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Hindi News भारत राष्ट्रीय नाराज भारत को अमेरिका देगा 145 हॉवित्जर तोपें!

नाराज भारत को अमेरिका देगा 145 हॉवित्जर तोपें!

अमेरिका को पता है कि शक्ति का संतुलन कैसे बरकरार रखी जा सकता है। अमेरिका जो विश्व में हथियारों का सबसे बड़ा सौदागर है, पहले तो पाकिस्तान को आधुनिक लड़ाकू विमान F-16 बेचने पर राजी होता है फिर भारत को 145 अल्ट्रा लाइट हॉवित्जर तोपें बेचने के लिए तैयार

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नई दिल्ली: अमेरिका को पता है कि शक्ति का संतुलन कैसे बरकरार रखी जा सकता है। अमेरिका जो विश्व में हथियारों का सबसे बड़ा सौदागर है, पहले तो पाकिस्तान को आधुनिक लड़ाकू विमान F-16 बेचने पर राजी होता है फिर भारत को 145 अल्ट्रा लाइट हॉवित्जर तोपें बेचने के लिए तैयार हो गया। डील 700 मिलियन डॉलर से ज्यादा की होगी। दोनों देशों की सरकारों के बीच यह डील होगी। फाइनल कॉन्ट्रेक्ट 180 दिन के अंदर तैयार कर लिया जाएगा। बता दें कि अमेरिका ने हाल ही में पाकिस्तान को आठ एफ-16 फाइटर जेट्स बेचने का फैसला किया है जिससे भारत नाराज चल रहा है।

पेंटागन ने हॉवित्जर तोपों से संबंधित डील का लेटर इंडियन डिफेंस मिनिस्ट्री को भेज दिया है। इन तोपों की पहली खेप भारत को सीधे तौर पर भेजी जाएगी। इसके बाद की तोपें तीन साल के अंदर भारत में ही तैयार की जाएंगी। डील के 30 पसरेंट हिस्से को भारत में इन्वेस्ट किया जाएगा। इस डील के साथ ही अमरीका, रुस, इजराइल और फ्रांस को पीछे छोड़कर भारत को आर्म्स सप्लाइ करने वाला सबसे बड़ा देश बन गया है। 2007 से अब तक भारत और अमेरिका के बीच 13 बिलियन डॉलर की आर्म्स डील हो चुकी हैं।

हॉवित्जर तोपें दूसरी तोपों के मुकाबले काफी हल्की हैं। इनको बनाने में काफी हद तक टाइटेनियम का इस्तेमाल किया गया है। यह 25 किलोमीटर दूर तक बिल्कुट सटीक तरीके से टारगेट हिट कर सकती हैं। चीन से निपटने में तो यह तोपें काफी कारगर साबित हो सकती हैं। भारत यह तोपें अपनी 17 माउंटेन कॉर्प्स में तैनात कर सकता है।

1980 के बाद से इंडियन आर्मी की आर्टिलरी में कोई नई तोप शामिल नहीं की गई। जून 2006 में हॉवित्जर का लाइट वर्जन खरीदने के लिए भारत-अमरीका की बातचीत शुरू हुई थी। अगस्त 2013 में अमरीका ने हॉवित्जर का नया वर्जन देने की पेशकश की, जिसकी कीमत 885 मिलियन डॉलर थी। इस मामले में दो साल तक बात आगे नहीं बढ़ी। मई 2015 में भारत ने अमरीका से इन तोपों को देने की गुजारिश की और लेटर ऑफ रिक्वेस्ट अमरीका को भेजा गया फिर यह डील दोबारा शुरू हुई।

अगले स्लाइड में जानें इन तोपों की खासियत.....

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