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Hindi News भारत राष्ट्रीय जेएनयू मामला: चार्जशीट में जल्‍दबाजी पर दिल्‍ली पुलिस को कोर्ट की लताड़, 10 दिनों में दिल्‍ली सरकार से लेनी होगी मंजूरी

जेएनयू मामला: चार्जशीट में जल्‍दबाजी पर दिल्‍ली पुलिस को कोर्ट की लताड़, 10 दिनों में दिल्‍ली सरकार से लेनी होगी मंजूरी

जेएनयू में देश विरोधी नारों से जुड़े मामलों में दायर चार्जशीट को लेकर दिल्ली सरकार अभी असमंजस में है। चार्जशीट के लिए दिल्ली सरकार ने अब तक अनुमति नहीं दी है।

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जेएनयू में देश विरोधी नारों से जुड़े मामलों में दायर चार्जशीट को लेकर अब दिल्‍ली पुलिस मुश्किल में पड़ गई है। शनिवार को दिल्‍ली की अदालत ने दिल्‍ली पुलिस को चार्जशीट दाखिल करने में प्रक्रिया का पालन न करने पर लताड़ लगाई है। बता दें कि देशद्रोह के मामले में दिल्ली पुलिस को दिल्ली सरकार से अनुमति लेनी होती है। यह अनुमति दिल्ली सरकार का लॉ डिपार्टमेंट देता है। यदि दिल्‍ली सरकार अनुमति नहीं देती है तो आरोपियों पर लगे आरोप खारिज हो जाएंगे। अब दिल्‍ली पुलिस का 10 दिनों के भीतर मंजूरी लेनी होगी। 

बता दें कि 14 जनवरी को दिल्‍ली पुलिस ने जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार, उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य समेत 10 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। कन्हैया, खालिद और अनिर्बान के अलावा आकिब हुसैन, मुजीब हुसैन, मुनीब हुसैन, उमर गुल, रईस रसूल, बशरत अली, और खलिद बशीर भट के नाम चार्जशीट में शामिल हैं। इनके अलावा शेहला रशीद तथा सीपीआई नेता डी राजा की बेटी अपराजिता राजा का नाम भी चार्जशीट में शामिल है। इनके अलावा 36 नाम ऐसे भी हैं जिनके खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं है लेकिन उनके बारे में कहा गया है कि वे भी नारे लगाने वालों के साथ खड़े हुए थे।

जानें क्‍यों है असमंजस 

अगर दिल्ली सरकार के गृह विभाग जेनएयू मामले में स्पेशल सेल के "देशद्रोह "मामले में दायर चार्जशीट पर कार्रवाई के लिए आदेश देती है तो दिल्ली सरकार को उसका राजनीतिक नुकसान का भय हो सकता है और अगर दिल्ली सरकार द्वारा संज्ञान के लिए अनुमति नहीं देती है तो स्पेशल सेल द्वारा कन्हैया कुमार सहित अन्य आरोपियों के खिलाफ लगे देशद्रोह के मामले खारिज हो जाएंगे। अरविंद केजरीवाल को कई दफा कन्हैया कुमार के साथ एक मंच पर देखा गया है।

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