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Hindi News भारत राष्ट्रीय बाबा की 'हनी' के पीछे पुलिस, राम रहीम के जेल जाने के बाद से गायब है हनीप्रीत

बाबा की 'हनी' के पीछे पुलिस, राम रहीम के जेल जाने के बाद से गायब है हनीप्रीत

हनीप्रीत पर यौन शोषण मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद राम रहीम को कोर्ट से भगाने की साजिश रचने का आरोप है। आरोपो के मुताबिक दोषी ठहराए जाने के बाद राम रहीम को भगाने का प्लान तैयार किया गया था लेकिन हरियाणा पुलिस और सेना की मुस्तैदी से उनके प्लान पर प

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नई दिल्ली: राम रहीम की गोद ली हुई बेटी हनीप्रीत इंसा के खिलाफ पंचकूला पुलिस ने लुकआउट नोटिस जारी किया है। हनीप्रीत पर राम रहीम को भगाने की कोशिश और देशद्रोह का मामला है। हनीप्रीत राम रहीम के जेल जाने के बाद से ही लापता हैं। हनीप्रीत को आखिरी बार 25 अगस्त को राम रहीम के साथ देखा गया था। वो कोर्ट के बाहर और उस हेलीकॉप्टर में भी दिखी थी। हनीप्रीत पर यौन शोषण मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद राम रहीम को कोर्ट से भगाने की साजिश रचने का आरोप है। आरोपो के मुताबिक दोषी ठहराए जाने के बाद राम रहीम को भगाने का प्लान तैयार किया गया था लेकिन हरियाणा पुलिस और सेना की मुस्तैदी से उनके प्लान पर पानी फिर गया। ये भी पढ़ें: बकरीद पर कुर्बानी के खिलाफ खड़ा हुआ मुस्लिम समाज, जानें क्या है पूरा मामला

बता दें कि राम रहीम ने सजा सुनाए जाने के बाद अपने सिक्युरिटी कमाडोंज की मदद से भागने की साजिश रची थी। उसने वहां मौजूद हजारों समर्थकों की भीड़ कर फायदा उठा कर गायब होने की योजना बनाई थी। राम रहीम पूरी प्लानिंग के साथ पंचकुला की कोर्ट में पहुंचा था। उसने अपने बॉडीगार्ड्स को पहले ही बता दिया था कि जैसे ही कोर्ट का फैसला आएगा तो उन्हें क्या करना है। कैसे सपोर्टर्स को भड़काना है और उसे कैसे पुलिस के चंगुल से निकाल कर भागना है। कोर्ट से गुनहगार साबित होने के बाद गुरमीत राम रहीम जेल जाने के बजाए कोर्ट से फरार होना चाहता था।

बड़ी बात ये है कि राम रहीम को भगाने की प्लानिंग में उसकी सिक्युरिटी में तैनात हरियाणा पुलिस के कुछ कमांडोज भी शामिल थे। साजिश को अंजाम देने के लिए गाडियों का इंतजाम था। गाड़ियों में खतरनाक हथियार छुपाए गए थे। राम रहीम ने भी तय कर रखा था कि वो कैसे इशारा देगा। उसने कोड वर्ड में मैसेज दिया। उसके कमांडोज एक्टिव भी हुए पुलिस के चंगुल से बलात्कारी बाबा को छुड़ाने की कोशिश भी हुई। लेकिन पुलिस अफसरों की मुस्तैदी से गुरमीत सिंह राम रहीम का प्लान कामयाब नहीं हो पाया।

इंडियन रिजर्व बटालियन के आईजी के के राव के साथ गुड़गांव के डीसीपी सुमित कुमार पंचकुला कोर्ट में मौजूद थे। इन दोनों अफसरों पर राम रहीम को रोहतक जेल तक ले जाने का जिम्मा था। लेकिन ये इतना आसान नहीं था। आईजी ने बताया कि जैसे ही राम रहीम ने अपने फॉलोअर्स को हिंसा का मैसेज भिजवाया पंचकुला में हालात खराब हो गए। अफसर समझ चुके थे कि बाबा ने चाल चली है। पुलिस वक्त बर्बाद नहीं करना चाहती थी। लेकिन राम रहीम जानबूझकर कोर्ट प्रेमाइसेस में टाइम वेस्ट कर रहा था। वो ज्यादा से ज्यादा देर तक कोर्ट में रहना चाहता था। जिससे हालात और खराब हों और वो मौके का फायदा उठा सके।

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