Hindi News भारत राष्ट्रीय किसानों के लिए ट्विटर पर ‘दंगल’, प्रियंका गांधी और योगी आदित्यनाथ के बीच हुए ‘सवाल-जवाब’

किसानों के लिए ट्विटर पर ‘दंगल’, प्रियंका गांधी और योगी आदित्यनाथ के बीच हुए ‘सवाल-जवाब’

लोकसभा चुनाव 2019 में पूर्वी यूपी में कांग्रेस की कमान संभाल रही प्रियंका गांधी ने रविवार को एक खबर का हवाला देते हुए ट्वीट किया और कहा कि ‘गन्ना किसानों के परिवार दिनरात मेहनत करते हैं। मगर उ.प्र. सरकार उनके भुगतान का भी जिम्मा नहीं लेती।’

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नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2019 में पूर्वी यूपी में कांग्रेस की कमान संभाल रही प्रियंका गांधी ने रविवार को एक खबर का हवाला देते हुए ट्वीट कर BJP की राज्य सरकार पर किसानों की अनदेखी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि- ‘गन्ना किसानों के परिवार दिनरात मेहनत करते हैं। मगर उ.प्र. सरकार उनके भुगतान का भी जिम्मा नहीं लेती। किसानों का 10,000 करोड़ बकाया मतलब उनके बच्चों की शिक्षा, भोजन, स्वास्थ्य और अगली फसल सबकुछ ठप्प हो जाता है। यह चौकीदार सिर्फ अमीरों की ड्यूटी करते हैं, गरीबों की इन्हें परवाह नहीं।’

दरअसल, जिस खबर के हवाले से प्रियंका गांधी ने यूपी सरकार को कटघरे में खड़ा किया है उस खबर में यूपी के गन्ना किसानों की मिलों पर बकाया राशि 10,000 करोड़ से ज्यादा बताई गई है। इसी को लेकर प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को घेरने के लिए ट्वीट किया। प्रियंका गांधी के ट्वीट के जवाब में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी ट्वीट किया।

Priyanka Gandhi's tweet

योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर कहा कि- ‘हमारी सरकार जब से सत्ता में आई है हमनें लंबित 57,800 करोड़ का गन्ना बकाया भुगतान किया है। ये रकम कई राज्यों के बजट से भी ज्यादा है। पिछली सपा-बसपा सरकारों ने गन्ना किसानों के लिए कुछ नहीं किया जिससे किसान भुखमरी का शिकार हो रहा था।’ इस ट्वीट में उन्होंने प्रियंका गांधी को जवाब तो दिया ही साथ ही राज्य की पूर्व सरकारों पर भी हमला बोला।

इसके अलावा योगी आदित्यनाथ ने एक और ट्वीट भी किया। इस ट्वीट में उन्होंने प्रियंका गांधी का नाम बिना लिए ही पलटवार किया। उन्होंने लिखा कि- ‘किसानों के ये 'तथाकथित' हितैषी तब कहां थे जब 2012 से 2017 तक किसान भुखमरी की कगार पर था। इनकी नींद अब क्यों खुली है? प्रदेश का गन्ना क्षेत्रफल अब 22 प्रतिशत बढ़कर 28 लाख हेक्टेयर हुआ है और बंद पड़ी कई चीनी मिलों को भी प्रदेश में दोबारा शुरू किया गया है। किसान अब खुशहाल हैं।

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