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Hindi News भारत राष्ट्रीय कांग्रेस ने कमजोर वर्ग के लोगों को 10 फीसदी आरक्षण पर किया भाजपा का समर्थन, युवाओं के रोजगार मुद्दे पर पूछा सवाल

कांग्रेस ने कमजोर वर्ग के लोगों को 10 फीसदी आरक्षण पर किया भाजपा का समर्थन, युवाओं के रोजगार मुद्दे पर पूछा सवाल

आर्थिक रूप से कमजोर, सामान्य वर्ग के लोगों को सरकारी नौकरियों एवं शिक्षा में 10 फीसदी आरक्षण देने के सरकार के फैसले का समर्थन करते हुए कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि गरीबों के बच्चों को आरक्षण के लिए वह पूरा सहयोग एवं समर्थन करेगी।

Randeep Singh Surjewala, congress- India TV Hindi Randeep Singh Surjewala

नयी दिल्ली: आर्थिक रूप से कमजोर, सामान्य वर्ग के लोगों को सरकारी नौकरियों एवं शिक्षा में 10 फीसदी आरक्षण देने के सरकार के फैसले का समर्थन करते हुए कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि गरीबों के बच्चों को आरक्षण के लिए वह पूरा सहयोग एवं समर्थन करेगी, लेकिन नरेंद्र मोदी सरकार को यह जवाब देना होगा कि वह युवाओं को रोजगार कब देगी। पार्टी ने सरकार की इस घोषणा के समय को लेकर सवाल खड़े करते करते हुए यह दावा भी किया कि लोकसभा चुनाव से चंद महीने पहले के इस फैसले को लेकर प्रधानमंत्री की नीयत पर सवाल खड़े होते हैं और आशंका पैदा होती है कि कहीं यह भी ‘जुमला न बन जाए।’ 

कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा कि कांग्रेस पार्टी हमेशा से आर्थिक रूप से पिछड़े सामान्य वर्ग के लोगों के आरक्षण और उत्थान की समर्थक रही है। दलितों, आदिवासियों और पिछड़ों के आरक्षण से कोई छेड़छाड़ नहीं हो और इसके साथ ही आर्थिक गरीबों के बच्चों को शिक्षा एवं रोजगार में आरक्षण मिले, हम इसमें समर्थन एवं सहयोग करेंगे। उन्होंने कहा कि सवाल यह भी है कि जब लोकसभा का चुनाव नजदीक आ गया तब आर्थिक रूप से गरीब लोगों की याद क्यों आई? इससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीयत पर सवाल खड़े होते हैं। सुरजेवाला ने दावा किया कि गब्बर सिंह टैक्स से दो करोड़ रोजगार खत्म हो गए, व्यापार चौपट हो गए। यह भी सच है कि आज रोजगार नहीं हैं, बल्कि लोगों का रोजगार जा रहा है। हर साल दो करोड़ रोजगार देने का वादा करके सत्ता में आए मोदी जी चार साल और आठ महीने में नौ लाख भी रोजगार नहीं दे पाए।

उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि कांग्रेस का मानना है कि आर्थिक रूप से गरीब लोगों के बच्चों को शिक्षा और रोजगार में हिस्सेदारी मिलनी चाहिए। इसलिए हम इसको लेकर उठाए गए हर कदम को समर्थन देंगे और सहयोग करेंगे। सुरजेवाला ने कहा कि हम यह भी कहना चाहते हैं कि मोदी जी, नौकरियों में आरक्षण दीजिए, लेकिन युवा कह रहे हैं कि नौकरियां भी दीजिए। कहीं आरक्षण का यह वादा भी जुमला बन जाए। इससे पहले कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने सरकार के कदम को ‘चुनावी जुमलेबाजी’ करार देते हुए सोमवार को आरोप लगाया कि आम चुनाव से पहले सरकार सिर्फ दिखावा कर रही है। 

सिंघवी ने ट्वीट कर कहा कि क्या आपने इस बारे में चार साल और आठ महीने तक सोचा? निश्चित तौर पर आचार संहिता लागू होने से तीन महीने पहले इस चुनावी जुमलेबाजी के बारे में सोचा गया।उन्होंने कहा कि आप जानते हैं कि आप कोटा की सीमा को 50 फीसदी से ज्यादा नहीं कर सकते। इसलिए आप यह दिखाना चाहते हैं कि आपने प्रयास किया, लेकिन नहीं हो पाया। गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सामान्य श्रेणी में आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के लिए नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में 10 प्रतिशत आरक्षण को मंजूरी दी है।

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