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Hindi News भारत राष्ट्रीय New CJI:बाप के बाद अब बेटा भी बनेगा सुप्रीम कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश, सीजेआइ ने भेजी नाम की सिफारिश

New CJI:बाप के बाद अब बेटा भी बनेगा सुप्रीम कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश, सीजेआइ ने भेजी नाम की सिफारिश

New CJI:देश में ऐसा पहली बार होने जा रहा है, जब बाप और बेटा दोनों ही भारत के मुख्य न्यायाधीश बनने का गौरव हासिल कर एक नया इतिहास बनाएंगे। भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआइ) यू यू ललित का कार्यकाल अब खत्म होने को है।

Justice DY Chandrachud- India TV Hindi Image Source : INDIA TV Justice DY Chandrachud

Highlights

  • जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ होंगे देश के अगले मुख्य न्यायाधीश
  • दो वर्ष तक का होगा जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ का बतौर सीजेआइ कार्यकाल
  • पिता वाईवी चंद्रचूड़ सात साल से अधिक वर्षों तक रहे थे सीजेआइ

New CJI:देश में ऐसा पहली बार होने जा रहा है, जब बाप और बेटा दोनों ही भारत के मुख्य न्यायाधीश बनने का गौरव हासिल कर एक नया इतिहास बनाएंगे।
भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआइ) यू यू ललित का कार्यकाल अब खत्म होने को है। ऐसे में नियमानुसार उन्होंने अपने उत्तराधिकारी के तौर पर वरिष्ठतम न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ के नाम की केंद्र से मंगलवार को सिफारिश की है। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के पिता वाई वी चंद्रचूड़ भी सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं।

कई संवैधानिक पीठों और अयोध्या भूमि विवाद, निजता का अधिकार से जुड़े मामलों समेत शीर्ष न्यायालय के ऐतिहासिक फैसलों का हिस्सा रहे न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ सरकार द्वारा सिफारिश को मंजूर करने के बाद नौ नवंबर को देश के 50वें सीजेआइ बनेंगे। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़़ 13 मई 2016 को उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश बने थे। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ का दो साल का कार्यकाल होगा और वह 10 नवंबर 2024 को सेवानिवृत्त होंगे। उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश 65 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त होते हैं।

पिता सबसे लंबे समय तक रहे थे सीजेआइ
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ देश के सबसे लंबे समय तक सीजेआइ रहे न्यायाधीश वाई वी चंद्रचूड़ के बेटे हैं। उनके पिता 22 फरवरी 1978 से 11 जुलाई 1985 तक न्यायपालिका के शीर्ष पद पर काबिज रहे। निवर्तमान सीजेआइ यूयू ललित ने अपनी सिफारिश का पत्र न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ को भी सौंपा है। विधि मंत्री किरेन रीजीजू ने सात अक्टूबर को सीजेआई को पत्र भेजकर अपने उत्तराधिकारी के नाम की सिफारिश करने को कहा था। सीजेआइ ललित आठ नवंबर को सेवानिवृत्त होंगे और उनका 74 दिन का ही कार्यकाल रहेगा।

Image Source : India TvJustice YV Chandrachud

न्यायपालिका के डिजिटलीकरण में जस्टिस चंद्रचूड़ को अहम रोल
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ के नाम की सिफारिश करते हुए रीजीजू को पत्र लिखने वाले सीजेआइ ललित ने उच्चतम न्यायालय के सभी न्यायाधीशों से सुबह सवा 10 बजे न्यायाधीशों के लाउंज में एकत्रित होने का अनुरोध किया था। इसके बाद उन्होंने न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ को पत्र सौंपा। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने न्यायपालिका के डिजीटलीकरण में भी अहम भूमिका निभायी है। उच्च न्यायपालिका में न्यायाधीशों की नियुक्ति की प्रक्रिया का संचालन करने वाले प्रक्रिया ज्ञापन के अनुसार, निवर्तमान सीजेआइ ने विधि मंत्रालय से पत्र मिलने के बाद अपने उत्तराधिकारी के नाम की सिफारिश करने की प्रक्रिया शुरू कर दी। ज्ञापन में कहा गया है कि उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठतम न्यायाधीश को सीजेआई पद के योग्य माना जाता है और ‘‘उचित समय पर’’ न्यायपालिका के निवर्तमान प्रमुख की राय ली जाती है।

समलैंगिकता पर दिया था अहम फैसला
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ समलैंगिक संबंधों को अपराध के दायरे से बाहर करने, आधार योजना की वैधता और सबरीमला मुद्दे पर ऐतिहासिक फैसला लेने वाली पीठों का भी हिस्सा रहे। हाल में उनकी अगुवाई वाली एक पीठ ने गर्भपात संबंधी कानून (मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट) के दायरे का विस्तार किया तथा अविवाहित महिलाओं को भी 20 से 24 हफ्ते के गर्भ को गिराने की अनुमति दे दी। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ पहले इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं। वह इस पद पर नियुक्त होने से पहले, 29 मार्च 2000 तक बंबई उच्च न्यायालय के न्यायाधीश थे।

1998 में बंबई हाईकोर्ट ने बनाया वरिष्ठ अधिवक्ता
बंबई उच्च न्यायालय ने न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ को जून 1998 में वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में पदस्थ किया और उन्हें उसी साल अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल नियुक्त किया गया था। दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज से अर्थशास्त्र में बीए ऑनर्स करने के बाद न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने दिल्ली विश्वविद्यालय के कैम्पस लॉ सेंटर से एलएलबी की डिग्री ली।

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