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Hindi News भारत राष्ट्रीय भारत की पहली महिला बैरिस्टर को गूगल ने डूडल बनाकर दी श्रद्धांजलि

भारत की पहली महिला बैरिस्टर को गूगल ने डूडल बनाकर दी श्रद्धांजलि

एक पारसी परिवार में जन्मी सोराबजी के नाम कई उपलब्धियां हैं। वह बंबई विश्वविद्यालय से स्नातक करने वाली पहली महिला हैं। उन्हें ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई करने वाली पहली महिला होने का गौरव प्राप्त है। इसके साथ ही वह किसी भी ब्रिटिश विश्वव

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नयी दिल्ली: कई बाधाओं को पार करके भारत की पहली महिला बैरिस्टर होने का गौरव हासिल करने वाली कॉर्नेलिया सोराबजी की 151वीं जयंती पर गूगल ने शानदार डूडल बनाकर उन्हें याद किया। डूडल में एक अदालत का चित्र दिखाई दे रहा है जिसके आगे सोराबजी की वकील की पोशाक पहने हुए तस्वीर दिखाई दे रही है। डूडल पर क्लिक करने पर यूट्यूब पर उनकी एक वीडियो दिखाई देती है जिसमें उनके जीवन के बारे में बताया गया है।

एक पारसी परिवार में जन्मी सोराबजी के नाम कई उपलब्धियां हैं। वह बंबई विश्वविद्यालय से स्नातक करने वाली पहली महिला हैं। उन्हें ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई करने वाली पहली महिला होने का गौरव प्राप्त है। इसके साथ ही वह किसी भी ब्रिटिश विश्वविद्यालय में पढ़ाई करने वाली पहली भारतीय नागरिक हैं।

उन्होंने कई चुनौतियों का सामना करते हुए भारत में पहली महिला वकील होने का गौरव हासिल किया। वर्ष 2012 में लंदन में लिंकन इन में उनकी आवक्ष प्रतिमा का अनावरण किया गया। 15 नवंबर 1866 में पैदा हुईं सोराबजी के पिता एक मिशनरी थे और उन्होंने दावा किया कि बंबई विश्वविद्यालय को एक महिला को डिग्री कार्यक्रम में दाखिला देने के लिए मनाने में उनके पिता की अहम भूमिका थी।

सोराबजी की मां एक प्रभावशाली महिला थीं और उन्होंने कई सामाजिक कार्यों में हिस्सा लिया। उन्होंने पूना (अब पुणे) में कई गर्ल्स स्कूल खोले। सोराबजी के कई शैक्षिक और करियर संबंधी फैसलों पर उनकी मां का प्रभाव रहा। सोराबजी का छह जुलाई 1954 को देहांत हो गया।

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