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Hindi News भारत राष्ट्रीय राम मंदिर पर मुस्लिम पक्षकारों में मतभेद, किसके वकील हैं कपिल सिब्बल?

राम मंदिर पर मुस्लिम पक्षकारों में मतभेद, किसके वकील हैं कपिल सिब्बल?

प्रधानमंत्री ने राम मंदिर मुद्दे पर राम मंदिर के विरोधी गुट के वकील के तौर पर सुप्रीम कोर्ट में पेश होने पर कपिल सिब्बल पर डायरेक्ट अटैक किया तो सिब्बल भी जबाव देने कैमरे के सामने आ गए।

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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में राम मंदिर मामले की सुनवाई टालने की मांग पर बुरे फंसे कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर पलटवार किया है। सिब्बल ने दावा किया कि वो सुप्रीम कोर्ट में सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील हैं ही नहीं लेकिन सिब्बल के दावे पर मुस्लिम पक्षकारों की राय अलग-अलग दिख रही है जिससे सवाल उठ रहा है कि आखिर कपिल सिब्बल किसके वकील हैं। गुजरात में पहले चरण की वोटिंग के लिए प्रचार खत्म होने से पहले चुनावी पारा चरम पर है लेकिन प्रचार के आखिरी दौर में राम मंदिर मामले में कपिल सिब्बल के बहाने भाजपा के हाथ एक ऐसा ब्रह्मास्त्र लगा है जिसका इस्तेमाल पार्टी प्रवक्ताओं से लेकर पार्टी अध्यक्ष और प्रधानमंत्री तक जमकर कर रहे हैं।

अहमदाबाद के धांधुका में चुनावी रैली के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कि मुझे इस पर कोई आपत्ति नहीं है कि कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल अयोध्या विवाद में मुस्लिम समुदाय की ओर से पैरवी कर रहे हैं। लेकिन वह कैसे सुप्रीम कोर्ट से कह सकते हैं कि अगले चुनाव तक इसका हल ना निकालें। इस मुद्दे का लोकसभा चुनाव से भला कैसे कोई कनेक्शन है? क्या आप (कांग्रेस) चुनाव के लिए राम मंदिर को लटकाना चाहते हैं?

प्रधानमंत्री ने राम मंदिर मुद्दे पर राम मंदिर के विरोधी गुट के वकील के तौर पर सुप्रीम कोर्ट में पेश होने पर कपिल सिब्बल पर डायरेक्ट अटैक किया तो सिब्बल भी जबाव देने कैमरे के सामने आ गए। सिब्ब्ल ने कहा, 'हम भगवान पर भरोसा करते हैं, हमें आप पर भरोसा नहीं है मोदी जी। आप राम मंदिर नहीं बनाने जा रहे हैं, मंदिर तभी बनेगा जब ईश्वर की मर्जी होगी। इसका फैसला कोर्ट करेगा। हमारे प्रधानमंत्री कभी-कभी बिना कुछ जाने कमेंट कर देते हैं। अमित शाह और पीएम ने कहा कि मैंने सुन्नी वक्फ बोर्ड का प्रतिनिधित्व किया। जबकि मैं कभी सुन्नी वक्फ बोर्ड का वकील नहीं रहा।'

सिब्बल ने पीएम पर पलटवार तो किया लेकिन ये नहीं बताया कि कोर्ट में उन्होंने राम मंदिर विवाद पर सुनवाई को टालने की मांग आखिर क्यों की। इतना ही नहीं राम मंदिर के मुस्लिम पक्षकारों में भी सिब्बल को लेकर एक राय नहीं है। सुन्नी वक्फ बोर्ड के पक्षकार हाजी महबूब अंसारी और बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के संयोजक जफरयाब जिलानी अलग बातें कह रहे हैं। अगर जिलानी सिब्बल के समर्थन में हैं तो अंसारी सिब्बल पर कांग्रेस की भाषा बोलने का आरोप लगा रहे हैं।

मुस्लिम पक्षकारों में इसी मतभेद का फायदा उठाकर भाजपा सिब्बल के बहाने कांग्रेस को घेर रही है हालांकि शाम होते-होते बाबरी मस्जिद के पक्षकार हाजी महबूब भी पलट गए और कहने लगे कि सिब्बल उनके वकील नहीं और वो जो कह रहे हैं कुछ सोच-समझकर ही कह रहे हैं।

कपिल सिब्बल पर छिड़े संग्राम में कांग्रेस साफ कर चुकी है कि वो वकील हैं और किसकी पैरवी करते हैं, ये उनका निजी फैसला है लेकिन मुस्लिम पक्षकारों की अलग-अलग राय सामने आने के बाद अब सिब्बल के उस दावे पर भी सवाल उठ रहे हैं कि वो सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील हैं या नहीं।

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