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Hindi News भारत राष्ट्रीय संसद का मॉनसून सत्र शुरू, PM मोदी बोले- कोरोना के साथ कर्तव्य भी जरूरी

संसद का मॉनसून सत्र शुरू, PM मोदी बोले- कोरोना के साथ कर्तव्य भी जरूरी

कोरोना वायरस महामारी की छाया के बीच संसद आज से 18 दिन के मॉनसून सत्र के लिए पूरी तरह तैयार है। इस सत्र में कई चीजें पहली बार हो रही हैं जिनमें दोनों सदनों की बैठक सुबह-शाम की पालियों में होना और सत्र में एक भी अवकाश नहीं होना शामिल हैं।

Parliament all geared up for holding Monsoon Session- India TV Hindi Image Source : PTI Parliament all geared up for holding Monsoon Session

नयी दिल्ली: कोरोना वायरस महामारी की छाया के बीच संसद आज से 18 दिन के मॉनसून सत्र शुरू हो गया है। सत्र की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि कोरोना के साथ कर्तव्य भी जरूरी है और इस सत्र में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए जाएंगे। बता दें कि इस सत्र में कई चीजें पहली बार हो रही हैं जिनमें दोनों सदनों की बैठक सुबह-शाम की पालियों में होना और सत्र में एक भी अवकाश नहीं होना शामिल हैं। संसद परिसर में केवल उन लोगों को प्रवेश की अनुमति होगी जिनके पास कोविड-19 संक्रमण नहीं होने की पुष्टि करने वाली रिपोर्ट होगी और लोगों का इस दौरान मास्क पहनना अनिवार्य होगा। 

सत्र के प्रारंभ से पहले सांसदों और संसद कर्मचारियों समेत 4,000 से अधिक लोगों की कोविड-19 के लिए जांच कराई गयी है। इस बार ज्यादातर संसदीय कामकाज डिजिटल तरीके से होगा और पूरे परिसर को संक्रमणुक्त बनाने के साथ ही दरवाजों को स्पर्शमुक्त बनाया जाएगा। इस बार सामाजिक दूरी के दिशानिर्देशों के तहत सांसदों के लिए विशेष बैठक व्यवस्था की गयी है। 

सत्र के पहले दिन को छोड़कर बाकी दिन राज्यसभा की कार्यवाही सुबह की पाली में नौ बजे से दोपहर एक बजे तक संचालित होगी, वहीं लोकसभा अपराह्न तीन बजे से शाम सात बजे तक बैठेगी। दोनों सदनों के चैंबरों और गैलरियों का इस्तेमाल दोनों पाली में सदस्यों के बैठने के लिए किया जाएगा। दोनों पालियों के बीच पूरे परिसर को संक्रमण मुक्त किया जाएगा। 

पूरे संसद परिसर को कोविड-19 महामारी के मद्देनजर सुरक्षित क्षेत्र बनाने के लिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने गृह मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय, आईसीएमआर और डीआरडीओ के अधिकारियों के साथ श्रृंखलाबद्ध बैठकें कीं। मॉनसून सत्र के 14 सितंबर से एक अक्टूबर तक आयोजन के दौरान तय मानक परिचालन प्रक्रियाओं के अनुसार सांसदों, दोनों सदनों के सचिवालयों के कर्मियों तथा कार्यवाही कवर करने वाले मीडियाकर्मियों को कोविड-19 की जांच कराने को कहा गया है और यह जांच सत्र शुरू होने से 72 घंटे से अधिक पहले नहीं होनी चाहिए। 

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