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Hindi News भारत राष्ट्रीय दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर

दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर

नये कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का पिछले एक सप्ताह से अधिक समय से दिल्ली से लगती हरियाणा और उत्तर प्रदेश की विभिन्न सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन जारी है। इस बीच दिल्ली के एक निवासी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करते हुए किसानों को सड़कों से हटाने का निर्देश देने की मांग की है।

Plea in Supreme Court seeks removal of farmers protesting at Delhi borders- India TV Hindi Image Source : PTI दिल्ली के एक निवासी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करते हुए किसानों को सड़कों से हटाने का निर्देश देने की मांग की है।

नयी दिल्ली: नये कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का पिछले एक सप्ताह से अधिक समय से दिल्ली से लगती हरियाणा और उत्तर प्रदेश की विभिन्न सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन जारी है। इस बीच दिल्ली के एक निवासी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करते हुए किसानों को सड़कों से हटाने का निर्देश देने की मांग की है। याचिका में किसानों को सड़कों से तत्काल हटाने की मांग की गई है, क्योंकि इससे आपातकालीन/चिकित्सा सेवाएं बाधित हो रही हैं। याचिका में प्राधिकारियों को दिल्ली सीमा की सड़कों को खुलवाने, विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों को निर्धारित स्थान पर भेजने और कोविड-19 मामलों के प्रसार को रोकने के लिये धरना स्थल पर सामाजिक दूरी बनाने तथा मास्क लगाने के लिये दिशा निर्देश देने अनुरोध कोर्ट से किया गया है। 

यह याचिका कानून के छात्र ऋषभ शर्मा ने दायर की है। याचिका में दावा किया गया है कि दिल्ली पुलिस ने इन किसानों को बुराड़ी में निरंकारी मैदान में शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन की अनुमति दी थी लेकिन इसके बावजूद किसानों ने दिल्ली की सीमाओं को अवरूद्ध कर दिया है। अधिवक्ता ओम प्रकाश परिहार के माध्यम से दायर इस याचिका में कहा गया है, ‘‘दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे इस विरोध प्रदर्शन की वजह से प्रदर्शनकारियों ने सड़कों को अवरूद्ध कर दिया है और सीमाओं को बंद कर दिया है जिसकी वजह से वाहनों का आवागमन प्रभावित हो रहा है। यही नहीं, इस वजह से सरकार और प्रतिष्ठित निजी अस्पतालों में इलाज के लिये आने वाले लोग भी प्रभावित हो रहे हैं।’’

याचिका में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में शाहीन बाग में धरना प्रदर्शन करके सड़क अवरूद्ध करने के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के सात अक्टूबर के फैसले का भी हवाला दिया गया है। इस मामले मे सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सार्वजनिक स्थानों पर अनिश्चितकाल के लिये कब्जा नहीं किया जा सकता और एक निश्चित स्थान पर ही अपनी असहमति और विरोध प्रकट करना होगा। 

याचिका में सरकार के कोविड-19 दिशा निर्देशों का हवाला देते हुये कहा गया है कि महामारी के दौरान बड़ी संख्या में लोगों को एकत्र नहीं होने के परामर्श दिये जाने के बावजूद लाखों किसान दिल्ली की सीमा पर एकत्र हैं और इससे कोरोना के मामले तेजी से बढ़ सकते हैं। 

याचिकाकर्ता ने दिल्ली की सीमा पर इतनी बड़ी संख्या में एकत्र लोगों को तितर बितर करने और उन्हें पहले से ही निर्धारित स्थान पर भेजने के लिये तत्काल निर्देश देने का अनुरोध किया गया है क्योंकि इनका जमावड़ा कोविड महामारी के लिये बड़ा खतरा हो सकता है। याचिका के अनुसार कोविड के मामलों में तेजी से हो रही वृद्धि को ध्यान में रखते हुये जरूरी है कि यह विरोध प्रदर्शन तुरंत बंद किया जाये और कोरोना वायरस महामारी खत्म होने के बाद किसान फिर प्रदर्शन कर सकते हैं।

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