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Hindi News भारत राष्ट्रीय केजरीवाल ने कृषि कानूनों पर तिवारी का न्योता नजरअंदाज किया, भाजपा नेताओं ने दोबारा किया अनुरोध

केजरीवाल ने कृषि कानूनों पर तिवारी का न्योता नजरअंदाज किया, भाजपा नेताओं ने दोबारा किया अनुरोध

दिल्ली प्रदेश भाजपा ने केंद्र के नये कृषि कानूनों का विरोध करने पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को रविवार (27 दिसंबर) को घेरने की कोशिश की। 

BJP leader Manoj Tiwari, Farm Bills 2020, Arvind Kejriwal- India TV Hindi Image Source : PTI/FILE BJP leader Manoj Tiwari 

नयी दिल्ली। दिल्ली प्रदेश भाजपा ने केंद्र के नये कृषि कानूनों का विरोध करने पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को रविवार (27 दिसंबर) को घेरने की कोशिश की। पार्टी के प्रदेश प्रमुख आदेश गुप्ता और पार्टी के लोकसभा सदस्य मनोज तिवारी ने केजरीवाल से अपनी पसंद की तारीख और जगह तय करने को कहा, जहां वे इन कानूनों के उन्हें फायदे समझा सकें। इससे पहले तिवारी ने शनिवार को मुख्यमंत्री को यहां मदर टेरेसा क्रीसेंट रोड स्थित अपने आवास पर नए कृषि कानूनों को लेकर "संदेह" स्पष्ट करने के लिए आमंत्रित किया था, जिसे केजरीवाल ने नजरअंदाज कर दिया है। 

तिवारी ने कहा कि वह रविवार को दोपहर तीन बजे मुख्यमंत्री का अपने आवास पर इंतजार कर रहे थे। तिवारी ने मुख्यमंत्री के नहीं आने पर मीडिया से कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) नेता को कृषि कानूनों पर "लोगों को गुमराह" करना बंद करना चाहिए या उनका आमंत्रण स्वीकार करना चाहिए। गुप्ता भी तिवारी के साथ उनके आवास पर मौजूद थे। उन्होंने कहा कि चूंकि दिल्ली के मुख्यमंत्री भाजपा सांसद के घर नहीं आए, इसलिए वह समय और स्थान तय कर लें, जहां उन्हें तीनों कानूनों के लाभ के बारे में बताया जा सके। 

केजरीवाल ने शुक्रवार को दावा किया था कि केंद्र सरकार के कृषि सुधार कानूनों से किसी सूरत में किसानों का फायदा नहीं होगा, बल्कि उन्हें नुकसान होगा। केजरीवाल ने ट्वीट किया था, “भाजपा का कहना है इन क़ानूनों से किसानों का कोई नुक़सान नहीं होगा, पर फ़ायदा क्या होगा? वे कहते हैं कि अब किसान मंडी के बाहर कहीं भी फसल बेच पाएगा। पर मंडी के बाहर तो आधे दाम में फसल बिकती है? ये “फ़ायदा” कैसे हुआ? सच्चाई ये है कि इन क़ानूनों से ढेरों नुक़सान हैं और एक भी फ़ायदा नहीं।“ 

तिवारी ने कहा कि उन्होंने केजरीवाल को अपने आवास पर आमंत्रित किया था। लेकिन वे विपक्षी नेताओं से मिलने नहीं आए, यहां तक कि वह अपने घर के बाहर बैठे जन प्रतिनिधियों से भी नहीं मिले थे। हाल ही में, शहर के तीनों महापौरों और भाजपा शासित नगर निगमों के अन्य नेताओं ने 13 दिन तक केजरीवाल के घर के बाहर धरना दिया था, लेकिन वह उनसे मिलने बाहर नहीं आए थे।

तिवारी ने रविवार को पत्रकारों से कहा, “ अगर अरविंद केजरीवाल को कृषि कानूनों को लेकर वास्तव में कोई शंका है और वह इन्हें समझने में विफल रहे हैं, तो हम उनकी मदद करने के लिए तैयार हैं। उन्हें कृषि कानूनों पर लोगों को गुमराह करना बंद करना चाहिए या हमारी पेशकश स्वीकार करनी चाहिए।“ केजरीवाल और उनकी आम आदमी पार्टी कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों का समर्थन कर रही है। इस महीने के शुरू में केजरीवाल सिंघू बॉर्डर गए थे, जहां किसान प्रदर्शन कर रहे हैं और किसानों के लिए दिल्ली सरकार द्वारा की गई व्यवस्था की समीक्षा की थी।

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