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जानें, GST से जुड़े अपने सारे मुश्किल सवालों के आसान जवाब

एक देश एक टैक्स के सपने को पूरा करने वाला गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) 1 जुलाई से लागू होने वाला है। पूरे देश में इस नई कर व्यवस्था को लागू करने के लिए मोदी सरकार ने पूरी तैयारी कर रखी है।

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नई दिल्ली: एक देश एक टैक्स के सपने को पूरा करने वाला गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) 1 जुलाई से लागू होने वाला है। पूरे देश में इस नई कर व्यवस्था को लागू करने के लिए मोदी सरकार ने पूरी तैयारी कर रखी है। जीएसटी लागू करने के लिए 30 जून को आधी रात में संसद में विशेष आयोजन किया जाएगा। आइए, जानते हैं GST से जुड़ी हर छोटी-बड़ी बात आसान शब्दों में...

राष्ट्रपति करेंगे लॉन्च:

  • अरुण जेटली बोले कि GST काउंसिल ने सैकड़ों फैसले लिए हैं, 30 जून को इस पर संसद का विशेष सत्र बुलाया गया है।
  • जेटली ने कहा कि 30 जून की देर शाम को इसे आधिकारिक तौर पर लॉन्च किया जाएगा।
  • इस सत्र में जीएसटी काउंसिल के सभी सदस्य, सभी सांसद मौजूद रहेंगे।
  • उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन और मनमोहन सिंह और एचडी देवेगौड़ा को भी न्योता दिया गया है। वे भी मंच पर रहेंगे। 
  • लॉन्चिंग से पहले राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री जीएसटी के बारे में अपनी बात रखेंगे। 

दिखाएंगे शॉर्ट फिल्म:

  • जेटली ने कहा कि यह कार्यक्रम सेंट्रल हॉल में होगा, इस कार्यक्रम में सभी राज्यों के वित्तमंत्री को भी बुलाया गया है।
  • जेटली ने बताया कि इस दौरान एक कार्यक्रम होगा, जिसमें सभी लोग मौजूद रहेंगे।
  • इस दौरान दो शॉर्ट फिल्म भी दिखाई जाएगी, जिसमें जीएसटी की खूबियों की दर्शाया जाएगा।

जेटली द्वारा कही गई बातों के खास अंश:

  • जीएसटी में मुनाफाखोरीरोधी प्रावधान डराने के लिए है और इसका तब तक इस्तेमाल करने का इरादा नहीं है जब तक कि बहुत मजबूरी न हो जाए।
  • हम पहले से कहते आ रहे हैं कि जीएसटी पहली जुलाई से लागू कर दिया जाएगा, ऐसे में कोई यह कैसे कह सकता है कि वह तैयार नहीं है।
  • कृषि ऋण माफी का केंद्र का इरादा नहीं, हम अपने राजकोषीय लक्ष्यों पर कायम रहेंगे।
  • जीएसटी की प्रक्रिया में कई सरकारों ने अहम भूमिका निभाई है।
  • यूपीए सरकार ने 2006 में जीएसटी लाने की बात कही थी।
  • 2016 में जीएसटी बिल दोनों सदनों में पास हुआ था।
  • केरल और जम्मू-कश्मीर को छोड़ पूरे देश में कानून बना और केरल में भी अगले हफ्ते तक यह कानून बन जाएगा।
  • जीएसटी के बाद कुछ समय के लिए चुनौतियां का सामना करना पड़ेगा।
  • मध्यम से लंबी अवधि के बीच केंद्र और राज्य का राजस्व जीएसटी के जरिए बढ़ेगा।
  • घोषित अर्थव्यवस्था का आकार भी विस्तृत होगा।
  • जीएसटी का शुभारंभ कार्यक्रम संसद के सेंट्रल हॉल में होगा. सांसदों, मुख्यमंत्रियों और राज्यों के वित्त मंत्रियों को आमंत्रित किया जा रहा है।
  • बता दें कि सरकार संभवत: पहली बार नई कराधान प्रणाली शुरू करने के लिये केंद्रीय कक्ष का उपयोग करेगी।
  • नई अप्रत्यक्ष कर प्रणाली 2,000 अरब डॉलर से अधिक अर्थव्यवस्था को नया रूप देगी।
  • केंद्र एवं राज्य सरकारों को एक साथ लाने वाली जीएसटी परिषद की 17 बार बैठक हुई ताकि नई कर व्यवस्था को अंतिम रूप दिया जा सके।
  • पहले जीएसटी की शुरुआत विज्ञान भवन से होनी थी लेकिन नई कर संहिता की अहमियत को देखते हुए केंद्रीय हाल को बेहतर विकल्प माना गया।
  • नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था एक दर्जन से अधिक शुल्कों को स्वयं में समाहित कर एकल बाजार तैयार करेगा जिसकी आबादी अमेरिका, यूरोप, ब्राजील, मैक्सिको तथा जापान को मिलाकर अधिक है।

