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Hindi News भारत राष्ट्रीय टिहरी झील में ‘सी-प्लेन’ के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किये गये

टिहरी झील में ‘सी-प्लेन’ के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किये गये

टिहरी झील में सी-प्लेन के संचालन के लिए ‘वाटरड्रोम’ की स्थापना के लिए बुधवार को केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण और उत्तराखंड सरकार ने त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। 

sea PLANE- India TV Hindi Image Source : PTI (FILE) टिहरी झील में ‘सी-प्लेन’ के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किये गये

देहरादून। टिहरी झील में सी-प्लेन के संचालन के लिए ‘वाटरड्रोम’ की स्थापना के लिए बुधवार को केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण और उत्तराखंड सरकार ने त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। ‘वाटरड्रोम’ की स्थापना के लिए एमओयू करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की उपस्थिति में हुए इस एमओयू के अलावा पिथौरागढ़ स्थित नैनी सैनी में भी हवाई सेवाओं के सफल संचालन के लिए सीएनएस-एटीएम (कम्युनिकेशन, नेवीगेशन, सर्विलांस एंड एयर ट्रैफिक मेनेजमेंट सर्विसेज) एमओयू पर भी हस्ताक्षर किए गए।

मुख्यमंत्री रावत ने दोनों एमओयू के होने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए इसे राज्य के लिए ऐतिहासिक अवसर बताया और कहा कि टिहरी झील में ‘सी-प्लेन’ के संचालन के लिए यह बड़ी शुरूआत हुई है जिससे टिहरी में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि इससे स्थानीय पर्यटन व्यवसायियों को भी लाभ होगा। पिछले कुछ समय में टिहरी की पहचान प्रमुख पर्यटक स्थल के तौर पर बनी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिथौरागढ़ राज्य का दूरस्थ क्षेत्र है और इसका सामरिक महत्व भी है। उन्होंने कहा कि नैनी सैनी में हवाई सेवाओं के संचालन से पर्यटकों के साथ ही स्थानीय लोगों को भी बहुत सुविधा होगी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार पिथौरागढ़ को पर्यटक स्थल के तौर पर और विकसित कर रही है और वहां 50 हेक्टेयर क्षेत्र में देश का सबसे बड़ा ट्यूलिप गार्डन विकसित किया जायेगा।

केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय में संयुक्त सचिव उषा ने इस एमओयू को भारत सरकार के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण बताया और कहा कि ‘वाटरड्रोम’ के लिए पहली बार किसी राज्य के साथ एमओयू किया गया है। केंद्र की 'उड़ान' योजना में मुख्यमंत्री और उत्तराखंड सरकार की सक्रियता की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि इस योजना में हवाई अड्डे के विकास पर आने वाली लागत का सौ प्रतिशत केंद्र सरकार द्वारा वहन किया जाता है।

उषा ने बताया कि अगस्त में फिक्की के सहयोग से देहरादून में ‘हेलीकॉप्टर कान्क्लेव’ आयोजित किया जाएगा। उन्होंने पवन हंस की ओर से सीएसआर के अंतर्गत शिक्षा के क्षेत्र में 60 लाख रुपए की सहयोग राशि दिये जाने की बात भी कही। प्रदेश के नागरिक उड्डयन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि ‘वाटरड्रोम’ की स्थापना के लिये झील के निकट 2.5 हेक्टेयर भूमि का चयन कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि ‘वाटरड्रोम’ की स्थापना ‘ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट’ की तरह की जाएगी। 

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