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Hindi News भारत राष्ट्रीय हथियारों से लैस Rafale गुरुवार को Air Force में होगा शामिल, फ्रांस की रक्षा मंत्री रहेंगी मौजूद

हथियारों से लैस Rafale गुरुवार को Air Force में होगा शामिल, फ्रांस की रक्षा मंत्री रहेंगी मौजूद

Rafale: भारतीय वायुसेना के लिए गेमचेंजर माने जा रहे राफेल लड़ाकू विमान, गुरुवार 10 जुलाई को आधिकारिक से वायुसेना में शामिल होंगे।

<p>Rafale</p>- India TV Hindi Image Source : TWITTER/@DEFENCEMININDIA Rafale

नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना के लिए गेमचेंजर माने जा रहे राफेल लड़ाकू विमान, गुरुवार 10 जुलाई को आधिकारिक से वायुसेना में शामिल होंगे। इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ ही फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पैरी भी मौजूद होंगी। पैरी आधिकारिक यात्रा पर भारत आ रही हैं। 2017 के बाद से फ्रांसीसी रक्षा मंत्री पैरी की यह तीसरी आधिकारिक यात्रा है। वहीं कोविड-19 महामारी के प्रकोप के बाद उनकी पहली आधिकारिक यात्राओं में से एक है।

सैन्य अधिकारियों ने बताया कि इस समारोह के साथ ही वायुसेना में पिछले 23 साल के दौरान पहली बार नए विमान शामिल होंगे। आखिरी बार 1997 में रूस से सुखोई जेट विमानों की खरीद की गई थी।पांच राफेल जेट विमानों का पहला बैच इसी साल 29 जुलाई को भारत पहुंच गया था। पहले बैच का आगमन 2016 में भारत की तरफ से 59 हजार करोड़ रुपये में 36 विमानों की खरीद का अंतर सरकारी समझौता फ्रांस की सरकार के साथ करने के करीबी चार साल बाद हुआ है। इन 36 विमानों में से 30 लड़ाकू क्षमता वाले हैं, जबकि 6 दोहरी सीट वाले ट्रेनिंग विमान हैं। 

फ्रांस की एयरोस्पेस कंपनी दसॉल्ट एविएशन द्वारा निर्मित राफेल विमान को भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल करने की औपचारिकताएं अभी तक पूरी नहीं की गई थीं। कंपनी ने भारतीय वायुसेना को पहले बैच में 10 राफेल विमानों की डिलीवरी दी थी, जिनमें से 5 को भारतीय पायलटों की ट्रेनिंग के लिए फिलहाल फ्रांस में ही रखा गया है। राफेल विमानों के पहले स्क्वाड्रन को अंबाला एयरबेस पर, जबकि दूसरे स्क्वाड्रन को पश्चिमी बंगाल के हासिमारा एयरबेस पर तैनात किया जाएगा।

अहम है दौरा 

भारत यात्रा के दौरान फ्लोरेंस पैरी राजनाथ सिंह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मिलेंगी। इस दौरान वे मेक इन इंडिया प्रोग्राम के अनुरूप, औद्योगिक और तकनीकी साझेदारी को लेकर बातचीत करेंगी। इसके साथ ही भारत-प्रशांत में परिचालन रक्षा सहयोग, विशेष रूप से समुद्री सुरक्षा; कोविद -19 महामारी के संदर्भ में सशस्त्र बलों के संयुक्त अभ्यास जारी रखने के तौर-तरीके; आतंकवाद-रोधी सहयोग; साथ ही प्रमुख क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय रणनीतिक मुद्दों पर भी चर्चा करेंगी।

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