्म होने के बाद...दया याचिका खारिज होने के बाद भी अपराधी को चौदह दिन से पहले फांसी पर नहीं लटकाया जा सकता। जेल मैन्युअल में लिखी इसी बात का फायदा उठाते हुए निर्भया के दोषी अभी तक तीन बार फांसी टलवा चुके हैं। हर बार फांसी की तारीख से ठीक पहले दोषी ऐसे ही करके फांसी टलवाते आ रहे हैं।

वो खौफनाक रात...

दिल्ली में 16-17 दिसंबर 2012 की दरम्यानी रात छह लोगों ने चलती बस में 23 वर्षीय पैरामेडिकल छात्रा से बर्बर बलात्कार किया था और फिर उसे बस से सड़क पर फेंक दिया था। इस लड़की को काल्पनिक नाम ‘निर्भया’ से जाना गया। बाद में 29 दिसंबर 2012 को सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में उसकी मौत हो गई थी। राम सिंह नाम के आरोपी ने तिहाड़ जेल में कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी। आरोपियों में शामिल एक नाबालिग को तीन साल तक किशोर सुधार गृह में रखने के बाद रिहा कर दिया गया था।

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