A
Hindi News भारत राष्ट्रीय जब पर्रिकर ने रिपोर्टर से कहा- क्या मैं आपके पेट के अंदर जाकर मछली की जांच करूं

जब पर्रिकर ने रिपोर्टर से कहा- क्या मैं आपके पेट के अंदर जाकर मछली की जांच करूं

संवाददाता ने बार-बार पूछा कि बुधवार को प्रतिबंध से पहले गोवा वासियों ने जो मछलियां खाई थी, क्या सुरक्षित थी? पर्रिकर ने कहा, आप जिस विशेषज्ञ का जिक्र कर रहे हैं और खुद टिप्पणी कर रहे हैं, उससे भ्रम पैदा होता है।

<p>manohar parrikar</p>- India TV Hindi manohar parrikar

पणजी: गोवा में बेची जा रही मछलियों के सुरक्षित होने को लेकर मीडिया के सवाल से तंग मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने एक पत्रकार पर नाराज होते हुए कहा कि क्या वह उस संवाददाता के पेट में घुसकर जांच करें कि उसने जो मछली खाई है, सुरक्षित है या नहीं। पर्रिकर ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "क्या मैं आप के पेट के अंदर जाकर देखूं। क्या मैं आपके पेट के अंदर जाऊं और फिर आपको बताऊं कि आप ने जो मछली खाई है, वह सुरक्षित है या नहीं। हमने जो दूसरे दिन जांच की, उसकी रिपोर्ट आपको दी। ऐसे लोगों के पास मत जाइए, जो अखबारों को स्टोरियां दे रहे हैं।"

संवाददाता ने बार-बार पूछा कि बुधवार को प्रतिबंध से पहले गोवा वासियों ने जो मछलियां खाई थी, क्या सुरक्षित थी? पर्रिकर ने कहा, "आप जिस विशेषज्ञ का जिक्र कर रहे हैं और खुद टिप्पणी कर रहे हैं, उससे भ्रम पैदा होता है।"

फॉर्मेलिन के उपयोग पर आई रिपोर्टों को लेकर विभिन्न वर्गो की नाराजगी का सामना करने के बाद राज्य सरकार 15 दिनों तक मछली आयात पर रोक लगा दी थी। फॉर्मेलिन एक शक्तिशाली कीटनाशक है, जिसका इस्तेमाल मछली को परिवहन के दौरान संरक्षित करने के लिए किया जाता है। पर्रिकर ने इस पर भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि खाद्य व औषधि प्रशासन द्वारा मछली के खेप की जांच की गई, जिससे रोक लगाने का सुझाव दिया गया।

पर्रिकर ने कहा, "चूंकि मैंने मछली आयात पर रोक लगा दी है, लिहाजा मैं परीक्षण करने नहीं जा रहा हूं। इन मुद्दों पर चर्चा की कोई वजह नहीं बनती है, जिन्हें संभवतया कोई उचित तरीके से नहीं समझता। इसलिए मैं इस पर टिप्पणी नहीं करूंगा।"

राज्य के एफडीए अधिकारियों ने बीते शुक्रवार को ओडिशा, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक व महाराष्ट्र के बाहरी इलाके से मछली की खेप पर छापे के बाद दावा किया था कि मछलियों को संरक्षित करने के लिए फार्मेलिन का इस्तेमाल किया गया। लेकिन छापे के तुरंत बाद कृषि मंत्री विजय सरदेसाई ने ट्वीट किया कि मछली खाने योग्य है। इसके बाद इस विवाद ने जोर पकड़ा, जिसके बाद एफडीए ने एक बयान में कहा कि रसायन का इस्तेमाल स्वीकृत सीमा के अंदर था।

Latest India News