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Hindi News भारत राष्ट्रीय 'मोदी-मोदी' चिल्लानेवाले लोग पीएम के पतन का कारण बनेंगे: शिवसेना

'मोदी-मोदी' चिल्लानेवाले लोग पीएम के पतन का कारण बनेंगे: शिवसेना

BJP की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने मुखपत्र सामना में लिखे संपादकीय में कहा है कि हर समय मोदी-मोदी का नारा लगानेवाले लोग पीएम मोदी को डुबो देंगे।

Udhdhav Thakrey- India TV Hindi Udhdhav Thakrey

मुंबई: BJP की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने मुखपत्र सामना में लिखे संपादकीय में कहा है कि हर समय मोदी-मोदी का नारा लगानेवाले लोग पीएम मोदी को डुबो देंगे। सामना ने अपने संपादकीय में लिखा, 'आज, देश ऐसे नीच लोगों से सबसे बड़े खतरे का सामना कर रहा है..ये जो 'मोदी-मोदी' चिल्लाने वाले ढीठ लोग हैं, वास्तव में प्रधानमंत्री की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा रहे हैं।'

शिवसेना ने शुक्रवार को अपनी सहयोगी भारतीय जनता पार्टी (BJP) के कार्यकर्ताओं द्वारा हर समय 'मोदी मोदी' का नारा लगाने को लेकर रोष जाहिर किया और चेताया कि ये 'भक्त' प्रधानमंत्री को डूबो देंगे। शिवसेना ने पार्टी के मुखपत्र 'सामना' और 'दोपहर का सामना' में लिखे संपादकीय में कहा, "आज, देश ऐसे नीच लोगों से सबसे बड़े खतरे का सामना कर रहा है..ये जो 'मोदी-मोदी' चिल्लाने वाले ढीठ लोग हैं, वास्तव में प्रधानमंत्री की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा रहे हैं।"

बृहनमुंबई नगर निगम (बीएमसी) में दो दिन पहले भाजपा के पार्षदों ने 'मोदी-मोदी' के नारे लगाए थे और शिवसेना के पार्षदों ने जवाब में 'चोर है-चोर है' का नारा लगाया था। इस घटना का उल्लेख करते हुए संपादकीय में लिखा गया कि जिन्होंने (भाजपा ने) सेना के शेरों को चुनौती दी, उन्हें 'कान के नीचे' खींचकर जवाब दिया गया। संपादकीय में कहा गया, "हमने मोदी का हमेशा प्रधानमंत्री के रूप में सम्मान किया है..उनका नाम लोगों के बीच गर्व पैदा करना चाहिए, लेकिन इस तरह के सनकी तरीके से नहीं।"

संपादकीय में ध्यान दिलाया गया कि 1971 में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने पाकिस्तान को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था और पूर्वी पाकिस्तान को उससे अलग कर बांग्लादेश बनवा दिया था। संपादकीय में कहा गया है, "उस वक्त उनके भक्त भी 'भारत ही इंदिरा है' का नारा लगाने लगे थे..इसके बावजूद उन्हें चुनावों में बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा था। उनके भक्तों ने ही उन्हें डूबो दिया था।"

पांच जुलाई को हुए बीएमसी कार्यक्रम के बारे में शिवसेना ने हैरत जताते हुए कहा कि 647 करोड़ के अनुदान को लेकर इतना हल्ला क्यों मचाया गया जबकि यह पैसा न तो भाजपा के खजाने से आ रहा था और न शिवसेना के खजाने में जा रहा था।

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