A
Hindi News भारत राष्ट्रीय Assam Floods: असम में बाढ़ से हालात बेहद गंभीर, राज्य के 35 में से 33 जिलों की आबादी प्रभावित

Assam Floods: असम में बाढ़ से हालात बेहद गंभीर, राज्य के 35 में से 33 जिलों की आबादी प्रभावित

Assam Floods: असम में बाढ़ से स्थिति गंभीर बनी हुई है और राज्य के 35 में से 33 जिलों में लगभग 43 लाख की आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बाढ़ से गंभीर रूप से प्रभावित क्षेत्रों में भोजन और अन्य राहत सामग्री को हवाई मार्ग से गिराने का निर्देश दिया है। 

Situation in Assam getting worse due to floods- India TV Hindi Image Source : PTI Situation in Assam getting worse due to floods

Highlights

  • बाढ़ से लगभग 43 लाख की आबादी प्रभावित
  • हवाई मार्ग से राहत सामग्री गिराने के निर्देश
  • बाढ़-भूस्खलन में मरने वालों की संख्या हुई 73

Assam Floods: असम में बाढ़ से स्थिति गंभीर बनी हुई है और राज्य के 35 में से 33 जिलों में लगभग 43 लाख की आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बाढ़ से गंभीर रूप से प्रभावित क्षेत्रों में भोजन और अन्य राहत सामग्री को हवाई मार्ग से गिराने का निर्देश दिया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। सरमा ने दिन में अपने कैबिनेट सहयोगियों और वरिष्ठ जिला अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक के बाद यह निर्देश दिया। 

मदद के लिए गए दो पुलिसकर्मियों की मौत

राज्य में जारी बाढ़ और भूस्खलन में मरने वालों की संख्या सोमवार को बढ़कर 73 हो गई। मृतकों में नगांव जिले के एक थाना प्रभारी सहित दो पुलिसकर्मी शामिल हैं, जो असहाय लोगों की मदद के लिए गए थे, लेकिन बाढ़ के पानी में बह गए। अधिकारियों ने बताया कि सोमवार तड़के उनके शव निकाले गए। सरमा ने अपने मंत्रियों, राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों और उपायुक्तों के साथ डिजिटल बैठक की। उन्होंने निर्देश दिया कि राहत और बचाव कार्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए और इसमें कोई देरी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘जहां बाढ़ की स्थिति गंभीर है और सेना, एनडीआरएफ या एसडीआरएफ की नौकाएं नहीं पहुंच पाई हैं, वहां राहत सामग्री हवाई मार्ग से गिराई जाए।’’ 

"नियमों से बाहर जाकर भी करें मदद"

मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले कुछ दिनों तक जिले के अधिकारियों को प्रक्रिया संबंधी नियमों से सरोकार नहीं रखना चाहिए बल्कि प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘यदि कुछ क्षेत्रों को राहत नियमावली में शामिल नहीं किया गया है, तो हम यह सुनिश्चित करेंगे कि वे राज्य के स्वामित्व वाली प्राथमिकता विकास योजनाओं और मुख्यमंत्री राहत कोष के अंतर्गत आएं।’’ उन्होंने उपायुक्तों को स्वास्थ्य विभाग की टीम को तैयार रखने और बाढ़ प्रभावितों के लिए बनाए गए राहत शिविरों में डॉक्टरों की दैनिक यात्रा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि गंभीर स्थिति वाले मरीजों को नजदीकी अस्पतालों में भेजने के लिए एंबुलेंस को पहले से तैयार रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी जिला अस्पतालों में रात की पाली बढ़ाई जानी चाहिए और वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं और बच्चों का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए। 

"सभी संरक्षक मंत्री और सचिव बाढ़ राहत कार्यों की निगरानी करें"

सरमा ने अधिकारियों को राज्य के नौ मेडिकल कॉलेजों की मदद से क्षेत्र-वार मेगा स्वास्थ्य शिविरों की योजना बनाने का निर्देश दिया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि बाढ़ के बाद की बीमारियों से प्रभावी ढंग से निपटा जा सके। उन्होंने जिलों के उपायुक्तों को बाढ़ का पानी कम होते ही नुकसान का तुरंत आकलन शुरू करने और जल्द से जल्द काम पूरा करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि राज्य सचिवालय में आवश्यक बाढ़ संबंधी कार्यों को छोड़कर सभी संरक्षक मंत्री और सचिव बाढ़ राहत कार्यों की निगरानी के लिए अपने-अपने जिला मुख्यालयों में होने चाहिए। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के एक बुलेटिन के अनुसार, राज्य पिछले एक सप्ताह से विनाशकारी बाढ़ से जूझ रहा है, जिसमें 127 राजस्व मंडल और 33 जिलों के 5,137 गांव प्रभावित हैं। करीब 1.90 लाख लोगों ने 744 राहत शिविरों में शरण ली है। शिविरों में नहीं जाने वाले प्रभावित लोगों को 403 अस्थायी केंद्रों से राहत सामग्री वितरित की गई है। 

किन जिलों में बज रही खतरी की घंटी?

अधिकारियों ने बताया कि एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और अन्य एजेंसियों ने अब तक करीब 30,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। केंद्रीय जल आयोग के बुलेटिन के अनुसार, कोपिली नदी नगांव जिले के कामपुर में और ब्रह्मपुत्र नदी निमाटीघाट, तेजपुर, गुवाहाटी, कामरूप, गोलपारा और धुबरी में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। सुबनसिरी, पुथिमारी, पगलाडिया, मानस, बेकी बराक और कुशियारा नदियां भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। बुलेटिन के अनुसार, पिछले 24 घंटे में बारपेटा, कछार, दरांग, गोलपारा, कामरूप (मेट्रो), करीमगंज, नलबाड़ी और उदलगुरी के शहरी इलाकों से बाढ़ की सूचना मिली है, जबकि कछार, दीमा-हसाओ, गोलपारा, हैलाकांडी, कामरूप (एम) और करीमगंज जिलों में भारी बारिश से भूस्खलन हुआ है। काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान (केएनपी) में आठ जानवर - सात हिरण और एक तेंदुए की डूबने और वाहन की चपेट में आने से मौत हो गई है। केएनपी अधिकारी ने बताया कि वन अधिकारियों ने आठ हिरन और एक अजगर सहित दस अन्य को बचाया है।

Latest India News