2 राज्यों को छोड़कर बाकी सभी राज्यों में GST पास:

  • जेटली ने कहा कि जीएसटी काउंसिल के जितने भी फैसले हुए, सारे आम राय से हुए। 
  • केरल में आने वाले हफ्ते में बिल पास हो जाएगा। 
  • जम्मू-कश्मीर में जीएसटी के लिए प्रक्रिया चल रही है। इन दो राज्यों को छोड़कर बाकी राज्यों में जीएसटी बिल पास हो चुका है। 
  • एक प्रकार से सभी निर्णय संसद के दोनों सदनों, राज्य विधानसभाओं में सहयोग रहा। पूरे देश के इनडायरेक्ट टैक्सेशन सिस्टम को यह पूरा बदल देगा।

क्या है GST?

  • GST का मतलब गुड्स एंड सर्विसेज टैक्‍स है। 
  • इसको केंद्र और राज्‍यों के 17 से ज्‍यादा इनडायरेक्‍ट टैक्‍स के बदले में लागू किया जाएगा। 
  • ये ऐसा टैक्‍स है, जो देशभर में किसी भी गुड्स या सर्विसेज की मैन्‍युफैक्‍चरिंग, बिक्री और इस्‍तेमाल पर लागू होगा।
  • इससे एक्‍साइज ड्यूटी, सेंट्रल सेल्स टैक्स (सीएसटी), स्टेट के सेल्स टैक्स यानी वैट, एंट्री टैक्स, लॉटरी टैक्स, स्टैंप ड्यूटी, टेलिकॉम लाइसेंस फीस, टर्नओवर टैक्स, बिजली के इस्तेमाल या बिक्री और गुड्स के ट्रांसपोर्टेशन पर लगने वाले टैक्स खत्म हो जाएंगे।
  • सरल शब्‍दों में कहें तो जीएसटी पूरे देश के लिए इनडायरेक्‍ट टैक्‍स है, जो भारत को एक समान बाजार बनाएगा। 
  • जीएसटी लागू होने पर सभी राज्यों में लगभग सभी गुड्स एक ही कीमत पर मिलेंगे। 
  • अभी एक ही चीज के लिए दो राज्यों में अलग-अलग कीमत चुकानी पड़ती है। 
  • इसकी वजह अलग-अलग राज्यों में लगने वाले टैक्स हैं। 
  • इसके लागू होने के बाद देश बहुत हद तक सिंगल मार्केट बन जाएगा।
  • इसके तहत कर की चार श्रेणी रखी गई हैं, इसमें 5 फीसदी,12 फीसदी, 18 फीसदी और 28 फीसदी है।
  • सरकार का आकलन है कि जीएसटी लागू होने के बाद खुदरा महंगाई दो फीसदी तक घट सकती है।

GST लागू होने से आम आदमी को क्या फायदा होगा?

  • टैक्सों का जाल और रेट कम होगा: अभी हम अलग-अलग सामान पर 30 से 35% टैक्स देते हैं। जीएसटी में कम टैक्स लगेगा। 
  • एक देश, एक टैक्स: सभी राज्यों में सभी सामान एक कीमत पर मिलेगा। 
  • अभी एक ही चीज दो राज्यों में अलग-अलग दाम पर बिकती है, क्योंकि राज्य अपने हिसाब से टैक्स लगाते हैं।

कितने तरह के GST हैं और इनके मायने क्या हैं?
1. सीजीएसटी यानी सेंट्रल जीएसटी: इसे केंद्र सरकार वसूलेगी।
2. एसजीएसटी यानी स्टेट जीएसटी: इसे राज्य सरकार वसूलेगी। 
3. आईजीएसटी यानी इंटिग्रेटेड जीएसटी: अगर कोई कारोबार दो राज्यों के बीच होगा तो उस पर यह टैक्स लगेगा। इसे केंद्र सरकार वसूलकर दोनों राज्यों में बराबर बांट देगी।
4. यूनियन टेरेटरी जीएसटी: यूनियन गवर्नमेंट द्वारा एडिमिनिस्ट्रेट किए जाने वाले गुड्स, सर्विस या दोनों पर लगेगा। इसे सेंट्रल गवर्नमेंट ही वसूलेगी।

GST का प्रॉफि‍ट ग्राहक को नहीं दि‍या तो सरकार करेगी कार्यवाही: 

