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Hindi News भारत राष्ट्रीय उत्तराखंड के CM को सता रही चिंता, बोले- कोरोना संक्रमण अगर पहाड़ों में पहुंचा तो संभालना मुश्किल

उत्तराखंड के CM को सता रही चिंता, बोले- कोरोना संक्रमण अगर पहाड़ों में पहुंचा तो संभालना मुश्किल

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मंगलवार को एक बार फिर प्रदेशवासियों से अनुरोध किया कि वे सामाजिक मेलजोल से दूरी बनाए रखने का सख्ती से पालन करें क्योंकि यदि कोरोना वायरस संक्रमण राज्य के पहाड़ी क्षेत्रों में फैल गया तो उसे संभालना मुश्किल होगा।

<p>Trivendra Singh Rawat</p>- India TV Hindi Trivendra Singh Rawat

देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मंगलवार को एक बार फिर प्रदेशवासियों से अनुरोध किया कि वे सामाजिक मेलजोल से दूरी बनाए रखने का सख्ती से पालन करें क्योंकि यदि कोरोना वायरस संक्रमण राज्य के पहाड़ी क्षेत्रों में फैल गया तो उसे संभालना मुश्किल होगा। उन्होंने कहा कि पहाड़ी क्षेत्रों की भौगोलिक संरचना और वहां की स्वास्थ्य व्यवस्था इस चुनौती का सामना करने के लिए तैयार नहीं है।

सोमवार रात 'फेसबुक लाइव' में मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘राज्य के बाहर काम कर रहे हजारों लोग अपने गांवों में लौट आए हैं। मुझे बताया गया है कि वे वॉलीबॉल, फुटबॉल, क्रिकेट और कार्ड खेलकर अपना समय गुजार रहे हैं। यह ऐसी गतिविधियों का समय नहीं है। सुरक्षित रहने के लिए उन्हें सामाजिक मेलजोल से दूरी बनाए रखनी होगी।’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि अन्य प्रदेशों से अपने गांव आए लोगों से अनुरोध है कि वह अन्य लोगों से दूरी बनाए रखें, अपने बच्चों से भी कुछ दिनों के लिए दूर रहें, खुद को भी बचाएं और अपने परिवार तथा गांव को भी सुरक्षित रखें।

उन्होंने कहा कि जाने अनजाने में भी कोई गलती नहीं करनी है। उन्होंने कहा कि सबके सहयोग से ही हम कोरोना वायरस को हरा सकते हैं, ‘‘कोरोना हारेगा, उत्तराखंड जीतेगा।’’? उन्होंने कहा, ‘‘हम कोरोना वायरस से बचाव के अपने प्रयासों में कोई कमी ना रखें। इटली, स्पेन और फ्रांस में क्या हुआ, देखिए, कोरोना वायरस अनजाने में हुई भूल को भी नहीं माफ करता।’’ रावत ने लॉकडाउन के दौरान संयम दिखाने के लिए जनता का आभार जताया और उम्मीद जाहिर की कि आने वाले दिनों में जनता जरूरत पड़ने पर इससे भी कड़े नियमों का पूरे संयम से पालन करेगी।

इस बीच, प्रदेश के कैबिनेट मंत्री और राज्य सरकार के प्रवक्ता मदन कौशिक कहा कि अपने गांव लौटे लोगों का एहतियात के तौर पर स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा। पिछले कुछ दिनों में देश के विभिन्न हिस्सों से अपने घरों की ओर लौटने के दौरान रास्ते में फंसे लोगों के बारे में कौशिक ने कहा कि 14 दिन तक पृथक केन्द्रों में रखने के बाद ही उन्हें गांव भेजा जाएगा।

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