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Hindi News भारत राष्ट्रीय रामनवमी पर प्रधानमंत्री का संदेश- कोरोना के संकट काल में ‘मर्यादाओं’ का पालन करें

रामनवमी पर प्रधानमंत्री का संदेश- कोरोना के संकट काल में ‘मर्यादाओं’ का पालन करें

उन्होंने कहा, "रामनवमी की मंगलकामनाएं। देशवासियों पर भगवान श्रीराम की असीम अनुकंपा सदा बनी रहे। जय श्रीराम!।" 

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को रामनवमी के अवसर पर बधाई दी और देशवासियों से कोरोना से बचाव के सभी उपायों का पालन करने तथा 'दवाई भी, कड़ाई भी' के मंत्र को याद रखने का आह्वान किया। उन्होंने ट्वीट कर कहा, "आज रामनवमी है और मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का हम सभी को यही संदेश है कि मर्यादाओं का पालन करें। कोरोना के इस संकट काल में, कोरोना से बचने के जो भी उपाय हैं, कृपया करके उनका पालन कीजिए। 'दवाई भी, कड़ाई भी' के मंत्र को याद रखिए।"

उन्होंने कहा, "रामनवमी की मंगलकामनाएं। देशवासियों पर भगवान श्रीराम की असीम अनुकंपा सदा बनी रहे। जय श्रीराम!।" रामनवमी का त्योहार भगवान राम के जन्म से जुड़ा है। मान्यता है कि चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को भगवान राम का अयोध्या में जन्म हुआ था।

लॉकडाउन का इस्तेमाल अंतिम विकल्प, जनभागीदारी से कोरोना की दूसरी लहर के तूफान को समाप्त करेंगे- पीएम मोदी
देश में तेजी से बढ़ रहे कोविड-19 संक्रमण के ताजा मामलों के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि इस महामारी से मुकाबले के लिए लॉकडाउन का इस्तेमाल "अंतिम विकल्प" के रूप में होना चाहिए। कोरोना वायरस की दूसरी लहर के मद्देनजर राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने लोगों का जीवन बचाने के साथ ही आर्थिक गतिविधियों और लोगों की आजीविका को "कम से कम" प्रभावित करने पर जोर दिया और राज्यों से आग्रह किया कि वह श्रमिकों का भरोसा जगाए रखें तथा उन्हें पलायन करने से रोकने के उपाय करें।

इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की संभावना को भी खारिज किया और साथ ही राज्यों को भी इससे बचने की सलाह दी। कोरोना से लड़ते-लड़ते अपनी जान गंवाने वाले लोगों के परिजन के प्रति अपनी संवेदनाएं प्रकट करते हुए उन्होंने कहा, "कोरोना के खिलाफ देश आज एक बहुत बड़ी लड़ाई लड़ रहा है। कुछ सप्ताह पहले तक स्थितियां संभली हुई थीं और फिर यह कोरोना की दूसरी लहर तूफान बन कर आ गई है। जो पीड़ा आपने सही है या जो पीड़ा आप सह रहे हैं उसका मुझे पूरा अहसास है।"

प्रधानमंत्री का संबोधन ऐसे समय हुआ जब भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के 2,59,170 नए मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की कुल संख्या 20 लाख से अधिक होने तथा 1,761 और लोगों की मौत के बाद कई राज्यों ने आंशिक या पूर्ण लॉकडाउन लागू करने का विकल्प चुना है। दिल्ली के बाद झारखंड ने भी 22 अप्रैल से एक सप्ताह का लॉकडाउन लगाने की घोषणा की है। महाराष्ट्र ने भी ऐसे ही कदम उठाने के संकेत दिये हैं। तेलंगाना ने रात्रि कर्फ्यू का ऐलान किया है जबकि उत्तर प्रदेश ने सप्ताहांत लॉकडाउन का आदेश दिया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना के खिलाफ अब तक देश ने बहुत मजबूती और बहुत धैर्य से लड़ाई लड़ी है और वर्तमान चुनौती को सभी को मिलकर "संकल्प, हौसले और तैयारी" के साथ पार करना है। कोविड-19 के खिलाफ पहली लहर में जीत का श्रेय देशवासियों को देते हुए उन्होंने कहा, "अनुशासन और धैर्य के साथ कोरोना से लड़ते हुए आप देश को यहां तक लाए हैं। मुझे विश्वास है कि जनभागीदारी की ताकत से हम कोरोना के इस तूफान को भी समाप्त कर पाएंगे।"

अपने 20 मिनट के संबोधन में PM मोदी ने देश में राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की संभावना को फिलहाल के लिए खारिज करते हुए कहा कि आज की स्थिति में देश को लॉकडाउन से बचाना है। उन्होंने कहा, "मैं राज्यों से भी अनुरोध करूंगा कि वह लॉकडाउन को अंतिम विकल्प के रूप में ही इस्तेमाल करें। लॉकडाउन से बचने की भरपूर कोशिश करनी है और सूक्ष्म निषिद्ध क्षेत्रों पर ही ध्यान केंद्रित करना है।"

उन्होंने कहा कि यदि ऐसा किया जाता है तो लॉकडाउन की आवश्यकता से बचा जा सकता है। उन्होंने कहा, "इससे हम अपनी अर्थव्यवस्था की सेहत भी सुधार लेंगे और देशवासियों की सेहत का भी ध्यान रखेंगे।" पिछले कुछ दिनों में सरकार की ओर से उठाए गए कदमों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने मौजूदा स्थितियों में सुधार की उम्मीद जताई। उन्होंने कहा, "हम सभी का प्रयास, जीवन बचाने के लिए तो है ही, प्रयास ये भी है कि आर्थिक गतिविधियां और आजीविका, कम से कम प्रभावित हों।"

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