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Hindi News भारत राष्ट्रीय कृषि कानून में काला क्या है? कोई बताए तब तो ठीक करने की कोशिश करूं: कृषि मंत्री

कृषि कानून में काला क्या है? कोई बताए तब तो ठीक करने की कोशिश करूं: कृषि मंत्री

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने राज्यसभा में कहा कि कृषि कानून में काला क्या है यो कोई तब तो इसे ठीक करने की कोशिश करूं।

what is black in farm laws Agriculture minister narnedra singh tomar speech Rajya sabha| कानून में क- India TV Hindi Image Source : INDIA TV कानून में काला क्या है? कोई बताए तो ठीक करने की कोशिश करूं: कृषि मंत्री

नई दिल्ली: केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने राज्यसभा में कहा कि कृषि कानून में काला क्या है यो कोई नहीं बता रहा है। कोई बताए तब तो इसे ठीक करने की कोशिश करूं।  तोमर ने कहा-'मैं किसान यूनियन से दो महीने से यही पूछता रहा कि  इस कानून में काला क्या है.. कोई मुझे बताए तो में ठीक करने की कोशिश करूंगा लेकिन मुझे किसानों के साथ मीटिंग में भी नहीं मालूम पड़ा। वहीं प्रतिपक्ष के सदस्यों ने कहा कि कानून खराब है, यह किसी ने नहीं बताया कि कानून किसान के प्रतिकूल है।' उन्होंने कहा कि कोई बताए कि कमियां कहां और क्या हैं, सरकार संशोधन के लिए तैयार है।

किसान अपने उत्पाद बेचने के लिए स्वतंत्र
कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि हम लोगों ने ट्रेड एक्ट बनाया, उस एक्ट में यह प्रावधान किया कि APMC के बाहर जो एरिया होगा वह ट्रेड एरिया होगा। वह किसान का घर, वेयरहाउस या खेत भी हो सकता है और कोई भी व्यक्ति किसी भी स्थान के लिए ...किसान वहां से अपने उत्पादन को बेचने के लिए स्वतंत्र है... यह कानून अनुमति देगा। एपीएमसी के बाहर अगर कोई ट्रेड होगा तो उसपर न तो केंद्र और न ही राज्य का टैक्स लगेगा। एपीएमसी के अंदर टैक्स लगता है, राज्य सरकार का टैक्स लागू होता है। एपीएमसी के बाहर केंद्र का कानून टैक्स से बचाता है और एपीएमसी के अंदर राज्य का कानून टैक्स लगा रहा है। टैक्स हटाने वाले के खिलाफ प्रदर्शन होना चाहिए या टैक्स लगाने वालों के खिलाफ?

किसानों को उकसाया जा रहा है ; तोमर
तोमर ने राज्यसभा में कहा कि कृषि कानूनों को लेकर विरोध केवल एक राज्य तक ही सीमित है और किसानों को उकसाया जा रहा है ।कृषि मंत्री ने कहा कि विपक्षी दल तीनों नए कृषि कानूनों में एक भी खामी बताने में नाकाम रहे। तोमर ने कहा कि भारत सरकार कानूनों में किसी भी संशोधन के लिए तैयार है इसके मायने ये नहीं लगाए जाने चाहिए कि कृषि कानूनों में कोई गलती है। पूरे एक राज्य में लोग गलतफहमी का शिकार हैं। किसानों को इस बात के लिए बरगलाया गया है कि ये कानून आपकी जमीन ले जाएंगे।

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