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Hindi News भारत राष्ट्रीय PM मोदी ने इसलिए कहा 'भय बिन होय न प्रीत', अयोध्या के मंच से चीन-पाकिस्तान को चेताया

PM मोदी ने इसलिए कहा 'भय बिन होय न प्रीत', अयोध्या के मंच से चीन-पाकिस्तान को चेताया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार (5 अगस्त) को अयोध्या में राम मंदिर भूमि पूजन कार्यक्रम के बाद देशवासियों को संबोधित किया। पीएम मोदी ने अयोध्या के मंच से पाकिस्तान और चीन को सांकेतिक रूप से कड़ा संदेश दिया। 

PM Modi's speech after Bhoomi Pujan of Ram Mandir in Ayodhya- India TV Hindi Image Source : INDIA TV PM Modi's speech after Bhoomi Pujan of Ram Mandir in Ayodhya

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार (5 अगस्त) को अयोध्या में राम मंदिर भूमि पूजन कार्यक्रम के बाद देशवासियों को संबोधित किया। पीएम मोदी ने अयोध्या के मंच से पाकिस्तान और चीन को सांकेतिक रूप से कड़ा संदेश दिया। राम चरित मानस के सुंदरकांड के एक दोहे के अंश 'भय बिन होय न प्रीत' को दोहराते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत जितना ताकतवर होगा, उतनी ही शांति बनी रहेगी। प्रधानमंत्री मोदी ने भूमि पूजन के बाद अपने संबोधन में भगवान राम के संदेशों को एक-एक करके बताया। उन्होंने कहा, श्रीराम जी की नीति है- भय बिन होय न प्रीत। इसलिए हमारा देश जितना ताकतवर होगा, उतनी ही प्रीति और शांति बनी रहेगी। राम की यही रीति सदियों से चली आ रही है।

हालिया समय में चीन सीमा पर चल रहे तनाव के बीच प्रधानमंत्री मोदी का यह बयान काफी अहम माना जा रहा है। जिस तरह से उन्होंने भारत के ताकतवर होने पर ही शांति होने की बात कही, उससे माना जा रहा है कि चीन और पाकिस्तान दोनों के लिए इसमें कड़े संदेश छिपे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस दोहे के अंश का उच्चारण किया, वह पूरा दोहा यूं है, विनय न मानत जलधि जड़ गए तीनि दिन बीत। बोले राम सकोप तब भय बिन होय न प्रीत। राम चरित मानस के सुंदरकांड में यह दोहा उस प्रसंग से जुड़ा है, जब भगवान राम लंका जाने के लिए समुद्र से रास्ता देने की विनती कर रहे थे।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि श्रीराम की शिक्षा है- कोई भी दुखी और गरीब न हो। उनका सामाजिक संदेश है- नर और नारी सभी समान रूप से सुखी हों। श्रीराम का निर्देश है कि किसान, पशुपालक, सभी हमेशा खुश रहें। श्रीराम का आदेश है -बुजुर्गों, बच्चों, चिकित्सकों की सदैव रक्षा होनी चाहिए। श्रीराम का आह्वान है कि जो शरण में आए उसकी रक्षा करना सभी का कर्तव्य है। (इनपुट- IANS)

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