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Hindi News भारत राष्ट्रीय पाक कलाकारों के भारत में काम करने पर कोई सरकारी प्रतिबंध नहीं: नायडू

पाक कलाकारों के भारत में काम करने पर कोई सरकारी प्रतिबंध नहीं: नायडू

नई दिल्ली: सूचना एवं प्रसारण मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा कि सरकार ने पाकिस्तानी कलाकारों के भारत में काम करने को लेकर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है, लेकिन फिल्म निर्माताओं को उन्हें काम देते

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नई दिल्ली: सूचना एवं प्रसारण मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा कि सरकार ने पाकिस्तानी कलाकारों के भारत में काम करने को लेकर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है, लेकिन फिल्म निर्माताओं को उन्हें काम देते समय लोगों की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए। नायडू को यह भी लगता है कि ऐ दिल है मुश्किल और एमएनएस के बीच मध्यस्थता करने वाले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने सेना कल्याण कोष में निर्माताओं से पांच करोड़ रूपये जमा करने को कहे जाने के मामले में कुछ गलत नहीं किया या उनकी कोई भूमिका नहीं थी।

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नायडू का कहना है कि सिद्धांतत: वह दूसरे देशों के कलाकारों के भारत में काम करने पर रोक लगाने के पक्ष में नहीं हैं, लेकिन जब पड़ोसी देश की ओर से परोक्ष युद्ध चलाया जा रहा हो तो फिल्म निर्माताओं को स्थिति को ध्यान में रखना चाहिए। उन्होंने कहा, लोगों का कहना है कि कला की कोई सीमा नहीं है। हां, कला की कोई सीमा नहीं होती लेकिन देशों की सीमाएं होती हैं। उसे ध्यान में रखा जाना चाहिए। नायडू ने कहा कि कलाकारों की भी जिम्मेदारी होती है कि वे लोगों की भावनाओं को आहत नहीं करें। उन्होंने कहा, आपको मन में स्थिति को समझना होगा।

मंत्री ने कहा, लेकिन ऐसी स्थिति में जब परोक्ष युद्ध चल रहा हो और आपका पड़ोसी नियमित तौर पर आतंकवादियों को प्रोत्साहित कर तथा वित्तीय मदद देकर आपको भड़का रहा हो तथा हजारों लोगों और आपके जवानों को मार रहा हो, इस तरह की स्थिति में यदि आप इस तरह की चर्चा में पड़ते हैं कि कला हमारा अधिकार है तो उससे लोगों को दुख पहुंचेगा। लेकिन सरकार ने किसी पर कोई रोक नहीं लगाई है।

नायडू का मानना है कि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) की ओर से धमकियों के मद्देनजर प्रोड्यूसर्स गिल्ड के मुख्यमंत्री से संपर्क किए जाने के बाद फड़णवीस ने ऐ दिल है मुश्किल से संबंधित विवाद को शांत कर सही काम किया। उन्होंने कहा, देवेंद्र फड़णवीस ने सही चीज की है। वह राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति के लिए उत्तरदायी हैं। इसलिए, उन्होंने मुद्दे के सौहार्दपूर्ण समाधान के लिए काम किया।

नायडू ने कहा कि फड़णवीस ने उन्हें स्पष्ट रूप से बताया कि उन्होंने निर्माताओं के सेना कोष में अंशदान देने के मामले में अपनी सहमति नहीं दी थी। उन्होंने कहा, फड़णवीस इसका हिस्सा नहीं हैं। यह सरकार के सिद्धांतों (इस तरह कोष मांगना) के खिलाफ है।

राम मन्दिर मुद्दे पर विभिन्न प्रश्नों का जवाब देते हुए नायडू ने कहा, भारत के लोग राम जन्मस्थान पर एक भव्य मन्दिर चाहते हैं किन्तु आप इसे कैसे करेंगे। इसके लिए या तो दावा करने वाले पक्षों के बीच समझौता होना चाहिए या कानूनी निर्णय का पालन करना होगा जिसमें काफी समय लग रहा है।

उन्होंने यह भी कहा कि जहां तक सरकार की बात है सरकार एवं राजनीतिक दलों का किसी मन्दिर के निर्माण में कोई भूमिका नहीं है। उन्होंने कहा, बाधाएं पैदा कर या हटा नहीं सकते जैसा कि पहले मुलायमजी ने किया था। मंत्री ने कहा कि जहां तक सरकार एवं भाजपा की बात है, उप्र चुनाव की बात है उन्हें राम जन्मभूमि या समान नागरिक संहिता या तीन बार तलाक के मुद्दों पर नहीं लड़ा जाएगा। उन्हें विकास के मुद्दों पर लड़ा जाएगा।

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