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पश्चिम बंगाल सरकार हड़ताली डॉक्टरों पर कड़ी कार्रवाई की तैयारी में

पश्चिम बंगाल सरकार हड़ताली जूनियर डॉक्टरों पर कड़ी कार्रवाई करने की तैयारी में है। पश्चिम बंगाल मेडिकल काउंसिल के अध्यक्ष निर्मल माजी ने गुरुवार को कहा कि हड़ताली डॉक्टर अगर काम पर नहीं लौटे तो उनका पंजीयन रद्द हो सकता है।

doctors strike- India TV Hindi Image Source : PTI पश्चिम बंगाल सरकार हड़ताली डॉक्टरों पर कड़ी कार्रवाई की तैयारी में

कोलकाता। पश्चिम बंगाल सरकार हड़ताली जूनियर डॉक्टरों पर कड़ी कार्रवाई करने की तैयारी में है। पश्चिम बंगाल मेडिकल काउंसिल के अध्यक्ष निर्मल माजी ने गुरुवार को कहा कि हड़ताली डॉक्टर अगर काम पर नहीं लौटे तो उनका पंजीयन रद्द हो सकता है और उनका इंटर्नशिप पूरा होने का पत्र रोक दिया जाएगा।

उन्होंने विपक्षी दलों पर हड़ताली जूनियर डॉक्टरों को भड़काने का आरोप लगाया और कहा कि विपक्षी दल ममता बनर्जी सरकार की मुफ्त चिकित्सा सेवा योजना को बंद कराना चाहते हैं। माजी ने आईएएनएस से कहा, "हमें इंटर्नशिप पूरा होने का पत्र रोकने जैसी उचित कार्रवाई करनी होगी। उनका पंजीयन भी रद्द किया जा सकता है।"

उन्होंने कहा, "राज्य सरकार सरकारी अस्पतालों में हर मेडिकल छात्र पर 50 लाख रुपये खर्च करती है। अगर वे मरीजों की सेवा का अपना नैतिक दायित्व पूरा नहीं करेंगे तो उन्हें मिल रही यह सुविधा बंद कर दी जाएगी।"

शुक्रवार को कामकाज का बहिष्कार करेंगे दिल्ली के डॉक्टर

राष्ट्रीय राजधानी में शुक्रवार को निजी और सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाएं प्रभावित हो सकती हैं क्योंकि बड़ी संख्या में डॉक्टरों ने कोलकाता में प्रदर्शन कर रहे अपने साथियों के साथ एकजुटता दिखाते हुए एक दिन का काम का बहिष्कार करने का फैसला किया है।

शहर के अनेक चिकित्सा संस्थाओं के अनुसार कई अस्पतालों में आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर ओपीडी, नियमित ओटी सेवाएं पूरी तरह बंद रहेंगी। एम्स और सफदरजंग अस्पताल के रेजीडेंट डॉक्टरों ने बृहस्पतिवार को सांकेतिक प्रदर्शन करते हुए अपने सिर पर पट्टियां बांधकर काम किया और कोलकाता में हिंसा की घटना के विरोध में 14 जून को ओपीडी समेत सभी गैर-आपातकालीन सेवाओं को बंद रखने का आह्वान किया। 

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