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Hindi News भारत राष्ट्रीय ममता बनर्जी ने साधा मोदी सरकार पर निशाना-कहा, 'देश में सुपर इमरजेंसी जैसे हालात'

ममता बनर्जी ने साधा मोदी सरकार पर निशाना-कहा, 'देश में सुपर इमरजेंसी जैसे हालात'

तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने आज बीजेपी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला और कहा कि देश में सुपर इमरजेंसी जैसे हालात हैं। 

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नई दिल्ली: तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने आज बीजेपी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला और कहा कि देश में सुपर इमरजेंसी जैसे हालात हैं। ममता बनर्जी का यह बयान असम के सिलचर में तृणमूल कांग्रेस के सांसदों के प्रतिनिधिमंडल को रोके जाने के बाद आया। ममता बनर्जी ने कहा कि ये लोगो निराशा और हताशा में इस तरह की कार्रवाई कर रहे हैं। तृणमूल के प्रतिनिधिमंडल को इस तरह बलपूर्वक रोकना ठीक नहीं है। ममता ने कहा कि सरकार लोगों के साथ अत्याचार कर रही है। 

प्रतिनिधिमंडल को सिलचर एयरपोर्ट पर रोका गया
आपको बता दें कि असम एनआरसी के मुद्दे पर स्थिति का आकलन करने के लिए तृणमूल सुप्रीम के निर्देश पर पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल सिलचर पहुंचा था जहां हवाई अड्डे पर उन्हें यह कहकर रोक लिया गया कि उनके क्षेत्र में भ्रमण करने से कानून-व्यवस्था की हालत बिगड़ सकती है। बताया जाता है कि जब प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने जबरन बाहर जाने की कोशिश की तो पुलिस ने बलपूर्वक उन्हें रोक लिया। 

यात्रा से समस्या खड़ी हो सकती है
​तृणमूल कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल के सदस्य सुखेंदु रॉय ने पीटीआई भाषा को बताया कि पुलिस ने उनके पहुंचने के बाद हवाई अड्डे पर उन्हें यह कहकर रोक दिया कि उनकी यात्रा से समस्या खड़ी हो सकती है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि बराक घाटी क्षेत्र के कछार जिले में यहां कुंभीग्राम हवाई अड्डे पर तृणमूल प्रतिनिधिमंडल वीआईपी विश्रामालय में रूका है। प्रतिनिधिमंडल में छह सांसद है। कछार जिला प्रशासन ने कल रात सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा जारी की थी और जिले में एनआरसी प्रक्रिया से असंबद्ध किसी भी व्यक्ति के प्रवेश पर रोक लगा दी थी। 

एनआरसी में करीब 40 लाख लोगों के नाम नहीं
आपको बता दें कि असम एनआरसी के मुद्दे पर ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। असम में एनआरसी के ड्राफ्ट सार्वजनिक होने के बाद करीब 40 लाख लोगों के नाम इसमें नहीं हैं। हालांकि केंद्र सरकार ने कहा है कि जिन लोगों के नाम नहीं हैं वे अपनी आपत्ति दर्ज करा सकते हैं। उन्हें दो महीने का समय दिया गया है। एनआरसी के फाइनल ड्राफ्ट का प्रकाशन 31 दिसंबर को होना है। 

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