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आखिर क्यों खुदकुशी करना चाहती थीं जयललिता

जयललिता एक चंचल लड़की से सिल्वर स्क्रीन की नायिका बनीं। राजनीति के पथलीरी राहों से होते हुए वो सत्ता का सिंहासन तक भी पहुंची थी। इस सफर के दौरान तन्हाई साए की तरह जयललिता का पीछा करती रही।

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नई दिल्ली। जयललिता एक चंचल लड़की से सिल्वर स्क्रीन की नायिका बनीं। राजनीति के पथलीरी राहों से होते हुए वो सत्ता का सिंहासन तक भी पहुंची थी। इस सफर के दौरान तन्हाई साए की तरह जयललिता का पीछा करती रही। 

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अम्मो दो साल की थी जब जिंदगी के थपेडों से पहली बार उसका सामना हुआ। जन्म तो एक अच्छे खानदान में हुआ। लेकिन पिता की फिजूलखर्जी और गलत आदतों की वजह से सब कुछ बर्बाद हो चुका था। पिता की बेरूखी और भविष्य की दुश्वारियों के बारे में सोचकर जयललिता की मां वेदा वल्ली अंदर तक टूट चुकी थी। इसी दौरान एक दिन किस्मत भी रूठ गई। अम्मो के सिर से पिता का साया उठ गया।

​पिता की मौत से परिस्थितियां बदलीं

पिता की मौत के संघर्ष से जयललिता के परिवार का समाना हुआ। मां वेदा वल्ली के सामने संकट ये था कि बेटी और बेटे को अच्छी परवरिश कैसे दें। मां ने हिम्मत दिखाते हुए परिवार का बोझ अपने कंधों पर ले लिया। और तब अम्मो को पहली बार अकेलेपन का एहसास हुआ। 

नानी के घर में हुआ लालन-पालन

मां अपनी छह साल की बेटी को रोजी रोटे के चक्कर में छोड़कर चेन्नई चली गई। अब बैगलुरू में रह रही अम्मो की दुनिया उसके ननिहाल तक सीमित हो गई। किस्मत से मां को तमिल फिल्मों में काम मिल गया। घर की माली हालत ठीक हो गई। लेकिन जयललिता अंदर ही अंदर टूटने लगी। जिस छोटी सी उम्र में अम्मों को मां का प्यार चाहिए था। उसी उम्र में जयललितामां के दीदार को तरसती थी। जिंदगी के इस खालीपन को कभी वक्त भी भर नहीं सका।

मां से दूरिया बढ़ गईं

ग्यारह साल की जयललिता अब अपनी मां के साथ रह रही थी,लेकिन एक छत के नीचे भी मां-बेटे में बहुत दूरियां थी। जब तक जयललिता की नींद खुलती मां फिल्म की शूटिंग पर जा चुकी होती थी। और जब मां घर लौटती तो जयललिता सो रही होती थी।इस बात का मलाल उन्हें हमेशा रहता। 16 साल की उम्र में वो फिल्मी दुनिया से जुड़ गई। कुछ वक्त के लिए लगा कि जयललिता की जिंदगी में खुशियों की बहार आ गई है।

मां की मौत सबसे बड़ा सदमा

उनकी कई फिल्मे हिट हुई और जल्द ही तमिल फिल्मों में वो नंबर वन हिरोईन बन गई। तभी उनकी मां का निधन हो गया। मां का देहांत जयललिता के लिए सबसे बड़ा सदमा था। 24 साल की जयललिता को उस वक्त ये तक नहीं पता था कि बैंक एकाउंट को कैसे आपरेट करते है। मां की मौत के बाद एक बार फिर जयललिता अकेली थी। इसी दौरान उन्होंने खुदकुशी की कोशिश की थी। 

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