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Hindi News भारत राष्ट्रीय Subash Chandra Bose: नेताजी की कथित अस्थियों से जुड़े 5 तथ्य जो आप नहीं जानते होंगे

Subash Chandra Bose: नेताजी की कथित अस्थियों से जुड़े 5 तथ्य जो आप नहीं जानते होंगे

एक आम धारणा यह है कि जापान के एक बौद्ध मंदिर में उनकी अस्थियां रखी हुई हैं और उसे पूरे सम्मान के साथ भारत लाया जाना चाहिए।

Subash Chandra Bose 5 interesting facts related to netaji । Subash Chandra Bose: नेताजी की कथित अस्थ- India TV Hindi Image Source : PTI (FILE) Subash Chandra Bose Statue

नई दिल्ली. स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आज पुण्यतिथि है। उनके लापता होने को लेकर कई तरह की बातें और साजिशों तक की बात सामने आ चुकी है। हालांकि एक आम धारणा यह है कि जापान के एक बौद्ध मंदिर में उनकी अस्थियां रखी हुई हैं और उसे पूरे सम्मान के साथ भारत लाया जाना चाहिए। नेताजी की बेटी अनीता बोस के पत्र से लेकर उनके भतीजे चंद्र कुमार बोस के मुखर समर्थन तक यह मांग समय के साथ बुलंद होती गई।

नेताजी के अस्थि-कलश को लेकर कुछ तथ्य ऐसे हैं, जिनके बारे में आज भी कम ही लोग जानते हैं :

  1. नेताजी की कथित अस्थियां जिस रेंको-जी बौद्ध मंदिर में रखी है, उसे 1954 में समृद्धि और खुशियों के भगवान से प्रेरित होकर बनाया गया था। चंद्र कुमार बोस के अनुसार, मंदिर के उच्च पुजारी और अब उनके बेटे द्वारा इस राख को सुरक्षित रखा गया है। राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद और प्रधानमंत्रियों में जवाहरलाल नेहरू से लेकर इंदिरा गांधी और अटल बिहारी वाजपेयी तक, सभी ने अपनी जापान यात्रा के दौरान उस बौद्ध मंदिर का दौरा किया, जिससे इस बात को बल मिला कि वहां वास्तव में नेताजी की अस्थियां रखी हैं।
  2. विदेश मंत्रालय में पूर्व अतिरिक्त सचिव अजय चौधरी ने कहा था कि नेताजी की अस्थियों वाले बक्से को मंदिर के परिसर में एक अलमारी में रखा गया है। जब कोई आगंतुक इसे देखना चाहता है, तो इस बक्से को बाहर निकालकर दो मोमबत्तियों के बीच रखा जाता है।
  3. टोक्यो स्थित भारतीय दूतावास के अनुसार, अस्थियों को एक छोटे से टिन या लकड़ी के बक्से में रखा गया था। 2 माचर्, 2007 को आरटीआई आवेदन का जवाब देते हुए बताया गया कि अस्थियों को लगभग 6 इंच चौड़े व 9 इंच लंबे डिब्बे में (जो टिन या लकड़ी से बना है) में रखा गया है।
  4. प्रधानमंत्री नेहरू के सचिव एम.ओ. मथाई ने 2 दिसंबर, 1954 के एक पत्र में कहा, "टोक्यो में हमारे दूतावास के विदेश मंत्री को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की अस्थियां और अन्य अवशेषों के साथ 200 रुपये प्राप्त हुए थे।"
  5. केंद्रीय मंत्री प्रणब मुखर्जी ने 21 अक्टूबर, 1995 को जर्मनी में नेताजी की विधवा एमिली शेंक से मुलाकात की थी, इसके बाद उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिम्हा राव को नेताजी की अस्थियों के बारे में लिखा था। मुखर्जी ने उस साल एक गोपनीय पत्र में लिखा था, "मुझे लगता है कि नेताजी की विधवा और बेटी बहुत उत्सुक हैं कि नेताजी की अस्थियों की भारत में वापसी के मुद्दे का जल्द समाधान हो।"

इस बात को दशकों बीत चुके हैं, कई आरटीआई याचिका दायर की गइईं, लेकिन नेताजी की कथित अस्थियां अब भी जापान में ही हैं।

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