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Hindi News भारत राष्ट्रीय Amit Shah: 'नॉर्थ ईस्ट में राष्ट्र-विरोधी गतिविधियां हुईं कम, यह ‘सुखी पूर्वोत्तर’ का सूचक'

Amit Shah: 'नॉर्थ ईस्ट में राष्ट्र-विरोधी गतिविधियां हुईं कम, यह ‘सुखी पूर्वोत्तर’ का सूचक'

Amit Shah: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि नॉर्थ ईस्ट के उग्रवाद प्रभावित इलाकों में हिंसक घटनाओं में 70 प्रतिशत की गिरावट आई है और यह ‘सुखी पूर्वोत्तर’ का सूचक है। उन्होंने कहा कि जहां सबसे ज्यादा खतरा था वहां सुरक्षा स्थिति में सुधार हुआ है।

Union Home Minister Amit Shah - India TV Hindi Image Source : ANI Union Home Minister Amit Shah

Highlights

  • जो पत्थर फेंकते थे, वे अब पंच-सरपंच बन रहे हैं: अमित शाह
  • 'नॉर्थ ईस्ट में हिंसक घटनाओं में 70 प्रतिशत की गिरावट आई है'
  • 'नॉर्थ ईस्ट में राष्ट्र-विरोधी गतिविधियां कम होना हमारे लिए गर्व की बात'

Amit Shah: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ‘राष्ट्रीय पुलिस स्मृति दिवस’ के मौके पर कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में पिछले आठ वर्षों में देश के ज्यादातर ‘संवेदनशील’ जगहों पर राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों कम हुई हैं। उन्होंने आगे कहा कि जहां सबसे ज्यादा खतरा था वहां सुरक्षा स्थिति में सुधार हुआ है। शाह ने कहा कि इस दौरान पूर्वोत्तर के उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में हिंसक घटनाओं में 70 प्रतिशत की गिरावट आई है और यह ‘सुखी पूर्वोत्तर’ का सूचक है। केंद्रीय मंत्री ने चाणक्यपुरी क्षेत्र में राष्ट्रीय पुलिस स्मारक में शीर्ष पुलिस और अर्धसैनिक बलों के कमांडरों को संबोधित करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में भी सुरक्षा स्थिति में इसी तरह सुधार हुआ है। उन्होंने कहा, ‘ज्यादातर संवेदनशील’ स्थानों पर अब राष्ट्र-विरोधी गतिविधियां कम हुई हैं और यह हमारे लिए काफी संतोषजनक व गर्व की बात है।’’ 

'पत्थर फैंकने वाले बन रहे पंच-सरपंच'

शाह ने कहा कि पूर्वात्तर राज्यों में मोदी सरकार ने सशस्त्र बलों (AFSPA के तहत) को दी गई विशेष शक्तियों को वापस ले लिया है और इसके बजाय क्षेत्र के उज्ज्वल भविष्य के लिए वहां के युवाओं को ‘विशेष अधिकार’ दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के हालात ऐसे हैं कि जो लोग पहले सुरक्षाकर्मियों पर पत्थर फेंकते थे, वे अब ‘पंच’ और ‘सरपंच’ बन रहे हैं और लोकतांत्रिक तरीके से क्षेत्र के विकास में योगदान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि वामपंथी उग्रवाद (LWE) से प्रभावित राज्यों में जहां हिंसा की काफी वारदातें होती थीं, वहां ‘एकलव्य’ स्कूलों में राष्ट्रगान गाया जा रहा है और उन इलाकों में मकानों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है। 

'इस वजह से भारत विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा'

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देशभर के 35 हजार से ज्यादा पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवानों के ‘बलिदान’ की वजह से ही भारत विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं आश्वासन देता हूं कि इन कर्मियों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा और मैं यह कहना चाहूंगा कि देश पुलिस की प्रतिबद्धता के कारण ही आगे बढ़ रहा है।’’ इन कर्मियों को श्रद्धांजलि देते हुए शाह ने कहा कि कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान इन्होंने अग्रणी भूमिका निभाई। 

'आयुष्मान भारत के तहत 35 लाख कार्ड बांटे'

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पीएम मोदी की सरकार कर्मियों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है और गृह मंत्रालय ने बेहतर स्वास्थ्य देखभाल सेवा सुनिश्चित करने, उनकी बेहतर आवासीय व्यवस्था तथा केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPF) के जवानों के ‘ड्यूटी रोस्टर’ (कामकाजी घंटों) को मानवीय बनाने के लिए ‘प्रभावी कदम’ उठाए हैं और उसके ‘निश्चित परिणाम’ भी मिल रहे हैं। उन्होंने बताया कि 2014 में CAPF के 37 प्रतिशत जवान ही आवासीय सुविधाओं से संतुष्ट थे और अब 48 प्रतिशत जवान इससे संतुष्ट हैं। सरकार का लक्ष्य इसे अगले कुछ वर्षों में 60 प्रतिशत करने का है। शाह ने कहा कि गृह मंत्रालय ने केंद्र की स्वास्थ्य देखभाल योजना ‘आयुष्मान भारत’ के तहत CAPF के सैनिकों व उनके परिवारों को 35 लाख कार्ड बांटे हैं और उनकी सेवाओं पर अभी तक 20 करोड़ रुपये (रिइंबर्स) खर्च किए हैं। 

इसलिए मनाया जाता है ‘पुलिस स्मृति दिवस’

‘पुलिस स्मृति दिवस’, लद्दाख के हॉट स्प्रिंग्स इलाके में 1959 में चीन के आक्रमण की जवाबी कार्रवाई के दौरान जान गंवाने वाले केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के 10 जवानों की याद में मनाया जाता है। शाह ने विभिन्न केंद्रीय पुलिस और खुफिया संगठनों के प्रमुखों के नेतृत्व में पुलिस स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की। 

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