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Hindi News भारत राष्ट्रीय Photo Blog: कायनात काजी की जुबानी, संगाई फेस्टिवल की कहानी...

Photo Blog: कायनात काजी की जुबानी, संगाई फेस्टिवल की कहानी...

डॉक्टर कायनात काजी- दिल्ली से मणिपुर तक का सफ़र लंबा है। यहां तक पहुंचने के दो ही साधन हैं, या तो बस या फिर फ्लाइट। पहाड़ों की दूर दूर तक फैली क़तारों को पार करके

sangai festival

लाव लश्कर के साथ लोग पारंपरिक वेश भूषा में सज कर आते हैं और अपने आराध्य देव की पूजा करते हैं। पूजा के बाद दो पतली नावों में नाविक सवार होते हैं। और रेस आरम्भ की जाती है। जो सबसे पहले नहर का चक्कर लगा कर वापस आता है वही विजयी घोषित किया जाता है। यह रेस केरल में आयोजित की जाने वाली स्नेक बोट रेस से थोड़ी अलग है। उस रेस में नाविक बैठ कर नाव चलाते हैं जबकि यहां नाव में खड़े होकर बड़ी मुश्किल से बैलेंस बनाते हुए नाव चलानी पड़ती है। केरल की बोट रेस एक्शन से भरपूर होती है जबकि यह रेस धीमे-धीमे आगे बढ़ती है। पुरुषों के बाद महिलाओं की रेस रखी जाती है। सुन्दर पारंपरिक परिधान मेखला में सजी यह महिलाऐं किसी अप्सरा सी सुन्दर नज़र आती हैं। वैसे तो संगाई  फेस्टिवल का मुख्य केंद्र इम्फाल ही है लेकिन एडवेंचर एक्टिविटी के लिए इम्फाल के बाहर भी आयोजन किये जाते हैं।

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