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कैसे की गई थी J&K में 370 हटाने की प्लानिंग? किसी को कानों-कान नहीं थी खबर

राजनीतिक जानकारों की मानें तो पीएम मोदी साल 2019 में लोकसभा चुनाव में वापसी को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त थे, इसीलिए उनकी टीम ने चुनाव से पहले ही मिशन कश्मीर पर काम करना शुरू कर दिया था, लेकिन इस मिशन पर असली काम शुरू किया गया जून 2019 की दूसरे हफ्ते में।

how was the planning to remove article 370 from jammu kashmir was done । कैसे की गई थी J&K में 370 ह- India TV Hindi Image Source : PTI कैसे की गई थी J&K में 370 हटाने की प्लानिंग? किसी को कानों-कान नहीं थी खबर

नई दिल्ली. कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटे एक साल हो चुका है। पिछले साल 5 अगस्त को भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर राज्य से अनुच्छेद 370 हटाने और इस राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों- जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांटने का निर्णय लिया गया था। ये निर्णय किए जाने से पहले ज्यादातर राजनीतिक दलों का मानना था कि कोई भी सरकार जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का फैसला नहीं ले सकती, लेकिन मोदी सरकार 2.0 के गृह मंत्री अमित शाह ने इस हटाकर सबको गलत साबित कर दिया। आइए आपको बतातें हैं कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने की प्लानिंग कैसे की गई थी।

राजनीतिक जानकारों की मानें तो पीएम मोदी साल 2019 में लोकसभा चुनाव में वापसी को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त थे, इसीलिए उनकी टीम ने  चुनाव से पहले ही मिशन कश्मीर पर काम करना शुरू कर दिया था, लेकिन इस मिशन पर असली काम शुरू किया गया जून 2019 की दूसरे हफ्ते में। मोदी 2.0 सरकार में गृह मंत्री पद का जिम्मा संभालते ही अमित शाह कश्मीर के दौरे पर गए, इस दौरान उन्होंने वहां कई अधिकारियों से मुलाकात की।

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अमित शाह के इस दौरे के बाद आला अधिकारी इस मिशन को अंजाम देने के लिए जुट गए। कश्मीर में तैनात अधिकारियों और सुरक्षा बलों के साथ मिलकर इस मिशन को लेकर प्लान बनाया गया। किसी भी हालत में पाकिस्तान समर्थित आतंकियों और कश्मीर घाटी में मौजूद उनके समर्थकों द्वारा कोई हिंसा न सके इसके लिए सभी पूरा सामंजस्य बैठाया गया। खुद एनएसए अजित डोभाल 23 और 24 जुलाई को श्रीनगर गए। फैसले से पहले कश्मीर घाटी में पर्याप्त सुरक्षा बल भेजे गए। फैसला लेने से ठीक पहले 4 अगस्त की रात राज्य के डीजीपी दिलबाग सिंह को एहतियाती कदम उठाने को कहा गया। माहौल को जो भी नेता बिगाड़ सकता है, उसे नजरबंद किया गया, मोबाइल सेवाओं को बंद किया गया।

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