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Hindi News भारत राष्ट्रीय 'भारत आज भी सारे जहां से अच्छा दिखता है', अनडॉकिंग से पहले बोले शुभांशु शुक्ला

'भारत आज भी सारे जहां से अच्छा दिखता है', अनडॉकिंग से पहले बोले शुभांशु शुक्ला

शुभांशु शुक्ला ने आईएसएस में अपने प्रवास का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘यह मुझे जादुई सा लगता है। यह मेरे लिए एक शानदार यात्रा रही है।’

Shubhanshu Shukla- India TV Hindi Image Source : PTI शुभांशु शुक्ला

नई  दिल्ली: अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने रविवार को कहा कि भारत आज भी सारे जहां से अच्छा दिखता है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर ‘एक्सिओम-4’ मिशन के अंतरिक्ष यात्रियों के लिए आयोजित विदाई समारोह में यह कहा। उन्होंने कहा कि भारत अंतरिक्ष से महत्वाकांक्षा, निडरता, आत्मविश्वास और गर्व से भरा नजर आता है। शुक्ला ने भारत के प्रथम अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा के 1984 में कहे शब्दों को दोहराते हुए कहा, ‘‘आज भी भारत ऊपर से 'सारे जहां से अच्छा' दिखता है।’’ 

मेरे लिए एक शानदार यात्रा

शुभांशु शुक्ला ने आईएसएस (इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन) में अपने प्रवास का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘यह मुझे जादुई सा लगता है। यह मेरे लिए एक शानदार यात्रा रही है।’’ उन्होंने ने कहा कि वह अपने साथ बहुत सारी यादें और सीख लेकर जा रहे हैं, जिन्हें वह अपने देशवासियों के साथ शेयर करेंगे। उन्होंने कहा मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि अगर हम ठान लें, तो तारे भी प्राप्त किए जा सकते हैं। जल्दी ही धरती पर मुलाकात करते हैं।"

कल धरती पर वापसी की यात्रा शुरू करेंगे

आईएसएस पर 18 दिन के गहन वैज्ञानिक प्रयोगों के बाद शुभांशु शुक्ला और ‘एक्सिओम-4’ मिशन के तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों की विदाई का समय आ गया है और वे सोमवार को पृथ्वी के लिए अपनी वापसी यात्रा शुरू करेंगे। शुक्ला और तीन अन्य अंतरिक्ष यात्री- कमांडर पैगी व्हिटसन, पोलैंड एवं हंगरी के मिशन विशेषज्ञ स्लावोज उज्नान्स्की-विस्नीव्स्की और टिबोर कापू, ‘एक्सिओम-4 मिशन’ के तहत 26 जून को अंतरिक्ष स्टेशन पहुंचे थे।

मिशन को संभव बनाने वालों के प्रति आभार

शुक्ला ने उन लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया जिन्होंने इस मिशन को संभव बनाया। उन्होंने कहा,"अंतरिक्ष स्टेशन पर मौजूद लोगों ने इसे अविश्वसनीय बना दिया है। आप जैसे पेशेवरों के साथ काम करना मेरे लिए खुशी की बात थी," उन्होंने अपने भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय सहयोगियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा। उन्होंने मिशन की वैज्ञानिक उपलब्धियों, आउटरीच प्रयासों और कक्षा से पृथ्वी को देखने से उत्पन्न होने वाले अद्भुत अनुभव पर प्रकाश डाला। शुक्ला ने इस मिशन को संभव बनाने के लिए इसरो, एक्सिओम स्पेस, नासा और स्पेसएक्स का भी आभार व्यक्त किया और आउटरीच तथा विज्ञान कार्यक्रमों में योगदान देने वाले देश के छात्रों और शोधकर्ताओं का भी आभार व्यक्त किया। (PTI)

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