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Hindi News भारत राष्ट्रीय मध्य प्रदेश हनी ट्रैप मामला: आरती दयाल और मोनिका यादव को 1 अक्टूबर तक पुलिस रिमांड पर भेजा गया

मध्य प्रदेश हनी ट्रैप मामला: आरती दयाल और मोनिका यादव को 1 अक्टूबर तक पुलिस रिमांड पर भेजा गया

हनी ट्रैप मामले में पुलिस रिमांड पर ली गई आरती दयाल और मोनिका यादव को आज कोर्ट में पेश किया गया जहां उन्हें 1 अक्टूबर तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है।

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इंदौर: हनी ट्रैप मामले में पुलिस रिमांड पर ली गई आरती दयाल और मोनिका यादव को शनिवार को कोर्ट में पेश किया गया जहां उन्हें 1 अक्टूबर तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है। वहीं गिरोह की सरगना माने जाने वाली स्वेता विजय जैन, श्वेता स्वप्निल जैन, बरखा भटनागर सोनी को 30 सितंबर तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है। इसी बीच प्रदेश के कद्दावर नेता और सामान्य प्रशासन मंत्री डॉक्टर गोविंद सिंह ने बयान दिया कि हनीट्रैप गैंग में जिनके नाम जांच के बाद सामने आए उनका सार्वजनिक जुलूस निकाला जाएगा और उनपर आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाएगा। उन्होंने कहा जिन अधिकारियों के नाम सामने आएंगे उन्हें पदस्थ कर सेवा बर्खास्त करने की कार्यवाही की जाएगी।

वहीं सूत्रों की माने तो इंदौर नगर निगम के इंजीनियर हरभजन को ब्लैकमेल करने के मामले में फंसी आरती दयाल गुरुवार को पुलिस पूछताछ में टूट गई और उसने जुर्म कबूल किया। बताया जा रहा है कि उसने एसएसपी रुचि वर्धन मिश्रा और एडिशनल एसपी क्राइम ब्रांच साइबर सेल के अफसरों को बताया कि उसने श्वेता जैन से टेंडर लेने के तरीके सीखे। फिर गैंग में और लड़कियों को भी जोड़ा। बताया जा रहा है इसी तरीके से छतरपुर के एक संगठन के नेता से भी जुड़ी थी। उसने तीन चार कंपनी बनाकर कुछ लोगों से पार्टनर शिप भी कि। उसे इंदौर में एक बड़ा ठेका चाहिए था इसलिए वह हरभजन सिंह से 30 से ज्यादा बार मिली। 

सूत्रों की माने तो ठेका दिलाने में चौकी इंजीनियर हरभजन सिंह मदद नहीं कर रहा था इसलिए आरती ने उसे मोनिका यादव से मिलाया और वीडियो बनाएं फिर सीधे ब्लैकमेल किया। आरती ने हनी ट्रेप गैंग के और भी राज खोले हैं जिसकी एसआईटी जांच कर रही है।वही हनीट्रैप गैंग की चारों महिला आरोपियों के बैंक खाते सीज करने के लिए भोपाल की बैंकों को पत्र लिख दिया गया है। अभी उनके पांच खातों की जानकारी मिली है वहीं अफसरों का कहना है कि इन आरोपियों के द्वारा संचालित की जा रही पांच कंपनी और कुछ एनजीओ के नामों की जानकारी भी मिली है। उनके लिए प्रशासन को पत्र लिखकर उनका आर्थिक विवरण पता किया जाएगा।

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