  • जीएसटी काउंसिल ने वस्तुओं एवं सेवाओं पर टैक्स की दरों का निर्धारण कर दिया है। 
  • जहां एक ओर बदले हुए टैक्स रेट से कुछ चीजें सस्ती होंगी तो कुछ महंगी भी हो जाएंगी। 
  • सरकार ने बीते June 18 (रवि‍वार) को साफ किया है कि कि‍ अगर कोई कारोबारी उसे मि‍लने वाली छूट या लाभ का हि‍स्सास ग्राहक को ट्रांसफर नहीं करता तो उसके खि‍लाफ कार्रवाई की जाएगी। 
  • जानकारी के मुताबिक सरकार एंटी प्रोफि‍टेरिंग अथॉरि‍टी का गठन कर रही है। 
  • इसका काम यह देखना होगा कि‍ कारोबारी जीएसटी का फायदा ग्राहकों को पहुंचा रहे हैं या नहीं।

अब सितंबर से हर महीने दाखिल करना होगा रिटर्न: 

  • जीएसटी काउंसिल ने रिटर्न दाखिल करने वालों को थोड़ी राहत दी है। 
  • जीएसटी की तैयारियों को लेकर समय मांगने वालों को हर महीने रिटर्न दाखिल करने के लिए शुरुआत के दो महीनों में छूट देने का फैसला किया गया है। 
  • यानी अब सितंबर से हर महीने रिटर्न दाखिल करना अनिवार्य होगा।

GST से क्‍या आपके घर के बजट पर असर पड़ेगा, यहां जानिए..
ऑटोमोबाइल सेक्टर: जीएसटी आने के बाद बड़ी गाड़ी खरीदने पर आपको कम टैक्स देना होगा। अभी जो टैक्स 55% तक देना पढ़ता है, जीएसटी लागू होने के बाद 43% हो जाएगा। हालांकि छोटी गाड़ी पर टैक्स में इतना फर्क नहीं आएगा।  अभी छोटी गाड़ियों पर 30% टैक्स लगता है, जो जीएसटी के बाद 29% हो जाएगा।

फ्रिज और वाशिंग मशीन: इन चीजों के रेट पर जीएसटी आने से कुछ ज्यादा बदलाव नहीं होने वाला है। अभी 20,000 के उत्पाद पर 5,300 रुपए टैक्स लगता है, जो जीएसटी आने के 300 रुपए बड़ कर 5,600 का हो जाएगा।

जीवन बीमा: अगर आप 15,000 का बीमा करते हैं, तो आपको अभी तक 2,250 टैक्स के तौर पर देना पढ़ता था, वो अब 2,700 देना होगा।

सोना: सोने पर 3% जीएसटी लगेगा और सोने की मेकिंग पर 5% जीएसटी लगेगा।

होटल: अगर आप 1000 रुपए तक का रूम बुक करते हैं तो आपके ऊपर कोई टैक्स नहीं देना होगा , लेकिन अगर आप 5000 तक का रूम बुक करेंगे तो आपको 28% टैक्स देना होगा।

हेयर ऑयल: हेयर ऑइल पर 18% जीएसटी लगेगा, वहीं नारियल के तेल पर 5% जीएसटी लागू होगा।

विमान यात्रा: जीएसटी के लागू होने के बाद फ्लाइट से इकॉनमी क्‍लास में सफर सस्ता हो जाएगा। इकनॉमी श्रेणी के किराए के लिए जीएसटी दर 5% तय किया गया है।

रेल यात्रा: सामान्य श्रेणी या गैर वातानुकूलित (एसी) रेल यात्रा को जीएसटी से छूट दी गई है। जबकि वातानुकूलित टिकटों पर 5% शुल्क लगेगा।

टेलीकॉम: सेवाएं महंगी हो जाएंगी। सरकार ने इसे 18 प्रतिशत टैक्‍स स्‍लैब में रखा है।

ढाबे पर खाना: जीएसटी परिषद ने छोटे ढाबों पर 5% कर लगाने का फैसला किया है। लेकिन अगर आप नॉन-एसी होटल में खाना खाने बैठे है तो आपको 12% और 5 स्टार रेस्तरांमें खाना खाने के लिए आपको 28% टैक्स देना होगा।

रेडीमेड कपड़े: जीएसटी आने के बाद आपको 1000 रुपए तक के रेडीमेड गारमेंट खरीदने पर अब आपको सिर्फ 5% जीएसटी देना होगा जो अभी तक 12% था।

मूवी टिकट: सौ रुपये या उससे कम के सिनेमा टिकट पर 28% के बजाए 18% जीएसटी लगेगा। इससे ऊंचे मूल्य की टिकट पर कर की दर पहले के निर्णय के अनुसार 28% बनी रहेगी।

इन पर नो टैक्‍स: दूध, अनाज, ताजा फल, नमक, चावल, पापड़, चारा, किताब, लकड़ी, चूड़ियां, हैंडलूम, दवाइयों, पर कोई टैक्स नहीं लगेगा।

  • April 13 (गुरुवार) को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने वस्तु एवं सेवाकर (GST) व्यवस्था लागू करने से जुड़े चार विधेयकों को मंजूरी दे दी। 
  • राज्‍य सभा ने 6 अप्रैल को चार विधेयकों को बिना किसी संशोधन के अपनी मंजूरी दे दी थी। 
  • वहीं लोक सभा ने इन विधेयकों को 29 मार्च को पारित कर दिया था।

राज्यसभा में कैसे पास हुआ जीएसटी?

