A
Hindi News भारत राष्ट्रीय कुलगाम में हत्याओं के बाद मृतकों के गांववालों ने कहा, अपने लोगों को दोबारा कश्मीर नहीं भेजेंगे

कुलगाम में हत्याओं के बाद मृतकों के गांववालों ने कहा, अपने लोगों को दोबारा कश्मीर नहीं भेजेंगे

दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले में सेब के बागों में काम करने वाले नईमुद्दीन शेख, मुरसलीम शेख, रफीक शेख, कमरुद्दीन और रफीक उल शेख की मंगलवार रात आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।

Kulgam killing: Won’t send our men to Kashmir again, say villagers | PTI- India TV Hindi Kulgam killing: Won’t send our men to Kashmir again, say villagers | PTI

मुर्शिदाबाद: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के बहल नगर गांव के 5 लोगों की जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों द्वारा हत्या किए जाने के बाद उस गांव के निवासियों ने इरादा किया है कि वह घाटी में हालात सामान्य होने तक अपने लोगों को वहां काम के लिए नहीं भेजेंगे। दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले में सेब के बागों में काम करने वाले नईमुद्दीन शेख, मुरसलीम शेख, रफीक शेख, कमरुद्दीन और रफीक उल शेख की मंगलवार रात आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। पांचों के शव गुरुवार सुबह मुर्शिदाबाद जिले में उनके गृह नगर लाए गए।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, हमले में घायल हुआ एक व्यक्ति जहीरउद्दीन शेख का अस्तपाल में उपचार चल रहा है। उसकी दो महीने पहले शादी हुई थी। सभी छह मजदूर मुर्शिदाबाद जिले के सागरडिगी इलाके के बहल नगर गांव के निवासी हैं। बहल नगर के निवासी बीते दो दशक से नियमित रूप से काम के लिये घाटी जाते रहे हैं, लेकिन उन्होंने वहां कभी कोई परेशानी महसूस नहीं की। घाटी में सेब के बागों में काम कर चुके नसीरुद्दीन अली (60) ने कहा, ‘हमें यकीन नहीं हो रहा कि नईमुद्दीन और मुरसलीम की हत्या कर गई है। वह हमारे पड़ोसी थे। मेरे दो बेटे भी कश्मीर में काम करते हैं। वे पिछले सप्ताह वापस लौटे हैं। मैंने खुद भी 10-15 साल वहां काम किया है। हमने कभी ऐसे हालात का सामना नहीं किया।’

कुलगाम में मारे गए लोगों की शवयात्रा में उमड़ी भीड़ | PTI

उन्होंने कहा, ‘मैंने अपने बेटों को वापस (कश्मीर) नहीं जाने और यहीं जिले में या कोलकाता में काम ढूंढने के लिये कहा है।’ एक बुजुर्ग महिला फातिमा ने कहा, ‘मेरा बेटा अभी भी कश्मीर में है। वह निर्माण मजदूर के तौर पर काम करता है। मैंने कल रात उससे फोन पर बात की। मैंने उससे तुरंत वापस लौटने और यहां काम ढूंढने के लिये कहा। हमें ज्यादा पैसा नहीं चाहिये। अगर मेरे बेटे को कुछ हो गया तो मैं क्या करूंगी? ’ एक और बुजुर्ग ने अपने गांववालों को काम के लिये हिंसाग्रस्त कश्मीर नहीं जाने के लिये कहा। 

गंभीर रूप से घायल हुए जहीर उद्दीन शेख की पत्नी परमीता अपने पति के सकुशल घर लौटने की कामना कर रही हैं। परमीता ने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि मेरे पति सकुशल वापस लौट आएंगे। मैं चाहती हूं कि सरकार मेरे पति की सकुशल घर वापसी का आश्वासन दे। एक बार वह वापस आ जाएं, मैं उन्हें दोबारा काम के लिये कश्मीर नहीं जाने दूंगी।’ इस बीच, कई ऐसे परिवार भी हैं, जो कश्मीर में अलग अलग जगह काम कर रहे अपने लोगों के संपर्क में नहीं हैं। रोशनी बीबी नामक महिला ने बताया कि वह बीते 10 दिन से अपने पति से संपर्क नहीं कर पा रही हैं। 

आतंकियों ने कश्मीर में अशांति फैलाने के लिए हाल के दिनों में आम नागरिकों पर हमले तेज किए हैं। PTI

उन्होंने कहा, ‘हत्याओं की खबर गांव पहुंचते के बाद हम सब सो नहीं सके क्योंकि मैं बीते 10 दिन से अपने पति रबीउल से संपर्क नहीं कर पा रही हूं। हमने मजदूरों के ठेकेदार से संपर्क करने की कोशिश की। लेकिन अभी तक हमें सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली है।’

Latest India News