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Hindi News भारत राष्ट्रीय पीएम मोदी ने नागरिकता कानून के विरोध को दुर्भाग्यपूर्ण बताया, कहा-देश में भाईचारा, एकता और शांति बनाए रखने का समय

पीएम मोदी ने नागरिकता कानून के विरोध को दुर्भाग्यपूर्ण बताया, कहा-देश में भाईचारा, एकता और शांति बनाए रखने का समय

देश के कुछ जगहों पर हो रहे नागरिकता कानून के विरोध को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया है

PM Modi describes Violent protests on the Citizenship Amendment Act as unfortunate- India TV Hindi Image Source : TWITTER PM Modi describes Violent protests on the Citizenship Amendment Act as unfortunate and deeply distressing

नई दिल्ली। देश के कुछ जगहों पर हो रहे नागरिकता कानून के विरोध को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ट्वीट संदेश में कहा है कि बहस, चर्चा और असंतोष हमारे लोकतंत्र के आवश्यक अंग हैं लेकिन सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाना और सामान्य जन जीवन में अशांति पैदा करना हमारे संस्कारों का हिस्सा नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ट्वीट संदेश में एक बार फिर से कहा कि नागरिकता कानून से भारत में किसी भी धर्म के नागरिक पर असर नहीं पड़ेगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ट्वीट संदेश में कहा है कि मौजूदा समय देश में भाईचारा, एकता और शांति बनाए रखने का है। प्रधानमंत्री मोदी ने देशवासियों से अफवाहों और झूठ से बचने की अपील की है। समय की आवश्यकता है कि हम सभी भारत के विकास और प्रत्येक भारतीय, विशेषकर गरीब और दलित सशक्तिकरण के लिए मिलकर काम करें। हम निहित स्वार्थ समूहों को हमें विभाजित करने और अशांति पैदा करने की अनुमति नहीं दे सकते। 

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा ''मैं अपने साथी भारतीयों को असमान रूप से आश्वस्त करना चाहता हूं कि नागरिकता कानून किसी भी धर्म के भारतीय नागरिक को प्रभावित नहीं करता है। किसी भारतीय को इस अधिनियम के बारे में चिंता करने की कोई बात नहीं है। यह अधिनियम केवल उन लोगों के लिए है, जिन्होंने वर्षों से उत्पीड़न का सामना किया है और भारत को छोड़कर उनके पास जाने के लिए कोई अन्य जगह नहीं है।''

प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा ''नागरिकता संशोधन अधिनियम, 2019 संसद के दोनों सदनों द्वारा भारी समर्थन के साथ पारित किया गया था। बड़ी संख्या में राजनीतिक दलों और सांसदों ने इसके पारित होने का समर्थन किया। यह अधिनियम भारत की सदियों पुरानी संस्कृति की स्वीकृति, सद्भाव, करुणा और भाईचारे को दर्शाता है।''

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