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राफेल मामले में मोदी सरकार की बड़ी जीत, सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की पुनर्विचार याचिका

राफेल सौदे में मोदी सरकार की बड़ी जीत हुई है। आज सुप्रीम कोर्ट ने रिव्यू पीटिशन पर फैसला सुनाते हुए पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज कर दिया। इसके अलावा राफेल डील के सीबीआई जांच से भी सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है और राफेल डील विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने 14 दिसंबर 2018 के अपने फैसले को बरकरार रखा है।

राफेल की कीमत क्या आज सार्वजनिक होगी? सुप्रीम कोर्ट पुनर्विचार याचिका पर आज सुनाएगा फैसला- India TV Hindi राफेल की कीमत क्या आज सार्वजनिक होगी? सुप्रीम कोर्ट पुनर्विचार याचिका पर आज सुनाएगा फैसला

नई दिल्ली: राफेल सौदे में मोदी सरकार की बड़ी जीत हुई है। आज सुप्रीम कोर्ट ने रिव्यू पीटिशन पर फैसला सुनाते हुए पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज कर दिया। इसके अलावा राफेल डील के सीबीआई जांच से भी सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है और राफेल डील विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने 14 दिसंबर 2018 के अपने फैसले को बरकरार रखा है। बता दें कि लोकसभा चुनाव के दौरान राफेल विमान सौदे का मामला इतना बड़ा हो गया था कि अदालत के फैसले के बाद भी कई पुनर्विचार याचिकाएं डाली गई थी। 2018 में कोर्ट राफेल की कीमत और कॉन्ट्रेक्ट पर सरकार को क्लीन चिट दे चुकी है। इस मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी तथा प्रशांत भूषण समेत कुछ अन्य की याचिकाओं पर फैसला आया है जिनमें पिछले साल के 14 दिसंबर के उस फैसले पर पुनर्विचार की मांग की गयी है।

पिछले साल के 14 दिसंबर के फैसले में फ्रांस की कंपनी ‘दसॉल्ट’ से 36 लड़ाकू विमान खरीदने के केंद्र के राफेल सौदे को क्लीन चिट दी गयी थी। राफेल की ताकत को पूरी दुनिया जानती है। इसकी बेमिसाल ताकत और अचूक निशाना को जानकर देश के दुश्मन थर-थर कांप रहे हैं लेकिन राफेल भारत के आसमान में उड़ पाता उससे पहले राफेल सड़क पर गूंजने लगा। आखिरकार देश की सबसे बड़ी अदालत में यह मामला पहुंच गया। 

अयोध्या मामले पर फैसला सुनाने वाले चीफ जस्टिस रंजन गोगई ने आज एक बार फिर बड़ा फैसला सुनाया हैं। सुप्रीम कोर्ट राफेल सौदे पर सरकार को दिसंबर 2018 में ही क्लीन चिट दे चुकी है। फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अदालत इस मामले में दखल नहीं दे सकती है। खरीद प्रक्रिया पर भी सुप्रीम कोर्ट की ओर से कोई सवाल खड़े नहीं किए गए थे लेकिन फैसले के बाद कई याचिकाओं के जरिए फैसले की समीक्षा की अपील की गई।

करीब-करीब सभी याचिकाओं में कीमत और खरीद प्रकियाओं पर सवाल उठाये गये हैं। सुप्रीम कोर्ट में बहस हुई थी कि अनिल अंबानी की कंपनी का कैसे चयन हो गया। दलीलों का घमासान चलता रहा कि ऑफसेट गाइडलाइन को क्यों बदला गया और साथ में सुप्रीम कोर्ट में ये भी सवाल पूछा गया कि क्या ये दो सरकारों के बीच हुई डील थी या फिर एक देश और एक कंपनी के बीच। 

सुप्रीम कोर्ट ने राफेल डील को समझने के लिए वायुसेना चीफ को भी बुलाया था। अब राफेल भारत को मिलने वाला है, विमान सौदे पर भारत और फ्रांस आगे बढ़ चुके हैं लेकिन सुप्रीम कोर्ट का फैसला भी सरकार को हिला सकता है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट आज तय कर सकता है कि राफेल सौदे में एफआईआर होगी या नहीं, राफेल की कीमत बतानी है या नहीं, पार्टनर बताना है या नहीं और सौदे की शर्तें बतानी है या नहीं।

इस मामले में अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा था कि यह अभूतपूर्व कवायद नहीं है और रूस तथा अमेरिका के साथ ऐसे समझौतों का उल्लेख किया, जिसमें ऐसी छूट दी गई। उन्होंने कहा, ‘‘यह राष्ट्रीय सुरक्षा का सवाल है। दुनिया की कोई अन्य अदालत इस तरह के तर्कों पर रक्षा सौदे की जांच नहीं करेगी।’’

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