  • राज्यसभा में आठ घंटे चली लंबी परिचर्चा के बाद जीएसटी से जुड़े चार बिलों सेंट्रल जीएसटी, (CGST) इंटीग्रेटेड जीएसटी (IGST), यूनियन टेरिटरी जीएसटी (UGST) और कॉम्पेंसेशन जीएसटी बिलों को राज्यसभा ने बिना संशोधनों के पास कर दिया।
  • सेंट्रल जीएसटी बिल 2017, केंद्र शासित प्रदेश जीएसटी बिल 2017, एकीकृत जीएसी बिल 2017 और जीएसटी (राज्‍यों को मुआवजा) विधेयक 2017 को राज्‍य सभा ने चर्चा के बाद लोक सभा को वापस लौटा दिए।
  • संविधान संशोधन बिल जीएसटी को मनी बिल की तरह पेश किया गया था।

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह क्या बोले: 

  • जीएसटी काउंसिल में करीब 8 घंटे तक चली बहस के बाद बिलों पर वोटिंग से ठीक पहले पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अपनी पार्टी को सलाह दी कि वो बिलों में किसी संशोधन की मांग न करे और आम सहमति के साथ संघीय करार को बरकरार रखने में मदद करें। 
  • उन्होंने कहा कि ये एक गेम चेंजर हो सकता है लेकिन इसकी कल्पना नहीं की जा सकती है कि इसकी राह में मुश्किलें नहीं आएंगी।  

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सदन में क्या कहा?

  • वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राज्यसभा में जीएसटी बिल पर चर्चा के दौरान कहा, ‘यह कहने में कोई झिझक नहीं है कि इस बिल का क्रेडिट किसी व्यक्ति या सरकार को नहीं बल्कि सभी को जाता है।
  • यह ऐतिहासिक दिन है। जीएसटी का सभी दलों की सहमित से पास होना भारतीय लोकतंत्र के लिए अच्छा है’।
  • वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मनमोहन सिंह की भूमिका को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा, ‘मैं इस बात से बहुत खुश हूं कि जब देशहित की बात आई तो सभी दल और नेता एक स्वर में बोले।
  • जीएसटी लागू होने से महंगाई नहीं बढ़ेगी, इससे पूरे देश में एकसमान टैक्‍स व्‍यवस्‍था की शुरुआत होगी।
  • उन्‍होंने कहा कि जीएसटी के लागू होने से केंद्र, राज्‍यों, उद्योग और व्‍यापार सभी को फायदा होगा।
  • वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि जीएसटी में कृषि क्षेत्र टैक्स दायरे से बाहर रहेगा। राज्य सरकारों के पास टैक्स लगाने का अधिकार है लेकिन जिन कारणों से अभी कृषि को टैक्स दायरे से बाहर रखा गया है, उन्हीं कारणों से आगे भी ये क्षेत्र टैक्स से बाहर ही रहेगा।

जीएसटी अब तक अटका क्यों था?

  • 17 साल पहले वाजपेयी सरकार ने इसकी नींव रखी थी। पर अल्पमत में होने के कारण यह टलता रहा। 
  • 2009 में यूपीए ने कोशिश की। तब ज्यादातर राज्यों में गैर कांग्रेसी सरकारें थीं। सभी नुकसान की भरपाई पर अड़ी थीं। अब केंद्र और ज्यादातर राज्यों में बीजेपी की बहुमत वाली सरकारें हैं।

दुनिया में 5 से 25% तक है जीएसटी:

  • जीएसटी 160 देशों में लागू हो चुका है। लेकिन रेट अलग-अलग हैं।
  • जापान में 5%, सिंगापुर में 7%, जर्मनी में 19%, फ्रांस में 19.6% है।
  • स्वीडन में 25%, ऑस्ट्रेलिया में 10%, कनाडा में 5%, न्यूजीलैंड में 15% और पाकिस्तान में 18% तक है।
  • GST को 1954 में लागू करके फ्रांस ऐसा करने वाला दुनिया का पहला देश बना था।
  • चीन में GST 1994 में लागू किया गया था, जबकि रूस में 1991 में। सऊदी अरब इसे 2018 में लागू करन का मन बना रहा है।

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