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Hindi News भारत राष्ट्रीय लोकपाल सर्च कमेटी की पहली बैठक, सदस्यों की नियुक्ति को लेकर हुई चर्चा, अन्ना हजारे ने किया अनशन का ऐलान

लोकपाल सर्च कमेटी की पहली बैठक, सदस्यों की नियुक्ति को लेकर हुई चर्चा, अन्ना हजारे ने किया अनशन का ऐलान

लोकपाल गठित करने की मांग को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता अन्‍ना हजारे के अनशन शुरू करने से ठीक एक दिन पहले लोकपाल सर्च कमेटी की पहली बैठक की गई है।

<p>सामाजिक कार्यकर्ता...- India TV Hindi Image Source : PTI सामाजिक कार्यकर्ता अन्‍ना हजारे (File Photo)

नई दिल्ली: लोकपाल गठित करने की मांग को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता अन्‍ना हजारे के अनशन शुरू करने से ठीक एक दिन पहले लोकपाल सर्च कमेटी की पहली बैठक की गई है। नई दिल्‍ली में हुई इस बैठक में लोकपाल के सदस्यों की नियुक्ति को लेकर चर्चा की गई। ये बैठक ऐसे समय पर हुई जब अन्ना हजारे ने लोकपाल के गठन को लेकर महात्‍मा गांधी की पुण्‍यतिथि (30 जनवरी) से अपने गांव रालेगण सिद्धी में अनशन पर बैठने का ऐलान किया।

अन्ना हजारे ने कहा कि वे अपने गांव महाराष्ट्र के रालेगन सिद्धी में अनशन पर बैठेंगे, उन्होंने साफ किया कि यह अनशन किसी व्यक्ति, पक्ष या पार्टी के विरुद्ध नहीं है, उन्होंने कहा कि वे समाज और देश की भलाई के लिए आंदोलन करते हैं और उसी प्रकार का ये आंदोलन होगा।  अन्ना ने कहा कि देश में लोकपाल कानून बने हुए 5 साल हो गए हैं और मोदी सरकार 5 साल बाद भी बार-बार बहानेबाजी कर रही है।

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के दिल मे अगर लोकपाल की नियुक्ती का विचार होता तो 5 साल नहीं लगते। हालाकिं, आपको बता दें कि लगभग चार महीने पहले मोदी सरकार द्वारा लोकपाल सर्च कमेटी का गठन किया गया था। लेकिन, इसकी पहली बैठक आज (29 जनवरी) ही की गई है। इस कमेटी की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई द्वारा की गई।

वहीं, इस सबसे इतर, महाराष्ट्र के मंत्रिमंडल ने मुख्यमंत्री कार्यालय को लोकायुक्त के अधिकार क्षेत्र में लाने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रिमंडल की बैठक में ये फैसला किया गया। बैठक के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए राज्य के जल संसाधन मंत्री गिरीश महाजन ने बताया कि मुख्यमंत्री के अलावा मंत्री, विपक्षी नेता भी लोकायुक्त के दायरे में आएंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘भ्रष्टाचार मुक्त शासन सुनिश्चित करने के लिए ये बहुत अच्छी पहल है।’’ राज्य में लोकायुक्त भ्रष्टाचार के आरोप लगने पर किसी भी मामले की जांच कर सकता है या करवा सकता है, अगर शिकायत या मामला भ्रष्टाचार से जुड़ा हुआ हो। महाराष्ट्र पहला ऐसा राज्य था, जिसने 1971 में लोकायुक्त और उप लोकायुक्त कानून के जरिए लोकायुक्त संस्था की शुरूआत की थी।

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