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Hindi News भारत राष्ट्रीय किसान आंदोलन: पंजाब और हरियाणा में पैदा होने वाले अधिकतर धान-गेहूं को MSP पर खरीदती है सरकार

किसान आंदोलन: पंजाब और हरियाणा में पैदा होने वाले अधिकतर धान-गेहूं को MSP पर खरीदती है सरकार

हरियाणा और पंजाब के किसान अपना अघिकतर गेहूं और धान सरकार को समर्थन मूल्य पर बेचते हैं, बावजूद इसके आंदोलन कर रहे हैं और सरकार से MSP को कानूनी रूप से लागू करने की मांग कर रहे हैं

<p>पंजाब में पैदा होने...- India TV Hindi Image Source : PTI पंजाब में पैदा होने वाले 88 प्रतिशत चावल तथा 70 प्रतिशत गेहूं को सरकार खरीदती है

नई दिल्ली। नए किसान कानून के विरोध में किसानों ने दिल्ली की घेराबंदी की हुई है और सरकार से मांग कर रहे हैं कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर फसल की खरीद को कानूनी रूप से वैध्य किया जाए। इस आंदोलन की शुरुआत पंजाब के किसानों ने की है लेकिन पंजाब में अगर MSP पर किसानों की उपज खरीद को देखें तो पता चलता है कि सरकार ज्यादातर उपज की खरीद तय किए हुए MSP पर सरकार करती आ रही है और हाल के कुछ वर्षों में पंजाब से खरीद में बढ़ोतरी हुई है। कुछ जगहों पर हरियाणा के किसान भी आंदोलन कर रहे हैं और हरियाणा में भी किसान के पैदा किए हुए अधिकतर गेहूं और धान को सरकार समर्थन मूल्य पर खरीद ले जाती है। हरियाणा और पंजाब के किसान अपना अघिकतर गेहूं और धान सरकार को समर्थन मूल्य पर बेचते हैं, बावजूद इसके आंदोलन कर रहे हैं और सरकार से MSP को कानूनी रूप से लागू करने की मांग कर रहे हैं।

पंजाब और हरियाणा में प्रमुख तौर पर गेहूं और चावल का उत्पादन होता है और खाद्य एवं उपभोक्ता मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक पंजाब और हरियाणा में पिछले 5 वर्षों के दौरान चावल तथा गेहूं के उत्पादन और खरीद के आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है कि पंजाब में पैदा हुए गैर बासमती चावल का अधिकतर हिस्सा सरकार समर्थन मूल्य पर किसानों से खरीदती आई है और हर साल पंजाब से सरकारी खरीद बढ़ रही है।

उपभोक्ता मंत्रालय के मुताबिक 2018-19 के दौरान पंजाब में गैर बासमती चावल उत्पादन 128.22 लाख टन हुआ था और उसमें से सरकार ने 88 प्रतिशत से ज्यादा यानि 113.3 लाख टन खरीद लिया था।

Image Source : India TV5 वर्षों के दौरान पंजाब में चावल उत्पादन और सरकारी खरीद

बात अगर गेहूं की करें तो उसकी खरीद भी हर साल बढ़ रही है और अधिकतर गेहूं समर्थन मूल्य पर सरकार द्वारा खरीदी जाती है और सरकारी गोदामों में जमा होती है। फसल वर्ष 2018-19 के दौरान पंजाब में 182.44 लाख टन गेहूं पैदा हुआ था और मार्केटिंग वर्ष 2019-20 के दौरान 129.12 लाख टन सरकार ने खरीद लिया।  

Image Source : India TV5 वर्षों तक पंजाब में गेहूं उत्पादन और सरकारी खरीद

बात अगर हरियाणा की करें तो वहां पर भी पंजाब जैसी ही स्थति है, हरियाणा में हर साल चावल की सरकारी खरीद में बढ़ोतरी हो रही है, 2018-19 के दौरान हरियाणा में 45.16 लाख टन गैर बासमती चावल पैदा हुआ और उसमें से 87 प्रतिशत से ज्यादा यानि 39.42 लाख टन सरकार ने खरीद लिया।

Image Source : India TV5 वर्षों के दौरान हरियाणा में चावल उत्पादन और खरीद

हरियाणा में पैदा हुई अधिकतर गेहूं भी सरकारी गोदामों में ही जाती है, फसल वर्ष 2018-19 में हरियाणा में 125.74 लाख टन गेहूं पैदा हुआ और मार्केटिंग वर्ष 2019-20 में उसका 74 प्रतिशत से ज्यादा यानि 93.20 लाख टन सरकार ने खरीद लिया।

Image Source : India TV5 वर्षों के दौरान हरियाणा में गेहूं उत्पादन और सरकारी खरीद

देशभर में MSP पर गेहूं और चावल की सरकारी खरीद सबसे ज्यादा पंजाब और हरियाणा से ही होती है और यहीं का किसान MSP खरीद को कानूनी करने के लिए सरकार के सामने आंदोलन कर रहा है। देश में जितना चावल पैदा होता है उसका 38 प्रतिशत से ज्यादा सरकार खरीद लेती है और इसी तरह पैदा हुई कुल गेहूं का 33 प्रतिशत से ज्यादा सरकार खरीदती है। देश में हर साल 11 करोड़ टन से ज्यादा चावल और 10 करोड़ टन से ज्यादा गेहूं पैदा होता है और सरकार अगर सारे के सारे गेहूं और चावल को समर्थन मूल्य पर खरीदना शुरू कर दे तो इससे सरकारी खजाने पर बहुत ज्यादा बोझ पड़ेगा और मौजूदा परिस्थितियों में शायद यह संभव न हो।

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