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Hindi News भारत राष्ट्रीय 100 करोड़ वसूली कांड: संजय राउत और शरद पवार के बीच बैठक, देशमुख की जा सकती है कुर्सी

100 करोड़ वसूली कांड: संजय राउत और शरद पवार के बीच बैठक, देशमुख की जा सकती है कुर्सी

महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ मुंबई के पूर्व पुलिस प्रमुख परमबीर सिंह द्वारा लगाए गए आरोपों से पूरी राज्य सरकार हिल गई है। NCP प्रमुख शरद पवार ने रविवार को पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस की, उसके बाद शिवसेना नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत उनसे मिलने उनके आवास पहुंचे।

100 करोड़ वसूली कांड: संजय राउत और शरद पवार के बीच बैठक, देशमुख की जा सकती है कुर्सी- India TV Hindi Image Source : PTI/FILE 100 करोड़ वसूली कांड: संजय राउत और शरद पवार के बीच बैठक, देशमुख की जा सकती है कुर्सी

नई दिल्ली: महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ मुंबई के पूर्व पुलिस प्रमुख परमबीर सिंह द्वारा लगाए गए आरोपों से पूरी राज्य सरकार हिल गई है। NCP प्रमुख शरद पवार ने रविवार को पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस की, उसके बाद शिवसेना नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत उनसे मिलने उनके आवास पहुंचे। दिल्ली में शरद पवार के आवास पर दोनों नेताओं ने बैठक की। बता दें कि महाराष्ट्र में शिवसेना-NCP-कांग्रेस के गठबंधन की सरकार है और अनिल देशमुख NCP के नेता हैं।

एनसीपी सूत्रों के मुताबिक, गृहमंत्री अनिल देशमुख को उनके पद से हटाया जा सकता है। जयंत पाटील या दिलीप वलसे पाटील को महाराष्ट्र का नया गृहमंत्री बनाया जा सकता है। जयंत पाटील महाराष्ट्र एनसीपी के अध्यक्ष हैं और मौजूदा सरकार में जल संसाधन मंत्री हैं। वहीं बताया जा रहा है कि दिलीप वलसे पाटील को इसलिए भी महाराष्ट्र का नया गृहमंत्री बनाया जा सकता है क्योंकि वे शरद पवार के सबसे करीबी और अनुभवी नेता हैं।

दिलीप वलसे पाटील महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष भी रह चुके हैं साथ ही में कांग्रेस-एनसीपी की पिछली सरकारों में कई अहम मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। मौजूदा सरकार में आबकारी और श्रम मंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। बता दें कि, मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमवीर सिंह द्वारा महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख पर 100 करोड़ रुपए की वसूली कराने का गंभीर आरोप लगाने के बाद से राजनीति गरमा गई है।

100 करोड़ वसूली कांड पर क्या बोले शरद पवार?

राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने रविवार को कहा कि महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ मुंबई के पूर्व पुलिस प्रमुख परमबीर सिंह के आरोप गंभीर हैं और इनकी गहन जांच की जरूरत है। महाराष्ट्र के वसूली कांड पर शरद पवार ने कहा, महाराष्ट्र सरकार पर कोई संकट नहीं है, विवाद से महाराष्‍ट्र सरकार पर कोई असर नहीं पड़ेगा। शरद पवार ने गृहमंत्री अनिल देशमुख का बचाव करते हुए कहा कि गृह मंत्री के इस्तीफे पर मुख्यमंत्री फैसला लेंगे।

शरद पवार ने अनिल देशमुख को दी क्लीन चिट देते हुए कहा कि ट्रांसफर से पहले परमबीर सिंह ने कुछ क्‍यों नहीं बोला, हर महीने 100 करोड़ वसूली की बात मज़ाक है। पवार ने आगे कहा कि सचिन वाजे की बहाली का फैसला ना सीएम ने लिया, ना गृह मंत्री ने, परमबीर सिंह ने सचिन वाजे की बहाली की। एनसीपी चीफ शरद पवार ने कहा कि महाराष्ट्र के गृह मंत्री पर लगे आरोप गंभीर हैं।

पवार ने कहा कि गृह मंत्री के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच करने का निर्णय लेने का पूर्ण अधिकार महाराष्ट्र मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के पास है। मुझे नहीं पता कि ये सब सरकार (महाराष्ट्र) को गिराने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं या नहीं। मैं सिर्फ इतना कह सकता हूं कि सरकार पर इसका कोई असर नहीं होगा। NCP चीफ ने कहा, परमबीर ने लेटर में नहीं लिखा पैसा किसके पास गया। प्रकरण से मुंबई पुलिस की छवि खराब हुई है, सभी आरोपों की जांच होनी चाहिए।

शरद पवार ने कहा, जूलियो रिबेरो मामले की करें जांच। शरद पवार ने कहा कि, जूलियो रिबेरो निष्‍पक्ष अधिकारी हैं। सिंह ने दावा किया है कि महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख चाहते थे कि पुलिस अधिकारी बार एवं होटलों से प्रति महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली करें। दिल्ली में संवाददाताओं से बात करते हुए पवार ने कहा कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे इस मामले में निर्णय करेंगे और देशमुख के खिलाफ कार्रवाई भी करेंगे।

पवार ने कहा कि न तो मुख्यमंत्री और न ही राज्य के गृह मंत्री पिछले वर्ष पुलिस बल में सचिन वाजे को फिर से बहाल करने के लिए जिम्मेदार हैं। राकांपा प्रमुख ने कहा कि सिंह के पत्र के बारे में उन्होंने ठाकरे से बात की है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं उद्धव ठाकरे को सुझाव दूंगा कि परमबीर सिंह के दावों पर गौर करने के लिए पूर्व आईपीएस अधिकारी जुलियो रिबेरो का सहयोग लें।’’ पवार ने कहा कि 17 मार्च को होम गार्ड्स में तबादला होने के बाद सिंह ने ये आरोप लगाए।

राकांपा सुप्रीमो ने कहा कि सिंह के आरोपों के कारण एमवीए सरकार पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने के प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन वे सफल नहीं होंगे। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे आठ पन्नों के पत्र में सिंह ने आरोप लगाए कि देशमुख अपने सरकारी आवास पर पुलिस अधिकारियों को बुलाते थे और उन्हें बार, रेस्तरां और अन्य स्थानों से ‘‘उगाही करने का लक्ष्य’’ देते थे।

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