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Hindi News भारत राष्ट्रीय साइरस पूनावाला ने कहा, कोविशील्ड की बूस्टर खुराक है जरूरी, छह महीने के बाद ली जानी चाहिए

साइरस पूनावाला ने कहा, कोविशील्ड की बूस्टर खुराक है जरूरी, छह महीने के बाद ली जानी चाहिए

पूनावाला ने यह भी कहा कि वह कोरोना वायरस के 2 अलग-अलग वैक्सीन की खुराक देने के पक्ष में नहीं हैं।

SII chairman Poonawalla says booster dose of Covishield desirable- India TV Hindi Image Source : PTI साइरस पूनावाला ने कहा कि कोविशील्ड की दो खुराक के बीच आदर्श अंतर दो महीने का है।

पुणे: सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) के अध्यक्ष साइरस पूनावाला ने शुक्रवार को यहां कहा कि कोविशील्ड की दो खुराक के बीच आदर्श अंतर दो महीने का है और वैक्सीन की एक और खुराक छह महीने के बाद ली जानी चाहिए। एसआईआई द्वारा निर्मित वैक्सीन कोविशील्ड से पैदा होने वाले कोरोना वायरस-रोधी एंटीबॉडी के कुछ समय बाद कम हो जाने को लेकर चिकित्सीय पत्रिका लैंसेट में छपी एक रिपोर्ट के बारे में पूछे जाने पर पूनावाला ने संवाददाताओं से कहा कि यह सच है कि एंटीबॉडी कम हो जाती हैं, लेकिन मेमोरी सेल बनी रहती हैं। 

उन्होंने कहा, "छह महीने के बाद, एंटीबॉडी कम हो जाती हैं और इसलिए मैंने तीसरी खुराक ली है। हमने अपने एसआईआई के सात से आठ हजार कर्मचारियों को तीसरी खुराक दी है। जिन्होंने दूसरी खुराक पूरी कर ली है, उनसे मेरा अनुरोध है कि छह महीने के बाद एक बूस्टर खुराक (तीसरी खुराक) ले लें।" वह यहां प्रतिष्ठित लोकमान्य तिलक पुरस्कार प्राप्त करने के बाद संवाददाता सम्मेलन में बोल रहे थे। 

उन्होंने कहा कि कोविशील्ड की दो खुराक के बीच आदर्श अंतर दो महीने है। पूनावाला ने कहा, "चूंकि वैक्सीन की कमी है, इसलिए मोदी सरकार ने इस अवधि को तीन महीने कर दिया, लेकिन दो महीने का अंतराल आदर्श है।" उन्होंने यह भी कहा कि लॉकडाउन वायरस से निपटने का प्रभावी तरीका नहीं है। उन्होंने दावा किया कि ज्यादातर मामलों में लापरवाही और डॉक्टरों को संक्रमण की सूचना देने में देरी के कारण मौतें हुईं।

उन्होंने यह भी कहा कि वह कोरोना वायरस के 2 अलग-अलग वैक्सीन की खुराक देने के पक्ष में नहीं हैं। कोविशील्ड का उत्पादन करने वाले एसआईआई के प्रमुख पूनावाला ने पुणे में लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय सम्मान प्राप्त करने के बाद रिपोर्टर्स के सवालों के जवाब देते हुए कहा, ‘मैं दो अलग-अलग वैक्सीन को मिलाने के विरुद्ध हूं। दो भिन्न वैक्सीन को मिलाने की कोई जरूरत नहीं है।’ बता दें कि एक स्टडी में कहा गया था कि दोनों वैक्सीन की एक-एक खुराक लगवाने से प्रतिरोधक क्षमता बेहतर हो जाती है।

पूनावाला ने दो अलग-अलग वैक्सीन के मिश्रण के पक्ष में न होने की बाद तक कही जब उनसे एक ही व्यक्ति को कोविशील्ड और कोवैक्सीन की दो अलग-अलग खुराक देने से रोग प्रतिरोधक क्षमता और बेहतर होने की धारणा के संबंध में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान संस्थान के एक अध्ययन के बारे में पूछा गया था। पूनावाला ने कहा, ‘अगर कॉकटेल वैक्सीन लगाए जाते हैं और परिणाम अच्छे नहीं आते तो एसआईआई कह सकता है कि दूसरा वैक्सीन सही नहीं था। इसी तरह दूसरी कंपनी कह सकती है कि आपने सीरम के वैक्सीन को मिला दिया इसलिए अपेक्षित परिणाम नहीं मिले।’

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