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Hindi News भारत राष्ट्रीय केजरीवाल का वार, कहा- पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की तरह व्यवहार कर रहे हैं मोदी, BJP ने किया ये पलटवार

केजरीवाल का वार, कहा- पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की तरह व्यवहार कर रहे हैं मोदी, BJP ने किया ये पलटवार

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिस तरह से विपक्षी दलों के नेतृत्व वाली राज्य सरकारों से व्यवहार करते हैं उससे लगता है कि वह भारत के नहीं, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री हैं।

<p>Kejriwal accuses Modi of behaving like PM of Pakistan,...- India TV Hindi Image Source : PTI Kejriwal accuses Modi of behaving like PM of Pakistan, not of India

नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिस तरह से विपक्षी दलों के नेतृत्व वाली राज्य सरकारों से व्यवहार करते हैं उससे लगता है कि वह भारत के नहीं, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री हैं। मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के खिलाफ चंद्रबाबू नायडू के एक दिवसीय धरने को समर्थन देते हुए आम आदमी पार्टी (आप) के नेता ने प्रधानमंत्री पर आरोप लगाया कि वह दक्षिणी राज्य को विशेष दर्जा देने के अपने वादे से मुकर गए।

केजरीवाल ने कहा, “कोई किसी भी दल को मत दे सकता है लेकिन चुनावों के बाद, जो भी जीतता है और मुख्यमंत्री बनता है वह पूरे राज्य का मुख्यमंत्री होता है न कि किसी खास दल का। इसी तरह, जब कोई प्रधानमंत्री बनता है, तब वह पूरे देश का प्रधानमंत्री होता है, न कि सिर्फ एक पार्टी का।”

केजरीवाल ने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी जिस तरह से राज्यों में विपक्षी दलों की सरकारों से व्यवहार करते हैं, वह ऐसा हैं जैसे वे भारत के नहीं बल्कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री हों।” केजरीवाल के आरोपों पर पलटवार करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय सचिव और आंध्र प्रदेश के सह प्रभारी सुनील देवधर ने कहा कि ‘महा-गठबंधन’ के नेता इस बात की प्रतियोगिता कर रहे हैं कि कौन मोदी के प्रति ज्यादा अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल कर सकता है।

उन्होंने ट्वीट कर कहा कि विपक्षी नेता इस तथ्य को नहीं पचा सकते कि ‘चायवाला’ प्रधानमंत्री बन गया है और ‘‘भ्रष्टाचार के मुद्दे पर उन सभी के खिलाफ शिकंजा कस रहा है।’’ नायडू के प्रदर्शन स्थल पर केजरीवाल ने कहा कि यह “दुर्भाग्यपूर्ण” है कि एक राज्य के मुख्यमंत्री को केंद्र सरकार तक अपनी मांग पहुंचाने के लिए उपवास पर बैठना पड़े जबकि मांग केंद्र के वादे से जुड़ी है।

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