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Hindi News भारत राष्ट्रीय अतीक-अशरफ की हत्या से पहले भी जिगाना पिस्टल से चली हैं गोलियां, चित्रकूट जेल गैंगवार में हुआ था इस्तेमाल

अतीक-अशरफ की हत्या से पहले भी जिगाना पिस्टल से चली हैं गोलियां, चित्रकूट जेल गैंगवार में हुआ था इस्तेमाल

प्रयागराज में अतीक और अशरफ की जिस जिगाना पिस्टल से गोली मारकर हत्या की गई, उसका इस्तेमाल पहले भी गैंगवार में हो चुका है।

जिगाना पिस्टल से की गई अतीक अहमद की हत्या- India TV Hindi Image Source : फाइल जिगाना पिस्टल से की गई अतीक अहमद की हत्या

लखनऊ: माफिया डॉन अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की जिस जिगाना पिस्टल से गोली मारकर हत्या की गई, उस पिस्टल का इस्तेमाल पहले भी गैंगवार में हो चुका है। जानकारी के मुताबिक इसी जिगाना कंपनी की पिस्टल का इस्तेमाल चित्रकूट की जेल में हुए गैंगवार में किया गया था। गैंगस्टर अंशु दीक्षित ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुख्यात मुकीम काला और मेराज की हत्या कर दी थी। उस वक्त अंशु दीक्षित ने मुकीम काला और मेराज की हत्या के लिए जिगाना पिस्टल का ही इस्तेमाल किया था। 

चित्रकूट जेल गैंगवार में जिगाना पिस्टल से हुई थी फायरिंग

अंशु दीक्षित को बाद में पुलिस ने एनकाउंटर में ढेर कर दिया था। जेल के अंदर हुए इस गैंगवार के बाद पुलिस को जो विदेशी पिस्टल बरामद हुई थी वह जिगाना कंपनी की पिस्टल थी। चित्रकूट जेल के अंदर यह गैंगवार 14 मई 2021 को हुआ था। जांच एजेंसियां आज तक इस बात का पता नहीं लगा पाईं कि आखिर कैसे ये पिस्टल जेल के अंदर तक पहुंची।

प्रयागराज में हुई अतीक और अशरफ की हत्या

बता दें कि शनिवार (15 अप्रैल ) की रात को अतीक और अशरफ की उस वक्त गोली मारकर हत्या कर दी गई थी जब उन्हें मेडिकल के लिए प्रयागराज की केल्विन अस्पताल में लाया गया था। जिस वक्त दोनों की हत्या हुई उस वक्त वे पुलिस हिरासत में थे। उमेश पाल हत्याकांड को लेकर पुलिस दोनों से पूछताछ कर रही थी। इसी दौरान मेडिकल के लिए उसे अस्पताल लाया गया लेकिन मीडियाकर्मियों से बातचीत के दौरान अतीक और अशरफ की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। 

क्यों अपराधियों की पसंद है जिगाना पिस्टल ?

जिगाना पिस्टल तुर्क में बनती है इसकी कीमत करीब 7 लाख रुपये है। इस पिस्टल की खासियत ये है फायरिंग के दौरान ये कभी जाम नहीं होती है। इस पिस्टल से एक बार में 15 से 17 राउंड फायर कर सकते हैं। भारत में इस पिस्टल पर बैन है। हथियार तस्कर पाकिस्तान के रास्ते इसे भारत में लाते हैं। पंजाब के हथियार तस्करों के पास यह आसानी से उपलब्ध है। 

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