A
Hindi News भारत राष्ट्रीय तालिबान की आधिकारिक वेबसाइटें इंटरनेट से गायब, वजह साफ नहीं

तालिबान की आधिकारिक वेबसाइटें इंटरनेट से गायब, वजह साफ नहीं

तालिबान द्वारा अफगान और दुनिया के लोगों को अपने और अपनी जीत के बारे में आधिकारिक संदेश देने वाली वेबसाइटें शुक्रवार को अचानक इंटरनेट की दुनिया से गायब हो गईं हालांकि अभी तक ऐसा होने के पीछे की वजह का पता नहीं चल पाया है।

taliban- India TV Hindi Image Source : PTI तालिबान की आधिकारिक वेबसाइटें इंटरनेट से गायब, वजह साफ नहीं

नई दिल्ली: तालिबान द्वारा अफगान और दुनिया के लोगों को अपने और अपनी जीत के बारे में आधिकारिक संदेश देने वाली वेबसाइटें शुक्रवार को अचानक इंटरनेट की दुनिया से गायब हो गईं हालांकि अभी तक ऐसा होने के पीछे की वजह का पता नहीं चल पाया है। इसे तालिबान की ऑनलाइन माध्यम से लोगों तक पहुंच को रोकने के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है। अभी स्पष्ट नहीं है कि पश्तो, उर्दू, अरबी, अंग्रेजी और डारी भाषा वाली वेबसाइटें शुक्रवार को क्यों ऑफलाइन हो गई।

इन वेबसाइटों को सैन फ्रांसिस्को की एक कंपनी क्लाउडफायर से सुरक्षा मिली हुई थी। यह कंपनी वेबसाइट को विषय-वस्तु प्रदान करने और इसे साइबर हमलों से बचाने में मदद करती है। इस घटनाक्रम पर टिप्पणी के लिए क्लाउडफायर को ईमेल करने के साथ ही साथ फोन भी किया गया था लेकिन प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई। इस घटना की खबर सबसे पहले ‘द वॉशिंगटन पोस्ट’ ने दी। ऑनलाइन चरमपंथी सामग्रियों पर नजर रखनेवाले एसआईटीई ख़ुफ़िया समूह की निदेशक रीता काट्ज ने कहा कि शुक्रवार को व्हाट्सऐप ने तालिबान से संबंधित कई समूहों को भी हटा दिया है।

वेबसाइटों का इंटरनेट की दुनिया से गायब होना अस्थायी हो सकता है क्योंकि तालिबान द्वारा नई होस्टिंग (जहां से वेबसाइट को चलाने के लिए मंच मिलता है) की व्यवस्था के प्रयास किए जा रहे हैं। इससे पहले व्हाट्सऐप की मूल कंपनी फ़ेसबुक ने भी तालिबान से संबंधित फ़ेसबुक खातों को मंगलवार को हटा दिया था और यह सह अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद हुआ है।

व्हाट्सऐप के प्रवक्ता डेनियल मिस्टर ने व्हाट्सऐप समूहों को हटाने की पुष्टि नहीं की है लेकिन इस सप्ताह की शुरुआत में कंपनी की ओर से दिए उस बयान का हवाला दिया, जिसमें यह कहा गया था कि ‘कंपनी अमेरिकी प्रतिबंध क़ानून को मानने के लिए बाध्य’ है। हालांकि, ट्विटर ने तालिबान के खातों को नहीं हटाया है। वहीं फेसबुक की तरह ही गूगल का यूट्यूब तालिबान को आतंकवादी संगठन मानता है और यह इसके खातों को चलाने से रोकता है।

Latest India News